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SECL के खिलाफ ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, प्रबंधन पर लगाए मनमानी के आरोप - ग्रामीण SECL प्रबंधन का कर रहे विरोध

आरोप है कि SECL बिना ग्राम पंचायत और भू-स्वामी की इजाजत के ग्रामीणों की जमीन पर कब्जा कर काम कर रही है. इससे नराज ग्रामीणों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया. खबर में पढ़ें क्या कह रहे हैं ग्रामीण.

SECL के पोकलेन मशीन से खराब हुई सड़क
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Published : Oct 25, 2019, 11:20 AM IST

रायगढ़ : घरघोड़ा तहसील के बरौद पंचायत में SECL प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इससे क्षेत्र के ग्रामीणों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस बार कंपनी अपने मनमाने रवैए को लेकर ग्रामीणों के निशाने पर है.

SECL के खिलाफ ग्रामीणों ने खोला मोर्चा

दरअसल, बरौद पंचायत में SECL पहले से स्थापित है. अब समय के साथ विस्तार के लिए कंपनी को जमीन की जरूरत पड़ रही है. कंपनी बिना ग्राम पंचायत और भू-स्वामी की इजाजत के ग्रामीणों की जमीन पर कब्जा कर काम कर रही है, जिससे नराज ग्रामीणों ने प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया.

24 अक्टूबर की शाम को जब कंपनी के लोगों ने काम शुरू किया तो, ग्रामीण बिना भूमि स्वामी और पंचायत की अनुमति के कैसे काम कर रहे हो करके विरोध करने लगे.

पढ़ें : विक्रम उसेंडी को सरकार का नोटिस, खाली करें बंगला

इनका कहना है
⦁ कंपनी की ओर से पुनर्वास, विस्थापन, रोजगार और मुआवजा का वितरण अब तक नहीं किया गया है.
⦁ कंपनी ने बिना मुआवजा दिए ही काम शुरू कर दी है.
⦁ एसईसीएल की न तो कोई स्पष्ट पुनर्वास नीति है न ही रोजगार के लिए कोई योजना है और मुआवजा भी सभी भू-स्वामियों को अब तक नहीं मिला है. फिर भी जमीन पर काम शुरू कर दिया गया है.

रायगढ़ : घरघोड़ा तहसील के बरौद पंचायत में SECL प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इससे क्षेत्र के ग्रामीणों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस बार कंपनी अपने मनमाने रवैए को लेकर ग्रामीणों के निशाने पर है.

SECL के खिलाफ ग्रामीणों ने खोला मोर्चा

दरअसल, बरौद पंचायत में SECL पहले से स्थापित है. अब समय के साथ विस्तार के लिए कंपनी को जमीन की जरूरत पड़ रही है. कंपनी बिना ग्राम पंचायत और भू-स्वामी की इजाजत के ग्रामीणों की जमीन पर कब्जा कर काम कर रही है, जिससे नराज ग्रामीणों ने प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया.

24 अक्टूबर की शाम को जब कंपनी के लोगों ने काम शुरू किया तो, ग्रामीण बिना भूमि स्वामी और पंचायत की अनुमति के कैसे काम कर रहे हो करके विरोध करने लगे.

पढ़ें : विक्रम उसेंडी को सरकार का नोटिस, खाली करें बंगला

इनका कहना है
⦁ कंपनी की ओर से पुनर्वास, विस्थापन, रोजगार और मुआवजा का वितरण अब तक नहीं किया गया है.
⦁ कंपनी ने बिना मुआवजा दिए ही काम शुरू कर दी है.
⦁ एसईसीएल की न तो कोई स्पष्ट पुनर्वास नीति है न ही रोजगार के लिए कोई योजना है और मुआवजा भी सभी भू-स्वामियों को अब तक नहीं मिला है. फिर भी जमीन पर काम शुरू कर दिया गया है.

Intro:एंकर - एसईसीएल कम्पनी अपने मनमानी की वजह से एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गयी है मामला घरघोड़ा तहसील के बरौद पंचायत का है जहाँ ग्राम पंचायत और भू स्वामी की अनुमति लिए बगैर ही कम्पनी ने अपना काम शुरू कर दिया है जिसका ग्रामीण पुरजोर विरोध कर रहे हैं। कम्पनी की ओर से पुनर्वास, विस्थापन, रोजगार और मुआवजा का वितरण भी सभी भू स्वामियों को अब तक नहीं किया गया है।
Body:वीओ - ग्राम पंचायत बरौद में इन दिनों एसईसीएल कम्पनी के लिए स्थानीय ग्रामीणों का तेज आक्रोश फूट पड़ा है। वैसे तो यह कम्पनी यहाँ पहले से स्थापित है पर अब समय के साथ विस्तार के लिए कम्पनी को जमीन की जरूरत पड़ रही है जिसके लिए कम्पनी के लोगों ने बिना मुआवजा दिए ही काम शुरू कर दिया है। 24 तारीख को शाम में जब कम्पनी के लोगों ने काम शुरू किया तो ग्रामीण बिना भूमि स्वामी और पंचायत की अनुमति के कैसे काम कर रहे हो करके विरोध करने लगे। वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने बताया की एसईसीएल की न तो कोई स्पष्ट पुनर्वास निति है ना ही रोजगार के लिए योजना है और मुआवजा भी सभी भू स्वामियों को अब तक नहीं मिल पाया है।
Conclusion:बाइट 1 जगरमति सरपंच
बाइट 2 राधे श्याम
बाइट 3 ग्रामीण

शॉर्ट्स - पोकलेन मशीन से खराब हुई सड़क और खेत
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