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Bore basi Day 2023 : जानिए बोरे बासी खाने के फायदे

छत्तीसगढ़ के पारंपरिक भोजन में से एक है बोरे बासी.आम की चटनी,भाजी, दही और बड़ी के साथ इसका स्वाद काफी अनोखा होता है.छत्तीसगढ़ में मजदूर दिवस को बोरे बासी दिवस के रुप में मनाया जाता है.क्योंकि ये मुख्यत: मजदूरों का भोजन हुआ करता था.ऐसे में पूरा छत्तीसगढ़ मजदूर दिवस के दिन बोरे बासी का आहार लेता है.

Bore basi Day 2023
जानिए बोरे बासी खाने के फायदे
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Published : Apr 29, 2023, 7:32 PM IST

रायपुर : एक मई श्रमिक दिवस के दिन पूरा छत्तीसगढ़ बोरे बासी के रूप में मनाएगा. बोरे बासी खाने के आयोजन का ये दूसरा साल है. छत्तीसगढ़ में पहली बार 2022 में एक मई मजदूर दिवस को बोरे बासी दिवस मनाया गया था. पहले वर्ष ही बोरे बासी दिवस को राज्य के हर वर्ग ने अपने मन से मनाया है. इस साल भी पूरा राज्य बोरे बासी दिवस के रूप में इंतजार कर रहा है.


क्या है बोरे बासी : छत्तीसगढ़ में बोरे बासी प्रमुख व्यंजनों मे से एक है. राज्य के अलग-अलग हिस्सों में अलग तरीके से बोरे बासी बनाई जाती है. राज्य के मैदानी क्षेत्रों में चावल के गरम पका भोजन को रात के समय ठंठा होने के बाद पानी में डूबा कर बनाया जाता है, जिसे सुबह नास्ते और भरपेट के रूप में खाया जाता है. इसी प्रकार बोरे बासी लघुधान्य फसल जैसे कोदो, कुटगी, रागी और कुल्थी की बनाई जाती है. बोरे बासी के इन भी प्रकारों में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन,फ्राइबर, एनर्जी और विटामिन्स, मुख्य रूप से विटामिन बी-12, खनिज लवण जैसे पोषक तत्व पाए जाते है. जो फास्ट फूड जैसे पिज्जा, बर्गर,चाऊमीन से ज्यादा फायदेमंद है.

बोरे और बासी बनाने की विधि : बोरे और बासी बनाने की विधि बहुत ही सरल है. बोरे और बासी बनाने के लिए पका हुआ चावल यानी भात और सादे पानी की जरूरत है. बोरे और बासी दोनों की प्रकृति में अंतर है. बोरे का अर्थ है तुरंत चुरे गए भात से.जिसे पानी में डूबाकर खाया जाता है. जबकि बासी के लिए भात को रात भर पानी में डूबाकर रखा जाता है. अगले दिन सुबह चटनी और आचार के साथ सुबह सुबह सपेटा जाता है.कई जगहों पर माढ़ के साथ भात मिलाकर खाते हैं.आपको बता दें कि बासी में कार्बोहाइड्रेट, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन्स, मुख्य रूप से विटामिन बी-12, खनिज लवण और जल की बहुतायत होती है. ताजे बने चावल (भात) की अपेक्षा इसमें करीब 60 फीसदी कैलोरी ज्यादा होती है. बासी के साथ हमेशा भाजी खाया जाता है. पोषक मूल्यों के लिहाज से भाजी में लौह तत्व प्रचुर मात्रा में विद्यमान रहते हैं. इसके अलावा बासी के साथ दही या मही सेवन किया जाता है.

