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धरसींवा क्षेत्र में मिले 12 कोरोना पॉजिटिव,औद्योगिक ठेकेदारों पर लापरवाही का आरोप - Labor report corona positive

धरसींवा विधानसभा क्षेत्र में एक ही दिन में 12 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में कोरोना संक्रमण बढ़ने का कारण औद्योगिक ठेकेदारों की लापरवाही को बताया है. उन्होंने उद्योगों और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

12 Corona positive found in Dharsiva
धरसींवा क्षेत्र में मिले 12 कोरोना पॉजिटिव
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Published : Jul 18, 2020, 10:47 PM IST

रायपुर : धरसींवा विधानसभा क्षेत्र में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने से आसपास के क्षेत्रों में हड़कंप मचा हुआ है. क्षेत्र में एक ही दिन में 12 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है. स्वास्थ्य विभाग ने पांच पॉजिटिव मरीजों को रात में ही हॉस्पिटल शिफ्ट कर दिया है. स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ने का कारण औद्योगिक ठेकेदारों की लापरवाही को बताया है.

औद्योगिक क्षेत्र में ठेकेदारों के द्वारा बाहर से मजदूरों को लाया जाता है. उन मजदूरों को कोरोना टेस्ट के लिए धरसींवा स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाता है. जहां पर उनकी पूरी जानकारी नहीं दी जाती और ठेकेदार का फोन नंबर दिया जाता है. जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसा ही मामला शनिवार को सामने आया,जब एक मजदूर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और उसे हॉस्पिटल शिफ्ट करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को 3 घंटे तक तलाश करना पड़ा. स्वास्थ्य विभाग की टीम मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर उसके पास पहुंची.

ठेकेदार पर लापरवाही बरतने का आरोप

धरसीवां के उपसरपंच साहिल खान का कहना है कि गलत जानकारी देने वाले उद्योग और ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसी गलत जानकारी देने से आसपास क्षेत्रों में दहशत फैलती है. सही मोबाइल नम्बर नहीं देने के कारण स्वास्थ्य विभाग को 3 घंटे तक मरीज को ढूंढना पड़ा. वहीं उनका आरोप है कि ठेकेदार द्वारा बाहर से लेबर ला कर काम कराया जा रहा है, लेकिन उनका कोरोना टेस्ट नहीं कराया जा रहा है. ऐसे में संक्रमण का खतरा आसपास के गांव में फैलने की संभावना बढ़ गई है क्योंकि आसपास के गांव के लोग भी फैक्ट्रियों में काम करने जाते हैं. उन्होंने बताया कि पिंटू दुबे नाम के ठेकेदार द्वारा पहले भी टेस्ट कराए बिना ही 35 से 40 लेबर बाहर से लाया गया है. पॉजिटिव पाया गया कर्मचारी भी उसी ठेकेदार के अंदर काम करता है.

पढ़ें:-छत्तीसगढ़: सार्वजनिक जगह पर थूके तो 100 रु और सोशल डिस्टेंसिंग नहीं फॉलो की तो लगेगा 200 रुपए जुर्माना

बता दें कि सिलतरा एक बड़ा औघोगिक क्षेत्र है, जहां दूसरे राज्यों से मजदूरों को काम कराने के लिए लाया जाता है.सरकार के नियम के अनुसार बाहर से आने वाले लोगों को तो 14 दिन क्वॉरेंटाइन पर रखना जरूरी है.लेकिन प्लांट में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं सभी मजदूर काम पूरा होने के बाद राशन और सब्जी लेने खुलेआम बाजारों में घूम रहे हैं.

रायपुर : धरसींवा विधानसभा क्षेत्र में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने से आसपास के क्षेत्रों में हड़कंप मचा हुआ है. क्षेत्र में एक ही दिन में 12 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है. स्वास्थ्य विभाग ने पांच पॉजिटिव मरीजों को रात में ही हॉस्पिटल शिफ्ट कर दिया है. स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ने का कारण औद्योगिक ठेकेदारों की लापरवाही को बताया है.

औद्योगिक क्षेत्र में ठेकेदारों के द्वारा बाहर से मजदूरों को लाया जाता है. उन मजदूरों को कोरोना टेस्ट के लिए धरसींवा स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाता है. जहां पर उनकी पूरी जानकारी नहीं दी जाती और ठेकेदार का फोन नंबर दिया जाता है. जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसा ही मामला शनिवार को सामने आया,जब एक मजदूर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और उसे हॉस्पिटल शिफ्ट करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को 3 घंटे तक तलाश करना पड़ा. स्वास्थ्य विभाग की टीम मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर उसके पास पहुंची.

ठेकेदार पर लापरवाही बरतने का आरोप

धरसीवां के उपसरपंच साहिल खान का कहना है कि गलत जानकारी देने वाले उद्योग और ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसी गलत जानकारी देने से आसपास क्षेत्रों में दहशत फैलती है. सही मोबाइल नम्बर नहीं देने के कारण स्वास्थ्य विभाग को 3 घंटे तक मरीज को ढूंढना पड़ा. वहीं उनका आरोप है कि ठेकेदार द्वारा बाहर से लेबर ला कर काम कराया जा रहा है, लेकिन उनका कोरोना टेस्ट नहीं कराया जा रहा है. ऐसे में संक्रमण का खतरा आसपास के गांव में फैलने की संभावना बढ़ गई है क्योंकि आसपास के गांव के लोग भी फैक्ट्रियों में काम करने जाते हैं. उन्होंने बताया कि पिंटू दुबे नाम के ठेकेदार द्वारा पहले भी टेस्ट कराए बिना ही 35 से 40 लेबर बाहर से लाया गया है. पॉजिटिव पाया गया कर्मचारी भी उसी ठेकेदार के अंदर काम करता है.

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बता दें कि सिलतरा एक बड़ा औघोगिक क्षेत्र है, जहां दूसरे राज्यों से मजदूरों को काम कराने के लिए लाया जाता है.सरकार के नियम के अनुसार बाहर से आने वाले लोगों को तो 14 दिन क्वॉरेंटाइन पर रखना जरूरी है.लेकिन प्लांट में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं सभी मजदूर काम पूरा होने के बाद राशन और सब्जी लेने खुलेआम बाजारों में घूम रहे हैं.

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