रायपुर: कोरोना वायरस ने पूरी लाइफ स्टाइल को बदलकर रख दिया है. इस लॉकडाउन में सबसे ज्यादा अगर लोगों का समय बीत रहा है, तो वह है मोबाइल, लैपटॉप और तमाम इलेक्ट्रॉनिक गैजट के साथ. ज्यादातर लोग इस दौरान घरों में रहने के कारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ ही बने हुए हैं. सोशल मीडिया के इस्तेमाल में भी 50 फीसदी तक इजाफा हुआ है, लेकिन इसके हद से ज्यादा उपयोग से कई तरह के साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं. सोशल मीडिया लोगों के लिए परेशानी का सबब भी बनना शुरू हो चुका है. इसका गलत फायदा अब हैकर्स उठा रहे हैं.
ऑनलाइन ठगी के कारण सीनियर सिटीजन का ब्रेन डेड
कोरोना और लॉकडाउन के कारण इन दिनों हैकर्स कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो गए हैं. इससे ऑनलाइन ठगी की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं. अब यह ऑनलाइन ठगी लोगों के लिए जानलेवा भी साबित होने लगा है. रायपुर के एक बुजुर्ग को हैकर्स ने लगातार अपना निशाना बनाया. उनके अकाउंट से एक ही दिन में 50 हजार से ज्यादा की रकम ट्रांजैक्शन कर फर्जीवाड़ा किया गया. इस घटना ने फाफाडीह के बुजुर्ग शंकर लाल को इतना गहरा सदमा दिया कि उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया. अब उनका ब्रेन डेड हो चुका है. बुजुर्ग शंकर लाल से पर्सनल जानकारी लेकर उनके साथ ऑनलाइन ठगी की गई. एक ही दिन में जिंदगी की गाढ़ी कमाई चले जाने से वे ब्रेन हैमरेज के शिकार हो गए. फिलहाल उनकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है.
हैकर्स फेसबुक और ट्विटर अकाउंट कर रहे हैक
इस तरह की घटना को लेकर सीए अमित चिमनानी कहते हैं कि तमाम हैकर्स इन दिनों बेहद ज्यादा सक्रिय हो चुके हैं. हर घर-परिवार तक इनकी पहुंच हो चुकी है. हमारे आसपास ही लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं, जब लोग लोगों के फेसबुक और ट्विटर अकाउंट हैक हो रहे हैं. वह बताते हैं कि उनका भी ट्विटर एकाउंट हैक हो चुका है और इसे लेकर वे बहुत परेशान रहे हैं. उनके अकाउंट को हैक करने के बाद हैकर लोगों से पैसे की डिमांड भी कर चुके हैं. इस मामले को लेकर उन्होंने पुलिस से भी शिकायत की है.
लॉकडाउन के बीच बड़े पैमाने पर हैकर्स हुए सक्रिय
इन तमाम मसलों को लेकर आईटी एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोना के कारण ज्यादातर लोग घरों में ही हैं. ऐसे में घरों में भी लोगों का ज्यादातर समय सोशल मीडिया के माध्यम से ही कट रहा है. इस दौरान हैकर्स भी बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं, क्योंकि लोग सोशल मीडिया का उपयोग तो करते हैं, लेकिन इसके लिए सावधानी नहीं बरतते. मोनाली ने बताया कि हैकर्स लगातार रैंडम तरीके से लोगों के कॉन्टैक्ट नंबर कनेक्ट करने के बाद फोन करते हैं और तमाम तरह के ऑफर देते हैं, जिसके जाल में लोग फंस जाते हैं.
ऐसे बरतें सावधानी-
- हैकर तमाम कॉमन नेम का उपयोग कर लोगों से उनकी जानकारी निकाल रहे हैं.
- इस तरह की घटनाओं में लोग अब खुद सतर्क रहें.
- समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहें.
- सीनियर सिटिजन्स को टेक्नो फ्रेंडली बनाने के लिए प्रयास करें.
- कोई भी लिंक क्लिक करने से बचें.
- अब हैकर्स लोगों को तमाम तरह के लिंक भेजकर भी उनका पर्सनल डाटा हैक कर रहे हैं.
- कई तरह के एप्लीकेशन के नोटिफिकेशन के माध्यम से हैकर्स पर्सनल डाटा हैक कर देते हैं.
- कई वीडियो चैटिंग सॉफ्टवेयर इन्स्टॉल करने के बाद डाटा एक्सट्रैक्ट करके हैकर अपना काम निकाल लेते हैं.
- इसके लिए सभी लोगों को बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है. जरूरत से ज्यादा एप्लीकेशन इन्स्टॉल ना करें.
- साथ ही नोटिफिकेशन को भी हमेशा ब्लॉक करके रखें.
- इसके अलावा फेसबुक, गूगल, टि्वटर, इंस्टाग्राम, ईमेल जैसे तमाम सॉफ्टवेयर के पासवर्ड अलग-अलग रखें.
- इसमें भी समय-समय पर पासवर्ड को जरूर चेंज करते रहें.
- पासवर्ड भी बनाते समय खास ध्यान रखें कि अपने पर्सनल इंफॉर्मेशन से संबंधित पासवर्ड ना बनाएं.
- स्ट्रॉन्ग पासवर्ड बनाने के लिए अल्फाबेट और कोडिक कीबोर्ड का जरूर यूज करें.
वहीं पुलिस विभाग का भी कहना है कि लोगों को इस तरह के फ्रॉड से बचाने के लिए प्रदेशभर में अभियान चला रही है. इस तरह के किसी भी फ्रॉड से बचने के लिए किसी को भी अपने बैंक अकाउंट और पर्सनल जानकारी शेयर ना करें. साथ ही किसी भी तरह के फ्रॉड को रोकने के लिए लोगों को भी जागरूक करें.