ये भी पढ़ें- गर्मी के मौसम में शरीर ठंडा रखने के लिए करें ये काम

बासी खाने के फायदेः गर्मी के मौसम में बोरे और बासी का सेवन करना फायदेमंद है. इसका सेवन करने से शरीर में पूरे दिन ठंडक बनी रहती है. जिन लोगों को हाई बीपी की समस्या है, ऐसे मरीज बासी का सेवन करके इस कंट्रोल कर सकते हैं. भले ही ये एक देसी तरीका हो, लेकिन इसके लाभ कई हैं. पेट संबंधित समस्याओं से निजात पाने के लिए आप बासी को खा सकते हैं.ये आहार पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है और गैस या कब्ज जैसी समस्याएं भी आपसे दूर रहेगी. बासी में पानी की भरपूर मात्रा होने के कारण पेशाब ज्यादा लगती है, यही कारण है कि नियमित रूप से बासी का सेवन किया जाए तो मूत्र संबंधी बीमारियां दूर हो जाती है

रायपुर : एक मई श्रमिक दिवस के दिन पूरा छत्तीसगढ़ बोरे बासी के रूप में मनाएगा. बोरे बासी खाने के आयोजन का ये दूसरा साल है. छत्तीसगढ़ में पहली बार 2022 में एक मई मजदूर दिवस को बोरे बासी दिवस मनाया गया था. पहले वर्ष ही बोरे बासी दिवस को राज्य के हर वर्ग ने अपने मन से मनाया है. इस साल भी पूरा राज्य बोरे बासी दिवस के रूप में इंतजार कर रहा है.


क्या है बोरे बासी : छत्तीसगढ़ में बोरे बासी प्रमुख व्यंजनों मे से एक है. राज्य के अलग-अलग हिस्सों में अलग तरीके से बोरे बासी बनाई जाती है. राज्य के मैदानी क्षेत्रों में चावल के गरम पका भोजन को रात के समय ठंठा होने के बाद पानी में डूबा कर बनाया जाता है, जिसे सुबह नास्ते और भरपेट के रूप में खाया जाता है. इसी प्रकार बोरे बासी लघुधान्य फसल जैसे कोदो, कुटगी, रागी और कुल्थी की बनाई जाती है. बोरे बासी के इन भी प्रकारों में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन,फ्राइबर, एनर्जी और विटामिन्स, मुख्य रूप से विटामिन बी-12, खनिज लवण जैसे पोषक तत्व पाए जाते है. जो फास्ट फूड जैसे पिज्जा, बर्गर,चाऊमीन से ज्यादा फायदेमंद है.

बोरे और बासी बनाने की विधि : बोरे और बासी बनाने की विधि बहुत ही सरल है. बोरे और बासी बनाने के लिए पका हुआ चावल यानी भात और सादे पानी की जरूरत है. बोरे और बासी दोनों की प्रकृति में अंतर है. बोरे का अर्थ है तुरंत चुरे गए भात से.जिसे पानी में डूबाकर खाया जाता है. जबकि बासी के लिए भात को रात भर पानी में डूबाकर रखा जाता है. अगले दिन सुबह चटनी और आचार के साथ सुबह सुबह सपेटा जाता है.कई जगहों पर माढ़ के साथ भात मिलाकर खाते हैं.आपको बता दें कि बासी में कार्बोहाइड्रेट, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन्स, मुख्य रूप से विटामिन बी-12, खनिज लवण और जल की बहुतायत होती है. ताजे बने चावल (भात) की अपेक्षा इसमें करीब 60 फीसदी कैलोरी ज्यादा होती है. बासी के साथ हमेशा भाजी खाया जाता है. पोषक मूल्यों के लिहाज से भाजी में लौह तत्व प्रचुर मात्रा में विद्यमान रहते हैं. इसके अलावा बासी के साथ दही या मही सेवन किया जाता है.

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बासी खाने के फायदेः गर्मी के मौसम में बोरे और बासी का सेवन करना फायदेमंद है. इसका सेवन करने से शरीर में पूरे दिन ठंडक बनी रहती है. जिन लोगों को हाई बीपी की समस्या है, ऐसे मरीज बासी का सेवन करके इस कंट्रोल कर सकते हैं. भले ही ये एक देसी तरीका हो, लेकिन इसके लाभ कई हैं. पेट संबंधित समस्याओं से निजात पाने के लिए आप बासी को खा सकते हैं.ये आहार पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है और गैस या कब्ज जैसी समस्याएं भी आपसे दूर रहेगी. बासी में पानी की भरपूर मात्रा होने के कारण पेशाब ज्यादा लगती है, यही कारण है कि नियमित रूप से बासी का सेवन किया जाए तो मूत्र संबंधी बीमारियां दूर हो जाती है

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