रायपुर: छत्तीसगढ़ में मानसून आने से पहले ही बारिश की एंट्री हो गई है. बारिश की वजह से लोगों ने राहत की सांस भी ली है. तापमान कम होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली है. हालांकि यह बारिश बिपरजॉय के प्रभाव का असर मानी जा रही है. बिपरजॉय को लेकर मौसम विभाग ने गुजरात और महाराष्ट्र में अलर्ट जारी किया है. दोनों ही राज्यों के तटीय इलाकों में एनडीआरएफ की टीमें किसी भी स्थिति से निबटने के लिए तैयार हैं. हालांकि छत्तीसगढ़ में बिपरजॉय तूफान के चलते किसी नुकसान की आशंका नहीं जताई गई है, बल्कि इसके असर से बदले हुए मौसम ने लोगों को बड़ी राहत दी है.
छत्तीसगढ़ में बदला मौसम: मौसम विभाग ने भी छत्तीसगढ़ के एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ ही बिजली गिरने और 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना जताई है. बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात का असर छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में भी देखने को मिल रहा है. बस्तर जिले में और संभाग के दूसरे जिले में भी बारिश हुई है.
बारिश ने दी गर्मी से राहत: बारिश की वजह से बुधवार को लोगों को गर्मी से भी थोड़ी राहत मिली है. आज दोपहर 2 बजे रायपुर में 39.6 डिग्री, अंबिकापुर में 36.4 डिग्री, बिलासपुर में 39 डिग्री, पेंड्रा में 36.4 डिग्री और जगदलपुर में 36.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है.
तीन तरह की है छत्तीसगढ़ की जलवायु: छत्तीसगढ़ की जलवायु उष्ण कटिबंधीय मानसूनी प्रकार की है. लेकिन भौगोलिक विस्तार और विविधता के कारण छत्तीसगढ़ में उत्तर से दक्षिण तक जलवायु में थोड़ा बहुत अंतर रहता है. इन्हीं अंतरों के आधार पर प्रदेश की जलवायु को तीन हिस्सों में बांटा गया है.
- उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र: कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर, अम्बिकापुर और उत्तरी कोरबा से होकर कर्क रेखा गुजरती है. इसीलिए इस क्षेत्र में गर्मी तेज होती है. जबकि ठंड के मौसम में यहांं का तापमान प्रदेश में सबसे कम होता है.
- छत्तीसगढ़ का मैदानः यह महानदी और उसकी सहायक नदियों के सहयोग से बना मैदानी क्षेत्र है. छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा गर्मी इसी क्षेत्र में पड़ती है. जांजगीर-चांपा जिला सबसे ज्यादा गर्म रहता है और सर्दियों में सामान्य ठंड पड़ती है.
- बस्तर क्षेत्र: इस पहाड़ी क्षेत्र में सर्दी और गर्मी दोनों अधिक होती है. वनों से ढंकी पहाड़ियों के कारण यहां की जलवायु ठंडी और अधिक वर्षा के कारण नम है.