छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता अथवा अतिरिक्त महाधिवक्ता, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, आदिम जाति विकास विभाग के सचिव, महानिदेशक जेल (नक्सल ऑपरेशन प्रभारी), पुलिस महानिदेशक और बस्तर संभाग के कमिश्नर इस समिति के सदस्य होंगे.
भूपेश सरकार सत्ता में आने के बाद से एक के बाद एक बड़े फैसले ले रही है और अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों पर दर्ज हुए मामलों की समीक्षा करने के लिए समिति का गठन एक बड़ा फैसला माना जा रहा है.