अभनपुर\रायपुर: महानदी से लगे टीला एनीकट में अमेरिका के अमेजन नदी में मिलने वाली कैटफिश प्रजाति की मछली मिली है. जिसे देखकर लोगों के होश उड़ गए.
दरअसल मछुआरे हर रोज की तरह टीला एनीकट पहुंचे और मछली पकड़ने लगे. इसी दौरान उन्हें जाल में कुछ अजीब तरह की मछली मिली, जिसे देख लोग हैरान हो गए. तभी वहां मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि पिछले दिनों कुछ समाचार पत्रों के जरिए भी इस बात का पता चला था कि बनारस के गंगा में भी इसी तरह की मछली मिली है, जो अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाती है.
![catfish species fish found in tila anicut near abhanpur raipur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-rpr-abhanpur-ajibnachhali-cgc10047_30092020120324_3009f_1601447604_142.jpg)
गंगा में मिली अमरीकी मछली
बता दें कि काशी की गंगा नदी में 3 व 24 सितम्बर को कैटफिश प्रजाति की दो मछलियों के मिलने से वैज्ञानिकों के होश उड़ गए हैं. यह अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाती है. इसमें न ही कोई खाद्य गुणवत्ता है और न ही औषधीय गुण होता है. पारिस्थितिकी या ईकोलॉजी के लिए ये मछली बेहद खतरनाक मानी जाती है.
![catfish species fish found in tila anicut near abhanpur raipur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-rpr-abhanpur-ajibnachhali-cgc10047_30092020120324_3009f_1601447604_824.jpg)
वैज्ञानिकों ने बताया कि वाराणसी की गंगा नदी में पाई गई इस अमेरिकी मछली का नाम 'सकरमाउथ कैटफिश' है जो आमतौर पर दक्षिण अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाती है. लेकिन यहां सबसे बड़ी हैरानी की बात ये है कि आखिर ये मछली अमेरिका से हजारों किलोमीटर दूर वाराणसी तक कैसे पहुंच गई. बीएचयू के जन्तु विज्ञान संकाय के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि ये मछली मांसाहारी है, जो नदी में मौजूद अन्य मछलियों को अपना शिकार बना सकती है. जिससे गंगा नदी का सिस्टम बिगड़ सकता है.