रायपुर: विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसके लिए प्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय, पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी में 2 अगस्त से ऑनलाइन आवेदन मंगवाएं जा रहे हैं. प्रवेश शुरू होते ही कुछ ही दिनों में लगभग अंडर ग्रेजुएशन के लिए 35 हजार से ज्यादा आवेदन जमा हो चुके हैं. इस साल मेरिट लिस्ट के आधार पर छात्रों को कॉलेजों में प्रवेश देना है. जो कॉलेज प्रबंधन के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है. दरअसल 12वीं बोर्ड की परीक्षा, एग्जाम फ्रॉम होम के पैटर्न पर ली गई थी. रिजल्ट में भी बच्चों को ज्यादा अंक दिया गया है. ऐसे में मेरिट के आधार पर बच्चों का प्रवेश कॉलेज प्रबंधन के लिए टेड़ी खीर साबित हो रही है.
कॉलेज के सामने भी चुनौती
अग्रसेन महाविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के एचओडी विभाष कुमार झा के मुताबिक सभी छात्रों की घर बैठे परीक्षा होने से छात्रों के 90% से ज्यादा अंक आए हैं. लेकिन अब कॉलेज के सामने यह समस्या है कि जो छात्र 90% अंक लेकर एडमिशन लेने आ रहे हैं. क्या वे संबंधित कोर्स के लिए जानकार या कुशल हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों का एक टेस्ट एग्जाम मूल्यांकन के लिए होना चाहिए. ताकि एडमिशन लेने वाले बच्चे का एक आंकलन किया जा सके.
विद्यार्थियों को अपने प्रति ईमानदार होने की जरूरत
विभाष झा ने बताया की प्रवेश का आधार मेरिट पर है. ऐसे में छात्र अपने 80 से 90 प्रतिशत दिखा कर बीएसई, बीसीए जैसे कठिन कोर्स तो ले सकते हैं. लेकिन सवाल यह है कि वह आगे दो-तीन साल पढ़ाई कैसे करेंगे.
शिक्षाविद अजय चंद्राकर ने कहा कि इस साल 12वीं कक्षा में सभी छात्र प्रथम श्रेणी से पास हुए हैं. ज्यादातर बच्चों के 90 प्रतिशत, 95 प्रतिशत और 98 प्रतिशत भी आए हैं. प्रवेश के लिए जो कट ऑफ लिस्ट जारी होगा. उसमें बहुत प्रतिस्पर्धा रहेगी, हर संस्थान चाहेंगे कि अच्छे बच्चों को ले. लेकिन सभी बच्चों को प्रवेश नहीं दे सकते. निर्धारित सीट है, उस हिसाब से टीचर्स प्रोफेसर और इंफ्रास्ट्रक्चर की भी आवश्यकता है.
यह एक बड़ी चुनौती है कि सरकार को इस बारे में यह सीख लेनी चाहिए. आने वाले अनुपूरक बजट में हायर एजुकेशन के लिए बजट रखे. साथ ही इसके लिए यूजीसी और सेंट्रल गवर्नमेंट भी राशि दें. ताकि इन बच्चों को अध्ययन और अध्यापन का अवसर प्राप्त हो सके. शिक्षाविद ने कहा कि इस बार 12वीं में ज्यादा बच्चे पास हुए हैं. ऐसे में सभी बच्चों को प्रवेश मिल पाना एक चुनौती होगी, वहीं हमें इस और विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है.
सरकार को बेहतर व्यवस्था करने की जरूरत
शिक्षाविद् चंद्राकर के मुताबिक भारत में पहली से पांचवी कक्षा तक के लिए 95.1 प्रतिशत बच्चे पंजीकृत होते हैं. छठवीं से आठवीं के लिए 90.7% बच्चे पंजीकृत हैं. नवमी से दसवीं आते-आते यह प्रतिशत घटकर 79% हो जाता है. लेकिन इस साल 11वीं 12वीं में पंजीकृत बच्चों की संख्या जहां आधी होती थी लेकिन यह प्रतिशत बढ़ा है. पिछले 2 साल में यह आंकड़े बढ़े हैं और कोरोना संक्रमण के चलते बच्चों के एग्जाम फ्रॉम होम और ऑनलाइन एग्जाम लिए गए. जिससे बच्चों के प्रतिशत भी ज्यादा आ रहे हैं और ज्यादा संख्या में बच्चे पास हुए हैं. सरकार को आने वाले दिनों में उच्च शिक्षा के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था करने की आवश्यकता है ताकि कोई भी छात्र पढ़ाई से वंचित ना हो.
