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रायपुर: मजदूर कल्याण निधि को लेकर सियासत तेज, आमने-सामने बीजेपी और कांग्रेस

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Published : May 10, 2020, 1:53 PM IST

Updated : May 10, 2020, 9:20 PM IST

कोरोना वायरस के संकट के दौर में सबसे ज्यादा परेशान वर्ग है. मजदूरों के कल्याण को लेकर राज्य और केंद्र सरकार तमाम तरह की कल्याणकारी योजनाएं चला रही है, जिससे मजदूरों को राहत मिल सके, लेकिन छत्तीसगढ़ में मजदूरों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है. मजदूरों की राशि के भुगतान पर श्रम मंत्री शिव कुमार डहरिया और सांसद सुनील सोनी आमने-सामने आ गए हैं.

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मजदूर कल्याण निधि को लेकर आरोप-प्रत्यारोप

रायपुर: रायपुर: कोरोना वायरस और उसके संक्रमण को रोकने के लिए किया गया लॉकडाउन मजदूरों के लिए त्रासदी बन गया है. देशभर से मजदूरों की रुला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. छत्तीसगढ़ के भी 1 लाख से ज्यादा मजदूर देश के अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं. ऐसे विपरीत वक्त में जब मजदूरों को सबसे ज्यादा मदद की जरूरत है. जिसके लिए तमाम योजनाएं संचालित भी हैं, इसके लिए मजदूर कल्याण निधि का भी प्रावधान है. इसकी राशि के खर्च को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं.

मजदूर कल्याण निधि पर घमासान

मजदूरों और श्रमिकों के कल्याण के लिए राज्य सरकारों के पास मजदूर कल्याण निधि में बड़ी मात्रा में राजस्व की आमदनी भी होती है. यह राशि तमाम तरह के निर्माण कार्य और बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों से मजदूरों के कल्याण के लिए टैक्स के रूप में मिलती है. उसे मजदूरों के कल्याण के लिए खर्च किया जाता है. कई राज्यों ने मजदूर कल्याण निधि से मिलने वाली राशि इस मुश्किल वक्त में मजदूरों के खाते में ट्रांसफर भी की है लेकिन छत्तीसगढ़ में अब तक ऐसा नहीं हुआ है. जिसे लेकर बीजेपी, कांग्रेस पर हमलावर हो गई है.

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शिव कुमार डहरिया और सुनील सोनी आमने-सामने

मजदूरों की राशि के भुगतान पर श्रम मंत्री शिव कुमार डहरिया और भाजपा सांसद सुनील सोनी आमने-सामने आ गए हैं. सांसद सोनी ने सीएम बघेल के पीएम से 30 हजार करोड़ की मांग किए जाने पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मजदूर कल्याण निधि के अंतर्गत राज्य के खाते में 350 करोड़ जमा हैं. इसे मजदूरों को बांटने के लिए केंद्र सरकार ने कई बार गाइडलाइन जारी की है. इसका पालन करना अनिवार्य है, लेकिन अब तक सरकार ने राशि नहीं बांटी. 18 लाख निर्माण कार्य मजदूरों को सरकार अगर न्यूनतम एक-एक हजार रुपए देती है, तब भी 180 करोड़ ही खर्च होंगे.

साईकिल चलाकर रायपुर से झारखंड के गुमला पहुंचे मजदूर

मजदूरों के हित में कोई काम नहीं किया

इधर श्रम मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा है कि कोरोना काल के संकट के दौरान मजदूरों के इस हाल के लिए केंद्र सरकार ही दोषी है. देशभर में मजदूर पैदल चलकर घर वापसी के लिए मजबूर हो रहे हैं. इससे उनकी जान तक जा रही है. सांसद सुनील सोनी को बता दें कि 15 साल में भाजपा सरकार ने मजदूरों के हित में कोई काम नहीं किया. छत्तीसगढ़ बघेल की सरकार गरीब मजदूर, किसान के हित में काम कर रही है. इससे सुनील सोनी के पेट में दर्द हो रहा है.

