रायपुर: राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या के विरोध में शनिवार को छत्तीसगढ़ बंद किया गया. इस बंद में सभी दुकानें बंद रही. विश्व हिंदू परिषद द्वारा छत्तीसगढ़ बंद के आह्वान को चैंबर आफ कॉमर्स ने समर्थन दिया. दोपहर 2 बजे तक दुकानें बंद रहीं. हालांकि इस बंद में सब्जी, फल, दवाई, पेट्रोल पंप सहित अति आवश्यक सेवाओं को मुक्त रखा गया (Chhattisgarh bandh in Udaipur Kanhaiyalal Murder Case) है.
वहीं, शनिवार की सुबह बजरंग दल, भारतीय जनता पार्टी, विहिप के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में सब्जी मंडी शास्त्री बाजार को बंद करवाने पहुंचे. इस दौरान व्यापारियों और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर बहसबाजी हुई. बाद में व्यापारियों द्वारा सब्जी की बिक्री बंद कर दी गई और समर्थन दिया गया.
बंद की नहीं थी जानकारी: सब्जी व्यापारियों ने बताया, "हमें बंद की जानकारी बहुत देर में मिली. हम सभी व्यापारी भी उदयपुर में हुई घटना का विरोध करते है. लेकिन हमारा सब्जी भाजी का कच्चा काम होता है. अगर हम सब्जी नहीं बेचेंगे तो वह सड़कर खराब हो जाएगी. अगर हमें पहले से जानकारी होती तो हम किसानों को सब्जी लाने के लिए ही मना कर देते और पूरा बाजार बंद रहता."
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किसानों ने तोड़ रखी थी सब्जी: व्यापारियों ने बताया, "छत्तीसगढ़ बंद होने की जानकारी देर से मिली, किसानों ने सब्जी तोड़ रखी थी, इसलिए सब्जी बाजार में पहुंची. सब्जियां खराब ना हो इसलिए सुबह से ही बाजार खुला हुआ था. लेकिन कार्यकर्ताओं ने हमसे आग्रह किया है कि दुकानें बंद कर समर्थन करें, हमारा आधा सामान बिक गया है, बाकी सब्जियों से बच गई है उसे रखकर दुकान बंद कर देंगे.
लाखों का नुकसान: चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से सब्जी व्यवसाय को बंद से छूट दी गई थी. हालांकि एकाएक जब बाजार बंद करवाने लोग पहुंचे तो विवाद की स्थिति ना हो, यह बातें ध्यान में रखकर व्यापारियों ने व्यवसाय बंद करने का निर्णय लिया. व्यापारियों ने बताया, "सुबह से ही बाजार में लोगों की भीड़ कम थी. ऑटो रिक्शा भी नहीं चल रहे हैं. ऐसे में सब्जी की बिक्री भी कम हुई है. आधा सामान बचा हुआ है और अब हम सभी दुकान बंद कर रहे हैं. ऐसे में सभी व्यापारियों को मिलाकर लाखों रुपए का नुकसान हुआ है."