रायपुर : राजधानी रायपुर में खुफिया सूचना के आधार पर केंद्रीय जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क ने कार्रवाई की है. टीम ने रायपुर के मैसर्स यूनाइटेड इस्पात के परिसर में छापामार कार्रवाई करते हुए फर्म के मालिक को गिरफ्तार किया है. फर्म का मालिक सौरभ अग्रवाल किसी भी प्रकार के माल और सेवाओं की आपूर्ति किए बिना ही फर्जी बिल बनाने और नकली टैक्स क्रेडिट दिखाकर अपना कारोबार कर रहा था. केंद्रीय जीएसटी की टीम ने जीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 69 (1) के प्रावधानों के तहत मंगलवार को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया. जहां उसे 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है.
नकली टैक्स क्रेडिट दिखाकर लाभ का खेल :केंद्रीय जीएसटी टीम को जांच में पता चला कि "सौरभ अग्रवाल मैसर्स यूनाइटेड इस्पात के नाम से फर्जी फर्म के निर्माण और संचालन के पीछे मास्टरमाइंड सौरभ अग्रवाल का हाथ है. सौरभ अग्रवाल ने मैसर्स यूनाइटेड इस्पात के माध्यम से ओडिशा और छत्तीसगढ़ के कई फर्मों से 15 करोड़ 32 लाख रुपए का नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया. सौरभ ने किसी भी प्रकार के माल और सेवाओं की आपूर्ति किए बिना अन्य फर्मों को 16 करोड़ 94 लाख रुपए का नकली क्रेडिट दिखाकर गतिविधि को संचालित किया."
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गोपनीय सूचना पर हुई कार्रवाई :गोपनीय सूचना के आधार पर केंद्रीय जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क बड़ी संख्या में संदिग्ध करदाताओं ने छत्तीसगढ़ के बाहर संचालित फर्जी फर्मों द्वारा जारी किए गए नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया है. ऐसे 147 संदिग्ध करदाताओं की वास्तविकता का पता लगाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया गया है. सभी करदाताओं का भौतिक सत्यापन किया गया. रायपुर जीएसटी आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों द्वारा यह काम 1 दिन में पूरा किया गया है जिसमें बिना किसी आपूर्ति के इनवॉइस जारी करने वाले 73 फर्जी पार्टियों की पहचान की गई है. ऐसे पार्टियों के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया गया है.