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जांच में ढोल की बहुत बड़ी पोल निकलेगी
शिव डहरिया ने कहा कि मजदूरों के कल्याण के नाम पर छोटे-मोटे निर्माण कार्य करवाने पर भी राज्य सरकार राजस्व लेती है. इसके बाद भी अब जरूरत के समय में मजदूरों को मदद मिल ना पाना बेहद दुखी करने वाला है. कर्मकार कल्याण मंडल में जिस प्रकार से गड़बड़ियां हुई हैं. उसकी अभी विभागीय जांच चल रही है. सच्चाई सामने आएगी तो ढोल की बहुत बड़ी पोल निकलेगी.

रायपुर: रायपुर: कोरोना वायरस और उसके संक्रमण को रोकने के लिए किया गया लॉकडाउन मजदूरों के लिए त्रासदी बन गया है. देशभर से मजदूरों की रुला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. छत्तीसगढ़ के भी 1 लाख से ज्यादा मजदूर देश के अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं. ऐसे विपरीत वक्त में जब मजदूरों को सबसे ज्यादा मदद की जरूरत है. जिसके लिए तमाम योजनाएं संचालित भी हैं, इसके लिए मजदूर कल्याण निधि का भी प्रावधान है. इसकी राशि के खर्च को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं.

मजदूर कल्याण निधि पर घमासान

मजदूरों और श्रमिकों के कल्याण के लिए राज्य सरकारों के पास मजदूर कल्याण निधि में बड़ी मात्रा में राजस्व की आमदनी भी होती है. यह राशि तमाम तरह के निर्माण कार्य और बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों से मजदूरों के कल्याण के लिए टैक्स के रूप में मिलती है. उसे मजदूरों के कल्याण के लिए खर्च किया जाता है. कई राज्यों ने मजदूर कल्याण निधि से मिलने वाली राशि इस मुश्किल वक्त में मजदूरों के खाते में ट्रांसफर भी की है लेकिन छत्तीसगढ़ में अब तक ऐसा नहीं हुआ है. जिसे लेकर बीजेपी, कांग्रेस पर हमलावर हो गई है.

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शिव कुमार डहरिया और सुनील सोनी आमने-सामने

मजदूरों की राशि के भुगतान पर श्रम मंत्री शिव कुमार डहरिया और भाजपा सांसद सुनील सोनी आमने-सामने आ गए हैं. सांसद सोनी ने सीएम बघेल के पीएम से 30 हजार करोड़ की मांग किए जाने पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मजदूर कल्याण निधि के अंतर्गत राज्य के खाते में 350 करोड़ जमा हैं. इसे मजदूरों को बांटने के लिए केंद्र सरकार ने कई बार गाइडलाइन जारी की है. इसका पालन करना अनिवार्य है, लेकिन अब तक सरकार ने राशि नहीं बांटी. 18 लाख निर्माण कार्य मजदूरों को सरकार अगर न्यूनतम एक-एक हजार रुपए देती है, तब भी 180 करोड़ ही खर्च होंगे.

साईकिल चलाकर रायपुर से झारखंड के गुमला पहुंचे मजदूर

मजदूरों के हित में कोई काम नहीं किया

इधर श्रम मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा है कि कोरोना काल के संकट के दौरान मजदूरों के इस हाल के लिए केंद्र सरकार ही दोषी है. देशभर में मजदूर पैदल चलकर घर वापसी के लिए मजबूर हो रहे हैं. इससे उनकी जान तक जा रही है. सांसद सुनील सोनी को बता दें कि 15 साल में भाजपा सरकार ने मजदूरों के हित में कोई काम नहीं किया. छत्तीसगढ़ बघेल की सरकार गरीब मजदूर, किसान के हित में काम कर रही है. इससे सुनील सोनी के पेट में दर्द हो रहा है.

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जांच में ढोल की बहुत बड़ी पोल निकलेगी
शिव डहरिया ने कहा कि मजदूरों के कल्याण के नाम पर छोटे-मोटे निर्माण कार्य करवाने पर भी राज्य सरकार राजस्व लेती है. इसके बाद भी अब जरूरत के समय में मजदूरों को मदद मिल ना पाना बेहद दुखी करने वाला है. कर्मकार कल्याण मंडल में जिस प्रकार से गड़बड़ियां हुई हैं. उसकी अभी विभागीय जांच चल रही है. सच्चाई सामने आएगी तो ढोल की बहुत बड़ी पोल निकलेगी.

Last Updated : May 10, 2020, 9:20 PM IST
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