रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने साय सरकार के मंत्रिमंडल गठन पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि अब तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं कर पाए. सरकारी योजनाएं क्या शुरू करेंगे. साय ने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद और मिड डे मील में बच्चों को नाश्ता शुरू ना करने को लेकर भी भाजपा पर हमला बोला.
मिड डे मील को लेकर साय सरकार को घेरा: केंद्र सरकार के साथ मिलकर नक्सल घटनाओं पर लगाम लगाने के सवाल पर चरणदास महंत ने बीजेपी के घोषणा पत्र को लपेटे में लिया. उन्होंने पहली कक्षा से आठवीं कक्षा के बच्चों को नाश्ता देने के वादे पर सवाल उठाया है. उनका कहना है "नक्सल घटनाओं को रोकने में केंद्र सरकार का सहयोग तो रहता ही है. लेकिन इन्होंने अपने घोषणा पत्र में यह भी कहा है कि केंद्र सरकार और हमारे सहयोग से पहली कक्षा से आठवीं कक्षा के बच्चों को नाश्ता देंगे. सरकार बने 10 दिन से ज्यादा हो गए हैं पर बच्चों को नाश्ता नहीं मिला है. मिड डे मील के लिए पिछले कुछ सालों का लगभग 300 करोड़ केंद्र से आया नहीं है.
"जब बच्चों की ही चिंता उन्होंने शुरू नहीं की है, मिड डे मील की चिंता नहीं, जो केंद्र सरकार पर आधारित है, तो नक्सल पर क्या चिंता करेंगे, यह सोचनीय है.- चरणदास महंत, पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ विधानसभा
सरकार बदलते ही कर्जमाफी से किसान कर रहे खुदकुशी: बस्तर में किसान की खुदकुशी के मामले में भी महंत ने भाजपा को आड़े हाथों लिया. महंत ने कहा "हमारी सरकार ने पिछले पांच सालों में किसान को पहली प्राथमिकता में रखा. उनको समृद्ध बनाने के लिए अनेक योजनाएं भी दीं. उनके मेहनत का दाम भी दिया. लेकिन नई सरकार बनते ही आदिवासी बहुल बस्तर में आत्महत्याएं होने लगी. नक्सली हमले भी बढ़ गए हैं, जो दुखद है. अब इनके कारण क्या होंगे, यह मैं नहीं कह सकता. लेकिन सुना है कि जिनकी मृत्यु हुई है, उन पर कर्ज था और कर्ज उगाही के लिए गए थे. कांग्रेस पार्टी की घोषणा में हमने पांच सालों में एक लाख करोड़ रुपये छूट देने या उनको फायदा देने का वचन दिया था. मगर उनको हमारी घोषणा पर विश्वास नहीं हुआ. बीजेपी की घोषणा पर उन्होंने विश्वास किया. मुझे ऐसा लगता है जो परिणाम आयेंगे, वो अच्छे नहीं होंगे, दुखद होंगे."