रायपुर: शनिवार को प्रदेशभर में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन के जरिए से छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति ने चिटफंड के मुद्दे पर फिर से हल्ला मचाया. पिछले 10 वर्षों से जारी आंदोलन को तेज करने की चेतावनी देते हुए निवेशकों ने कहा कि प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद इस मुद्दे ने प्रमुख भूमिका निभाई थी, लेकिन अब सत्ताधीश लोग अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वायदों को भूल गए हैं.
मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
शनिवार दोपहर बाद शुभम साहू के नेतृत्व में राजधानी में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्ट्रेट में तहसीलदार दीपक भारद्वाज से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया. इस मौके पर मंच के पदाधिकारी भी उपस्थित थे. ज्ञापन सौंपने गए प्रतिनिधिमंडल में शुभम साहू, दुष्यन्त साहू, धनेश्वरी नारंग के साथ कई लोग शामिल थे. इस क्रम में शनिवार को प्रदेशभर में निवेशकों और अभिकर्ताओं ने दोपहर को अपने घर और कार्यस्थल के सामने पोस्टर उठाकर भूपेश सरकार से अपने चुनावी वायदे पूरा करने की मांग की.
पढ़ें- रायपुर: ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा प्रभावी बनाया जाएगा रोका-छेका अभियान
लॉकडाउन के नियमों का किया गया पालन
प्रदर्शनकारियों ने प्रेस को बताया कि लॉकडाउन के नियमों का पूर्ण पालन करते हुए की गई इस सांकेतिक कार्रवाई में 20 लाख निवेशकों का आक्रोश प्रदर्शित हो रहा है. स्थिति सामान्य होते ही एक बड़ी कार्रवाई के जरिए बड़ी लड़ाई के लिए कदम उठाया जाएगा. जिसकी तैयारियां की जा रहीं हैं.
फर्जी चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टर्स को गिरफ्तार करने की मांग
आंदोलनकारियों ने यह भी मांग की है कि फर्जी चिटफंड कंपनियों के समस्त फरार डायरेक्टर्स को गिरफ्तार किया जाए. इसके लिए विशेष पुलिस सेल की स्थापना हो. समस्त फरार कंपनियों की चल-अचल संपत्तियों को राजसात किया जाए. 8 महीने में प्रकरण की सुनवाई पूरी कर फैसले दिए जाएं. उनकी मांग है कि प्रदेश में चिटफंड व्यवसाय पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए. रायपुर, धमतरी, कुरूद, चांपा, बिलासपुर,राजनांदगांव ,महासमुंद सहित प्रदेश के अनेक हिस्सों में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन सफल रहा.