रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ने की बात सामने आ रही है. आए दिन विभिन्न सामाजिक संगठन या सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यह दावा किया है कि इससे संबंधित विभाग वायु प्रदूषण के सही आंकड़े पेश नहीं कर रहे हैं. जिस वजह से लोगों को वायु प्रदूषण की सही जानकारी नहीं मिल पा रही है. यही वजह है कि जानकारी के अभाव में वायु प्रदूषण रोकने के लिए लोग जागरूक नहीं हो पा रहे हैं.
प्रदेश में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता नितिन सिंघवी ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल पर आरोप लगाए हैं. इतना ही नहीं उन्होंने पर्यावरण संरक्षण मंडल के वायु प्रदूषण को लेकर गलत आंकड़े पेश किए जाने की शिकायत वन मंत्री मोहम्मद अकबर से भी की है.
पर्यावरण प्रेमी नितिन सिंघवी ने पर्यावरण संरक्षण मंडल पर खुला आरोप लगाते हुए आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर को पत्र लिखकर प्रमाण प्रस्तुत किया है कि छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल वायु प्रदूषण के गलत आंकड़े देकर छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह कर रहा है. उन्होंने मांग की है कि वस्तुस्थिति से जनता हर समय अवगत रहे, इसके लिए सही प्रक्रिया अपनानी जरूरी है.
नितिन सिंघवी ने मांग की है कि वायु प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए लोग जागरूक हों. प्रदूषित शहरों में ऑनलाइन एयर क्वॉलिटी इंडेक्स बताने वाला ऑटोमैटिक मल्टीमीटर लगाया जाना चाहिए. राज्य के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में राजधानी रायपुर, कोरबा, दुर्ग-भिलाई, रायगढ़ और औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा शामिल हैं.
सिंघवी ने आरोप लगाया है कि विभाग में बैठे अधिकारी अपने ऊपर के पद पर बैठे लोगों को खुश करने के लिए शहरों में कम वायु प्रदूषण के आंकड़े दिखाते हैं. इसकी वजह से कहीं न कहीं राज्य के लोगों में वायु प्रदूषण की वास्तविक स्थिति को लेकर जानकारी नहीं है.
छत्तीसगढ़ में नहीं है एक भी 'ऑटोमैटिक मॉनिटर मीटर'
नितिन सिंघवी ने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल की वेबसाइट पर प्रदूषण नियंत्रित देश के 21 राज्यों में लगभग 121 शहरों के 251 जगहों पर वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग करने वाले ऑटोमैटिक मीटर लगाए हुए हैं. यह मीटर 24 घंटे वायु प्रदूषण का स्तर बताते हैं. प्रदूषण का स्तर जानने के लिए मोबाइल पर कहीं से भी इसे देखा जा सकता है. https://app.cpcbccr.com/AQI_india/ इस लिंक के माध्यम से लोग जानकारी ले सकते हैं.
केंद्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल वायु प्रदूषण स्तर को 6 मानकों के आधार पर ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग मशीन से निकालता है, जिसे नेशनल एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) कहा जाता है.
AQI प्रदूषण की स्थिति
- 00-50 गुड
- 51-100 सैटिसफैक्ट्री (SATISFACTORY)
- 101-200 मॉडरेट
- 201-300 पुअर
- 301-400 वेरी पुअर
- 401-500 सीवियर
लॉकडाउन के पहले और बाद में प्रदेश के विभिन्न शहरों के वायु प्रदूषण को लेकर विभाग ने आंकड़े जारी किए. लॉकडाउन के बाद अप्रैल में मिले आंकड़े बताते हैं कि पहले की अपेक्षा लॉकडाउन में कई शहरों में प्रदूषण कम हुआ है. लॉकडाउन के पहले राजधानी रायपुर देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शुमार था. लॉकडाउन के बाद रायपुर की एयर क्वॉलिटी में करीब 25 से 30 फीसदी तक सुधार हुआ. अप्रैल में रायपुर का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (0-50 AQI) गुड की श्रेणी में पहुंच गया है. इसी तरह प्रदेश के अन्य शहरों की भी स्थिति है. हालांकि कोरबा में लॉकडाउन के दौरान भी एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (0-50 AQI) से ऊपर है, यानी प्रदेश के अन्य शहरों की अपेक्षा ज्यादा प्रदूषित है.
