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छत्तीसगढ़ के किसानों का जत्था पहुंचा सिंघु बॉर्डर

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Published : Jan 11, 2021, 2:29 AM IST

छत्तीसगढ़ से 200 किसानों का जत्था 7 जनवरी को रायपुर से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर के लिए रवाना हुआ था. केंद्र सरकार के लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो रहा है. रविवार की सुबह सिंघु बॉर्डर के मुख्य मंच से छत्तीसगढ़ के किसान नेता तेजराम विद्रोही ने किसानों को संबोधित किया.

Chhattisgarh farmers on Singhu border
सिंघु बॉर्डर पर छत्तीसगढ़ के किसान

रायपुर: किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ से निकला 200 किसानों का जत्था सिंघु बॉर्डर पहुंच गया है. केंद्र सरकार के लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो रहा है. विभिन्न राज्यों से किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं. कानून वापसी की मांग लेकर 7 जनवरी को रायपुर से 200 किसानों का जत्था दिल्ली बॉर्डर में चल रहे किसान आंदोलन के लिए रवाना हुआ था.

Chhattisgarh farmers on Singhu border
सिंघु बॉर्डर के मुख्य मंच से छत्तीसगढ़ के किसान नेता तेजराम विद्रोही

हरियाणा पुलिस ने रोका था किसानों को

8 जनवरी की देर रात किसानों का जत्था पलवल बॉर्डर पहुंचा था. जहां हरियाणा पुलिस ने किसानों के काफिले को रोक लिया था. किसानों ने हाइवे पर ही 9 तारीख को रैली निकाल कर धरना प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश के किसान शामिल हुए. धरना प्रदर्शन से बाद किसान सिंघु बॉर्डर की ओर रात में रवाना हुए. शनिवार की रात 2 बजे किसान सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे.

Chhattisgarh farmers on Singhu border
सिंघु बॉर्डर पर छत्तीसगढ़ के किसान

पढ़ें: दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों के लिए कांग्रेस भेजेगी धान और राशि !

सिंघु बॉर्डर के मुख्य मंच से छत्तीसगढ़ के किसान नेता ने भरी हुंकार

रविवार की सुबह सिंघु बॉर्डर के मुख्य मंच से संबोधित करते हुए अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव और छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने कहा कि हम छत्तीसगढ़ के किसान दिल्ली सीमाओं पर हो रहे देशव्यापी किसान आंदोलन के साथ एकजुटता कायम करने का पैगाम लाए हैं. जिस तरह से मोदी सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, वह इस मंच से सुन ले कि यह आंदोलन देश के तमाम अमन पसंद और लोकतंत्र प्रेमी नागरिकों का आंदोलन बन चुका है.

Chhattisgarh farmers on Singhu border
सिंघु बॉर्डर में किसान आंदोलन

पढ़ें: किसान आंदोलन के 46वें दिन चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर 'दंगल'

दूसरा जत्था होगा रवाना

किसान नेता ने जानकारी देते हुए कहा कि अभी सैकड़ों की संख्या में छत्तीसगढ़ से किसान आए हैं, 26 जनवरी तक हजारों की संख्या में किसान यहां पहुंचेंगे. सिंघु बॉर्डर में पहले दिन ही छत्तीसगढ़ से दिल्ली गए 200 किसानों के जत्थे का नेतृत्व कर रहे तेजराम विद्रोही, दलबीर सिंह, गजेंद्र कोसले, नवाब गिलानी, ज्ञानी बलजिंदर सिंह, अमरीक सिंह, सुखविंदर सिंह सिद्धू, दलबीर सिंह, सुखदेव सोनू सिद्धू, के नेतृत्व में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, बुंदेलखंड उत्तरप्रदेश, उड़ीसा के किसानों के साथ मिलकर औरंगाबाद-मितरौल टोल प्लाजा को फ्री किया गया.

रायपुर: किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ से निकला 200 किसानों का जत्था सिंघु बॉर्डर पहुंच गया है. केंद्र सरकार के लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो रहा है. विभिन्न राज्यों से किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं. कानून वापसी की मांग लेकर 7 जनवरी को रायपुर से 200 किसानों का जत्था दिल्ली बॉर्डर में चल रहे किसान आंदोलन के लिए रवाना हुआ था.

Chhattisgarh farmers on Singhu border
सिंघु बॉर्डर के मुख्य मंच से छत्तीसगढ़ के किसान नेता तेजराम विद्रोही

हरियाणा पुलिस ने रोका था किसानों को

8 जनवरी की देर रात किसानों का जत्था पलवल बॉर्डर पहुंचा था. जहां हरियाणा पुलिस ने किसानों के काफिले को रोक लिया था. किसानों ने हाइवे पर ही 9 तारीख को रैली निकाल कर धरना प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश के किसान शामिल हुए. धरना प्रदर्शन से बाद किसान सिंघु बॉर्डर की ओर रात में रवाना हुए. शनिवार की रात 2 बजे किसान सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे.

Chhattisgarh farmers on Singhu border
सिंघु बॉर्डर पर छत्तीसगढ़ के किसान

पढ़ें: दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों के लिए कांग्रेस भेजेगी धान और राशि !

सिंघु बॉर्डर के मुख्य मंच से छत्तीसगढ़ के किसान नेता ने भरी हुंकार

रविवार की सुबह सिंघु बॉर्डर के मुख्य मंच से संबोधित करते हुए अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव और छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने कहा कि हम छत्तीसगढ़ के किसान दिल्ली सीमाओं पर हो रहे देशव्यापी किसान आंदोलन के साथ एकजुटता कायम करने का पैगाम लाए हैं. जिस तरह से मोदी सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, वह इस मंच से सुन ले कि यह आंदोलन देश के तमाम अमन पसंद और लोकतंत्र प्रेमी नागरिकों का आंदोलन बन चुका है.

Chhattisgarh farmers on Singhu border
सिंघु बॉर्डर में किसान आंदोलन

पढ़ें: किसान आंदोलन के 46वें दिन चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर 'दंगल'

दूसरा जत्था होगा रवाना

किसान नेता ने जानकारी देते हुए कहा कि अभी सैकड़ों की संख्या में छत्तीसगढ़ से किसान आए हैं, 26 जनवरी तक हजारों की संख्या में किसान यहां पहुंचेंगे. सिंघु बॉर्डर में पहले दिन ही छत्तीसगढ़ से दिल्ली गए 200 किसानों के जत्थे का नेतृत्व कर रहे तेजराम विद्रोही, दलबीर सिंह, गजेंद्र कोसले, नवाब गिलानी, ज्ञानी बलजिंदर सिंह, अमरीक सिंह, सुखविंदर सिंह सिद्धू, दलबीर सिंह, सुखदेव सोनू सिद्धू, के नेतृत्व में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, बुंदेलखंड उत्तरप्रदेश, उड़ीसा के किसानों के साथ मिलकर औरंगाबाद-मितरौल टोल प्लाजा को फ्री किया गया.

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