रायपुर/नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सीएम की कुर्सी को लेकर घमासान मचा है. यहां साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही ढाई-ढाई साल के सीएम की परिकल्पना कर ली गई थी. वहीं छत्तीसगढ़ में वर्तमान कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे हो भी गए हैं. इस कारण भाजपा भी इस मुद्दे को काफी तूल दे रही है. जबकि कांग्रेस में इन दिनों सबकुछ "ठीक-ठाक" नहीं दिख रहा है. छत्तीसगढ़ के मंत्रियों ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में हम सभी एक हैं. वे बहुत जल्द छत्तीसगढ़ के दौरे पर आएंगे. बस्तर से उनके दौरे की शुरुआत होगी. रविंद्र चौबे ने यह भी स्पष्ट किया कि पूरी पार्टी एकजुट है.
बघेल को दोबारा आया था दिल्ली से बुलावा
बता दें कि करीब एक हफ्ते पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शीर्ष नेतृत्व से मिलने दिल्ली गए थे. वहां से लौटने के बाद एक बार फिर से उन्हें दिल्ली दरबार से बुलावा आया था. जबकि एक-एक कर कांग्रेस के अधिकांश विधायक और मंत्री भी दिल्ली पहुंचने लगे और अभी भी वे दिल्ली में ही डेरा जमाये हुए हैं.
बघेल का पलड़ा भारी !
कांग्रेस को एक तरफ उसका अंदरूनी कलह तो दूसरी तरफ विरोधियों की कारगुजारी दोनों काफी महंगी पड़ रही है. हालांकि इन दिनों दिल्ली में लगे विधायकों के जमघट के बीच सियासी तूफान क्या कायापलट करता है, यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है. लेकिन दिल्ली में जुटे अधिकांश विधायक सीएम भूपेश बघेल के पक्ष में ही दिख रहे हैं. और इस तरह से देखा जाए तो सीएम की कुर्सी पर बघेल का ही पलड़ा भारी है.
छत्तीसगढ़ में ऑल इज वेल- अमरजीत भगत
इधर, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने भी कहा कि छत्तीसगढ़ में सबकुछ ठीक है. अपने नेताओं से मिलने, अपनी भावनाओं से अवगत कराने के लिए और अपने नेता को छत्तीसगढ़ के दौरे के लिए निमंत्रण देने के लिए दिल्ली पहुंचे थे. अमरजीत भगत ने जोर देकर कहा कि छत्तीसगढ़ में "ऑल इज वेल" है.