रायपुर: छत्तीसगढ़ पटवारी संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. कई दिनों से पटवारी अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. जिसके चलते आम जनता के काम प्रभावित हो रहे हैं. लोग आय एवं जाति प्रमाण-पत्र बनाने को लेकर भटक रहे हैं. लोगों को हो रही असुविधा को ध्यान में रखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से दिशानिर्देश जारी किया गया है.
सामान्य विभाग ने क्या निर्देश जारी किया: आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी स्थिति में इन प्रमाण पत्र के लिये आवेदकों से ऐसे दस्तावेजों की मांग नहीं की जाएगी, जिसकी पूर्ति के लिये आवेदक को पटवारी पर निर्भर होना पड़े. इसका कड़ाई से पालन करने का निर्देश विभाग ने जारी किया है. अगले आदेश तक प्रभावशील रहेगा.
इन दस्तावेजों के लिए नहीं भटकना पड़ेगा: सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में जिक्र है कि जाति प्रमाण पत्र के लिए वांछित भू-अभिलेख, मिसल, अभिलेख, जनगणना अभिलेख, दाखिल खारिज रजिस्टर, जमाबंदी एवं खसरे की नकल, जिसमें आवेदक एवं उसके परिवार के किसी सदस्य की जाति अंकित है, की आवश्यकता आम तौर पर होती है. यह सभी दस्तावेज जिला कार्यालय के अभिलेखागार में एवं अन्य विभागों के विभागीय ऑनलाइन पोर्टल पर भी उपलब्ध है. इसलिए ऐसे दस्तावेज पटवारी से प्राप्त करने के लिए आवेदकों को बाध्य नहीं किया जाएगा. लोग अब ऑनलाइन या जिला रिकॉर्ड रूम से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाए.
जाति प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश: छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम, 2013 के नियम 3 के अनुसार आवेदक से वंशावली प्राप्त करने के निर्देश हैं. यदि यह वंशावली अभिलेखों से पुष्ट है, तो इसकी आवश्यकता भी नहीं है. फिर भी आवश्यक होने पर ऐसी वंशावली ग्राम पंचायत के सचिव अथवा ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर स्वीकार करते हुए आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र जारी किया जावे.
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आयकर रिटर्न और गरीबी रेखा का मिलेगा प्रमाण पत्र: इसी तरह आय प्रमाण पत्र के लिए जरूरी दस्तावेजों में नौकरीपेशा व्यक्ति अंतिम वित्तीय वर्ष का आयकर रिटर्न भी जमा कर सकते हैं. दूसरा उनके नियोक्ता के द्वारा जारी वार्षिक आय की जानकारी को मान्य करते हुए आय प्रमाण पत्र जारी किए जा सकते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों खेतिहर मजदूरों, छोटे कृषकों को आय प्रमाणपत्र के लिए उनके द्वारा यदि गरीबी रेखा कार्ड होने, राशन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड अथवा श्रमिक कार्ड होने पर आवश्यक हो तो सरपंच/पंचायत सचिव पार्षद से भी आय के समर्थन के लिये प्रमाण पत्र प्राप्त लेकर आवेदकों को आय का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.
पटवारियों के आंदोलन पर लगाया एस्मा: प्रदेश में छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता अधिनियम 1979 लागू किया गया है. इसके बाद भी पटवारी हड़ताल से वापस काम पर नहीं लौट रहे हैं. जिसके कारण जनता को आय एवं जाति प्रमाण-पत्र बनवाने में असुविधा हो रही है. चूंकि वर्तमान समय में शासकीय सेवाओं में भर्ती एवं शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिए आय एवं जाति प्रमाण पत्र जरूरी दस्तावेज हैं. इसलिए आगामी आदेश तक आय एवं जाति प्रमाण पत्र तैयार किए जाने के संबंध में अस्थायी निर्देश जारी किया गया है.