प्रदेश के 5 बड़े शहरों की होती है एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जांच
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के पांच बड़े औद्योगिक शहर रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ के एयर क्वॉलिटी इंडेक्स की जांच की जाती है. यहां पर प्रदूषण मापने की मशीन लगाई गई है. लॉकडाउन के दौरान अप्रैल की स्थिति में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई और रायगढ़ की एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 0-50 (AQI) के बीच है, जो गुड श्रेणी में आता है. कोरबा की एयर क्वॉलिटी 50-58 (AQI) है, जो सैटिस्फेक्ट्री की श्रेणी में है, मतलब कोरबा का प्रदूषण संतोषजनक तो है, पर बढ़ा हुआ है.
6 से 12 अप्रैल 2020 के बीच AQI (एयर क्वॉलिटी इंडेक्स)
शहर का नाम | AQI |
भिलाई | 46.96 |
रायपुर | 40.13 |
बिलासपुर | 47.83 |
रायगढ़ | 47.96 |
कोरबा | 58.29 |
'देश के सबसे प्रदूषित राज्यों में से एक है छत्तीसगढ़'
सिंघवी ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी सूची में देश के 100 प्रदूषित औद्योगिक क्षेत्रों में से रायपुर का सिलतरा 17वें स्थान पर, रायपुर शहर 37वें स्थान पर, कोरबा क्षेत्र 76वें स्थान पर और भिलाई-दुर्ग 93वें स्थान पर आता है. इसी प्रकार देश के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में छत्तीसगढ़ के तीन शहर रायपुर, कोरबा और भिलाई-दुर्ग आते हैं. नितिन सिंघवी का कहना है कि इतना सब होने के बावजूद छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल वायु प्रदूषण बताने वाला ऑनलाइन ऑटोमैटिक मीटर नहीं लगा रहा है, जबकि छत्तीसगढ़ के ही पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में 15 जगहों पर ऐसे ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग मीटर लगे हैं. ओडिशा में दो जगहों पर और झारखंड में एक जगह पर ऑटोमैटिक मीटर लगाया गया है.
'2019 की दीपावली में हुआ था सबसे ज्यादा प्रदूषण, लेकिन विभाग ने बताया कम'
सिंघवी ने बताया कि छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल प्रदेश के 5 शहरों में 3 मानकों पर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स मैनुअल आधार पर निकालता है, ना की आटोमैटिक तरीके से. साल 2019 के सबसे प्रदूषित महीने में कोरबा जैसे प्रदूषित शहर में वायु प्रदूषण का स्तर अच्छा बताया गया था, बाकी शहरों का संतोषजनक.
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सिंघवी ने कहा कि 2019 दीपावली के बाद मंडल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया था कि दीपावली के दिन रायपुर में वायु प्रदूषण का पीएम 10 का स्तर 73 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा. जबकि एक अन्य सरकारी संस्थान 'स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर' के ऑनलाइन डाटा बताते हैं कि 28 अक्टूबर 2019 और उसके बाद के 2 दिनों तक रायपुर शहर में पीएम 2.5 का स्तर कुछ स्थानों पर 700 और कुछ स्थानों पर 800 रहा.
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नितिन सिंघवी ने राज्य सरकार से मांग की है कि राज्य में प्रदूषण का सही स्तर बताने के लिए ऑनलाइन एयर क्वॉलिटी इंडेक्स बताने वाला ऑटोमैटिक मल्टीमीटर लगाया जाए. अब देखने वाली बात है कि सरकार इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है और कब तक प्रदेशवासियों को वायु प्रदूषण के असली आंकड़े मिलते हैं. जिससे लोग वायु प्रदूषण कम करने के लिए जागरूक हो सकें, साथ ही वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कोई योजना बनाई जा सके.