रायपुर: बस्तर के कांकेर में एक धर्म विशेष के परिवार के मृतकों को दफनाने को लेकर बीते दिनों विवाद हुआ था. कुछ लोगों ने एक खास धर्म के मृतकों के शव को दफनाने पर बवाल काटा था. इस मुद्दे पर एक समाचार एजेंसी से बातचीत में पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बीजेपी को निशाने पर लिया. दीपक बैज ने बीजेपी पर सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडे पर काम करने का गंभीर आरोप लगाया.
बीजेपी पर दीपक बैज ने क्या आरोप लगाया: दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के पास" छत्तीसगढ़ सरकार को घेरने के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है. इसलिए वह 'फूट डालो और राज करो' की नीति पर उतर आई है. उनका एजेंडा लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बांटना और लोगों को एक-दूसरे से लड़ाना है. बस्तर क्षेत्र में ईसाई धर्म अपनाने वाले आदिवासी परिवारों के मृतकों को दफनाने को लेकर झड़प की कुछ कथित घटनाओं का जिक्र किया"
"यदि कोई मामला गांव से संबंधित है तो ग्रामीण स्वयं ही इसका समाधान कर सकते हैं. बीजेपी के लोग उन जगहों पर जाकर नफरत क्यों फैला रहे हैं? भाजपा सत्ता में आने के लिए बस्तर और छत्तीसगढ़ में शांति के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रही है. हालांकि, वे कभी सफल नहीं होंगे. क्योंकि बस्तर और छत्तीसगढ़ के लोगों ने उनका असली चेहरा पहचान लिया है. उन लोगों से पूछें जो धर्म परिवर्तन के बाद अपने मृत परिवार के सदस्य को दफनाने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं. उन लोगों ने 10-15 साल पहले राज्य में पिछले भाजपा शासन के दौरान ईसाई धर्म स्वीकार किया था."- दीपक बैज, पीसीसी चीफ
ईडी की कार्रवाई का चुनाव पर नहीं पड़ेगा असर, हमारे लिए हर चुनाव चुनौती: दीपक बैज ने ईडी के छापों को लेकर भी बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि"कथित कोयला और शराब घोटालों में ईडी के आरोप निराधार हैं. यह एजेंसियां सिर्फ बीजेपी और केंद्र सरकार की टूल बन गई है. ईडी गैर भाजपा शासित राज्यों में भाजपा के इशारे पर काम कर रही है. इस तरह की कार्रवाई का छत्तीसगढ़ के चुनाव परिणाम में कोई असर नहीं पड़ेगा "
दीपक बैज ने सभी चुनावों को राज्य में एक चुनौती बताया है. उन्होंने कहा कि हर चुनाव कांग्रेस के लिए एक चुनौती है. चाहे वह विधानसभा का चुनाव हो या पंचायत का चुनाव हो. हमारी सरकार ने जनता के कल्याण के लिए काम किया है. अब पार्टी बूथ स्तर पर से लेकर प्रदेश स्तर तक काम कर रही है. हमें कोई दिक्कत नहीं है.
सर्व आदिवासी समाज के चुनाव लड़ने का नहीं होगा असर: छत्तीसगढ़ में सर्व आदिवासी समाज ने 50 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. जिसमें 29 सीटें एसटी यानी की अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है.इस मसले पर दीपक बैज ने दावा किया है कि बस्तर कांग्रेस का गढ़ है. यहां सर्व आदिवासी समाज के चुनाव लड़ने पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. लेकिन कुछ लोग राजनीति करना चाहते हैं तो हम क्या कर सकते हैं. बस्तर हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है. एक या दो चुनावों को छोड़कर कांग्रेस की स्थिति अच्छी रही है. जिस चुनाव में कांग्रेस की स्थिति खराब हुई थी उस दौरान बस्तर के लोग भाजपा के झूठ और धोखे से गुमराह हुए थे.
बस्तर में सभी सीटें जीतने का दावा: दीपक बैज ने दावा किया है कि बस्तर की सभी 12 की 12 सीटें कांग्रेस जीतने में सफल होगी. कांग्रेस बस्तर में करीब से नजर रख रही है. अगर कुछ कमियां हैं तो उन्हें दूर कर लिया जाएगा.
कांग्रेस विधायकों को एक्टिव रहने का दीपक बैज ने दिया मंत्र: कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर दीपक बैज ने नपे तुले शब्दों में बयान दिया है."अभी चुनाव में समय है. एक दिन या एक रात में समीकरण बदल सकते हैं. कई विधायक अच्छा काम कर रहे हैं. हम उनसे कह रहे हैं कि वह अपने क्षेत्र में जाएं और सक्रिय रहें. जहां तक टिकट बंटवारे का सवाल है. सीएम सब विधायकों के काम पर नजर रख रहे हैं. इसलिए इस पर कहना जल्दबाजी होगी"
आम आदमी पार्टी पर दीपक बैज का तंज: दीपक बैज न आम आदमी पार्टी पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में आप की कोई चुनावी संभावना नहीं है. जहां तक आप की बात है, यह दिल्ली और पंजाब तक ही सीमित हैं और छत्तीसगढ़ में इनकी कोई संभावना नहीं दिखती है. कांग्रेस पार्टी यहां सामूहिक रूप से विधानसभा चुनाव लड़ेगी. जिसमें भूपेश बघेल और और पार्टी के वरिष्ठ नेता नेतृत्व करते नजर आएंगे. इसके साथ ही हम लोग राज्य में चलाए जा रहे कल्याणकारी योजनाओं को जनता के सामने रखेंगे.
दीपक बैज के बयान पर आम आदमी पार्टी का पलटवार: दीपक बैज के बयान पर आम आदमी पार्टी ने पलटवार किया है. आप के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि" कुछ इसी तरह दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित जी ने बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि Who is AAP ? Can you call it a Party ? उसके बाद दिल्ली का जनादेश पूरे देश ने देखा. पंजाब और गुजरात में इनके नेता इसी तरह का बयान दे रहे थे. छत्तीसगढ़ में आप 90 सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी. आज हर गांव में हमारे कार्यकर्ता दिन रात मेहनत कर रहे हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि आप के कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाएगी. हम पूरी बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाएंगे"
एक नजर छत्तीसगढ़ के सीट और समीकरण पर: छत्तीसगढ़ में साल 2018 के चुनावी नतीजों के मुताबिक 90 सीटों में से कांग्रेस ने 68 सीट पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी को 15 सीट पर विजय हासिल हो पाई थी. जबकि जेसीसीजे को पांच और बीएसपी को 2 सीटें मिली थी. चार उपचुनाव में जीत के बाद कांग्रेस के अभी 71 सीट हैं. जबकि बीजेपी के पास 14 सीटें हैं. बीजेपी विधायक विद्यारतन भसीन के निधन के बाद बीजेपी के पास 13 सीटें हैं. जबकि जेसीसीजे के पास चार और बीएसपी के पास दो सीटें हैं.