रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा एक्टिव है. लगातार कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें हो रही है. गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई. सहकारिता को लेकर भाजपा छत्तीसगढ़ में आंदोलन करने की बात कह रही है. सहकारिता प्रकोष्ठ सभी जिलों में 30 मई को सहकारिता बचाओ आंदोलन करने जा रही है.
लगाया जाएगा जन चौपाल: सहकारिता बचाओ आंदोलन के माध्यम से भाजपा सभी सोसायटियों जन चौपाल लगाएगी. ये चौपाल किसानों के साथ मिलकर लगाया जाएगा. इसमें सोसायटियों के पुराने किसानों के साथ भाजपा के स्थानीय नेता, मंडल अध्यक्ष से और जिलाध्यक्ष भी शामिल होंगे.
सहकारिता बचाओ आंदोलन : कार्य समिति के सदस्यों के बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की योजनाएं तैयार की गई. राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किए गए. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगले माह में भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ प्रदेश के सभी जिलों में सहकारिता बचाओ आंदोलन किया जाएगा.
बैठक में लाया गया राजनीतिक प्रस्ताव: सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने कहा कि बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव लाया गया है. सहकारिता को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार तमाम व्यवस्थाएं कर रही है. केंद्र सरकार सहकारिता को बढ़ाने का काम कर रही है. लेकिन प्रदेश की भूपेश सरकार जब से प्रदेश में आई है, तब से लोकतंत्र को हनन करने का काम कर रही है. यह बर्दाश्त नही किया जाएगा.
राजनीतिक लाभ के लिए सरकार नहीं करवा रही चुनाव:शशिकांत द्विवेदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 2058 सोयायटी में चुनाव नहीं करवाया जा रहा है. कई सोसायटी में कार्यकाल समाप्त हो गया है, लेकिन राजनीतिक लाभ लेने के लिए सरकार चुनाव नहीं करवा रही है. कोऑपरेटिव बैंक सोसायटी में अशासकीय व्यक्ति किस नियम के तहत बैठे हैं. आज चुनाव नहीं होने के बाद भी लोग 2 साल से बैठे हुए हैं. प्रदेश सरकार सोसाइटी को कुचलने का काम कर रही है. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हम मई महीने में हर सोसायटी स्तर पर, जिला स्तर पर सहकारिता बचाओ आंदोलन करेंगे. इस आंदोलन के तहत सहकारिता को बचाने का प्रयास किया जाएगा.
कांग्रेस सरकार में नहीं मिल रहा ये लाभ: सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी देवजी भाई पटेल ने कहा, "बस्तर में तेंदूपत्ता संग्रहण के अलावा, अन्य काम होते हैं. भारतीय जनता पार्टी के समय में प्रति मानक बोरा 2500 रुपए समर्थन मूल्य था. 4 हजार रुपए बोनस के तौर पर दिया जाता था. लाभांश में भी बोनस दिया जाता था. उनका बीमा करवाया जाता था. लेकिन कांग्रेस राज में ये सब बंद हो गया. सरकार ने बोनस देना बंद कर दिया. प्रति मानक बोरा ढाई हजार रुपए का नुकसान हो रहा है.
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वर्मी कम्पोस्ट लेने की बाध्यता नहीं की जा सकती: देवजी भाई पटेल ने कहा, "बैठक में अनुसूचित जनजाति को इस बारे में योजना बनाकर आंदोलन करने की जिमेदारी दी गई है. इसके साथ ही मैदानी क्षेत्रों में यह तय हुआ है कि सहकारिता को बचाने के लिए सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. जिला स्तर पर सहकारिता आंदोलन खड़ा किया जाएगा. बघेल सरकार ने बाध्यता कर दी है कि 1 एकड़ जमीन में तीन बोरा वर्मी खाद लेना आवश्यक है. इसके खिलाफ रायगढ़ के किसान ने हाईकोर्ट में स्टे लगाया था. इसमें कोर्ट ने निर्देश दिया है कि कोई भी सोसायटी या प्रदेश स्तर पर वर्मी कम्पोस्ट लेने की बाध्यता नहीं की जा सकती."
ये थे बैठक में शामिल: भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव शामिल हुए. इसके अलावा सहकारिता प्रकोष्ठ प्रदेश प्रभारी देवजी भाई पटेल, सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी सहित कई कार्यकर्ता शामिल हुए.