ETV Bharat / state

4 सदस्यीय समिति करेगी DKS अस्पताल घोटाले की जांच - डी.के.एस. सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल

डीकेएस सुपर स्पेश्यिालिटी अस्पताल की जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम गठित की गई है.

डीकेएस अस्पताल
author img

By

Published : Sep 7, 2019, 11:30 PM IST

Updated : Sep 7, 2019, 11:42 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डीकेएस सुपर स्पेश्यिालिटी अस्पताल के निर्माण में सरकारी धन के खर्च की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम गठित की है.

जांच टीम में अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री और सचिव स्वास्थ्य सदस्य बनाए गए हैं. यह समिति अलग-अलग बिन्दुओं पर जांच कर एक माह के भीतर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी.

इन बिन्दुओं पर होगी जांच

  • समिति जिन बिन्दुओं की जांच करेगी उनमें, योजना बनाने के विभिन्न चरणों एवं उसके क्रियान्वयन की अवधि में वित्त विभाग से प्रस्ताव का परीक्षण और अनुमोदन विधिवत कराया गया था या नहीं.
  • 50 करोड़ से अधिक की परियोजना होने के कारण मुख्य सचिव की समिति से इसका अनुमोदन लिया गया था अथवा नहीं.
  • इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सुपर स्पेश्यिालिटी अस्पताल के निर्माण में हुए संपूर्ण व्यय का 2 महीने में सीएजी से आडिट कराने के निर्देश दिए भी हैं. इसके साथ ही अस्पताल के निर्माण में छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन की भी भूमिका रही है, इसलिए उसका भी आडिट साथ-साथ कराने को कहा गया है.
  • गौरतलब है कि डीकेएस सुपर स्पेश्यिालिटी अस्पताल की स्थापना के लिए 96 करोड़ 90 रुपए अनुमानित लागत निर्धारित की गई थी और इसे मार्च 2018 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया था.
  • अस्पताल के लिए 65 करोड़ रुपए का बैंक से कर्ज लिया गया और उसका पुर्नभुगतान मरीजों से मिलने वाले चिकित्सा शुल्क के माध्यम से किए जाने की योजना बनाई गई थी.
  • यह मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का पहला अस्पताल है, जिसके लिए बैंक से कर्ज लिया गया. जानकारी के मुताबिक अभी तक 110 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है और 130 करोड़ रुपए का भुगतान लंबित है. इसके साथ ही बैंक का कर्ज एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट) है.
  • पहली नजर में यह पाया गया है कि सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल के निर्माण की योजना बनाते समय आवश्यक विचार-विमर्श के साथ ही पूरी तरह से परीक्षण नहीं किया गया, जो शासकीय धन के अविवेकपूर्ण ढंग से व्यय को परिलक्षित करता है.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डीकेएस सुपर स्पेश्यिालिटी अस्पताल के निर्माण में सरकारी धन के खर्च की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम गठित की है.

जांच टीम में अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री और सचिव स्वास्थ्य सदस्य बनाए गए हैं. यह समिति अलग-अलग बिन्दुओं पर जांच कर एक माह के भीतर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी.

इन बिन्दुओं पर होगी जांच

  • समिति जिन बिन्दुओं की जांच करेगी उनमें, योजना बनाने के विभिन्न चरणों एवं उसके क्रियान्वयन की अवधि में वित्त विभाग से प्रस्ताव का परीक्षण और अनुमोदन विधिवत कराया गया था या नहीं.
  • 50 करोड़ से अधिक की परियोजना होने के कारण मुख्य सचिव की समिति से इसका अनुमोदन लिया गया था अथवा नहीं.
  • इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सुपर स्पेश्यिालिटी अस्पताल के निर्माण में हुए संपूर्ण व्यय का 2 महीने में सीएजी से आडिट कराने के निर्देश दिए भी हैं. इसके साथ ही अस्पताल के निर्माण में छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन की भी भूमिका रही है, इसलिए उसका भी आडिट साथ-साथ कराने को कहा गया है.
  • गौरतलब है कि डीकेएस सुपर स्पेश्यिालिटी अस्पताल की स्थापना के लिए 96 करोड़ 90 रुपए अनुमानित लागत निर्धारित की गई थी और इसे मार्च 2018 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया था.
  • अस्पताल के लिए 65 करोड़ रुपए का बैंक से कर्ज लिया गया और उसका पुर्नभुगतान मरीजों से मिलने वाले चिकित्सा शुल्क के माध्यम से किए जाने की योजना बनाई गई थी.
  • यह मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का पहला अस्पताल है, जिसके लिए बैंक से कर्ज लिया गया. जानकारी के मुताबिक अभी तक 110 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है और 130 करोड़ रुपए का भुगतान लंबित है. इसके साथ ही बैंक का कर्ज एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट) है.
  • पहली नजर में यह पाया गया है कि सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल के निर्माण की योजना बनाते समय आवश्यक विचार-विमर्श के साथ ही पूरी तरह से परीक्षण नहीं किया गया, जो शासकीय धन के अविवेकपूर्ण ढंग से व्यय को परिलक्षित करता है.
Intro:डीकेएस अस्पताल की जांच के लिए गठित की गई 4 सदस्य टीम

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डी.के.एस.सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल के निर्माण में शासकीय धन के अविवेकपूर्ण ढंग से व्यय की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम गठित की है। जांच टीम में अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री तथा सचिव स्वास्थ्य सदस्य बनाए गए है। यह समिति विभिन्न बिन्दुओं पर जांच कर एक माह के भीतर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी।

Body:समिति जिन बिन्दुओं की जांच करेगी उनमें योजना बनाने के विभिन्न चरणों एवं उसके क्रियान्वयन की अवधि में वित्त विभाग से प्रस्ताव का परीक्षण और अनुमोदन विधिवत कराया गया था अथवा नही। इसके साथ ही 50 करोड़ से अधिक की परियोजना होने के कारण मुख्य सचिव की समिति से इसका अनुमोदन लिया गया था अथवा नही। अस्पताल के बढ़ते आर्थिक संकट से उबरने के लिए विभिन्न विकल्प और सुझाव !

मुख्यमंत्री ने सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल के निर्माण पर हुए संपूर्ण व्यय का 2 माह में सी.ए.जी. से आडिट कराने के निर्देश दिए भी है। साथ ही इसके निर्माण में छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन की भी भूमिका रही है अतः उसका भी आडिट साथ-साथ कराने को कहा गया है।

Conclusion:गौरतलब है कि डी.के.एस. सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल की स्थापना के लिए 96 करोड़ 90 रूपए अनुमानित लागत निर्धारित की गई थी तथा इसे मार्च 2018 तक प्रारंभ करने का लक्ष्य रखा गया था। अस्पताल के लिए 65 करोड़ रूपए का बैंक से ऋण लिया गया तथा उसका पुर्नभुगतान मरीजों से प्राप्त चिकित्सा शुल्क के माध्यम से किए जाने की योजना बनाई गई थी।

यह मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का पहला अस्पताल है जिसके लिए बैंक से ऋण लिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक 110 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है तथा 130 करोड़ रूपए का भुगतान लंबित है तथा बैंक ऋण एन.पी.ए. (नाॅन परफार्मिंग एसेट) है।

पृृथम दृष्यता यह पाया गया है कि सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल के निर्माण की योजना बनाते समय आवश्यक विचार-विमर्श अथवा विस्तृत परीक्षण नही किया गया जो शासकीय धन के अविवेकपूर्ण ढंग से व्यय को परिलक्षित करता है।

Last Updated : Sep 7, 2019, 11:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.