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सरकार का आदेश, मेरिट आधार पर हो प्रवेश
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर केसरी लाल वर्मा ने बताया इस साल प्रवेश प्रक्रिया मेरिट के आधार पर ही की जाएगी. सरकार के निर्देश हैं कि सभी महाविद्यालय में मेरिट के आधार पर प्रवेश लेना है. उन्हीं आदेशों का अनुसरण किया जा रहा है. कुलपति ने कहा कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण की स्थिति थी. ऐसे में परिस्थितियों को देखकर एग्जाम लिया गया है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से अंक दिए गए हैं. उसमें हम कैसे बच्चो का स्तर देखे, लेकिन कुछ ना कुछ आधार तो मानना पड़ेगा. सरकार का आदेश है कि मेरिट के आधार पर प्रवेश लेना है. अगर भविष्य में राज्य शासन से इस संबंध में कोई आदेश आते हैं तो उसका भी पालन किया. अध्ययन शाला में प्रवेश लेने के लिए छात्रों को एंट्रेंस एग्जाम देना होगा.
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पांच कॉलेजों की बढ़ाई गई सीटें
कुलपति केसरी लाल वर्मा ने बताया समय-समय पर महाविद्यालयों की सीटें बढ़ाई जाती है. पिछले साल और इस साल कुछ महाविद्यालयों में सीटें बढ़ाई गई हैं. उन्होंने कहा कि हम अभी कह नहीं सकते स्थिति क्या होगी. लेकिन इस साल ज्यादा बच्चे पास हुए हैं और वह हायर एजुकेशन में आना चाहते हैं. ऐसी में हमारा ग्रॉस एनरोलमेंट रेश्यो भी बढ़ेगा. इसके साथ ही शिक्षा में गुणवत्ता को लेकर भी हम प्रयास करते रहते हैं और यह हमारा महत्वपूर्ण मुद्दा होता है.
27 अध्ययन शाला के लिए होगा एंट्रेंस एग्जाम
विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि कॉलेज में मेरिट के आधार पर प्रवेश होने हैं. लेकिन विश्वविद्यालय के अध्ययन शाला में सभी कोर्स में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम लिए जाएंगे. एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर ही छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में 27 अध्ययन शाला हैं. जिसमें से अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन दोनों में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम आयोजित होंगे. आने वाले दिनों में यहां प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम की तारीख जल्द घोषित की जाएगी.
17 अगस्त ऑनलाइन प्रवेश पंजीयन की अंतिम तिथि
कॉलेजों में प्रवेश के लिए 2 अगस्त से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वह इसके अंतिम तिथि 17 अगस्त निर्धारित की गई है. कुलपति ने कहा कि 18 अगस्त से महाविद्यालयों द्वारा विषय वार मेरिट लिस्ट जारी किए जाएंगे और 18 अगस्त से 24 अगस्त तक महाविद्यालयों में प्रवेश लेने की तिथि निर्धारित की गई है. हमारी कोशिश है कि पहले चरण में ही सभी सीटें भर जाएं.
अगर पहले चरण में सभी सीटों पर भर्ती नहीं होगी तो 25 अगस्त से 26 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन की तिथि निर्धारित की गई है. वहीं 27 अगस्त को महाविद्यालयों द्वारा विषय वार मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी. 27 अगस्त से 31 अगस्त तक महाविद्यालयों में दूसरे चरण में प्रवेश लेने की तिथि निर्धारित की गई है.