रायगढ़: ETV भारत की खबर का असर हुआ है. घरघोड़ा तहसील में बढ़ते कोरोना वायरस और पॉजिटिव मरीजों की संख्या के मद्देनजर कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए जिला कलेक्टर द्वारा विकासखंड स्तरीय टीम का गठित की गई थी, जिसकी जिम्मेदारी विभागीय अधिकारी घरघोड़ा को दी गई थी. इनके द्वारा कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए घरघोड़ा में शिक्षकों की 7 टीम बनाई गई थी, जिसमें 28 शिक्षकों की ड्यूटी लगी थी. शिक्षकों को कोरोना संक्रमित मरीजों के कांटेक्ट ट्रेसिंग की जिम्मेदारी दी गई थी. इसके बाद शिक्षको ने विरोध दर्ज कराया था.
आनन-फानन में प्रशासन हरकत में आया और शिक्षकों की बुनियादी मांगों को मान लिया गया. स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉ एसआर पैकरा ने ETV भारत को बताया कि शिक्षकों को उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन जो जरूरी है वो मुहैया करा दिया गया है. साथ ही उनको वेबैक्स के माध्यम से वर्चुअल ट्रेनिंग भी दी गई है. इसके आधार पर वो कांटेक्ट ट्रेसिंग का काम कर सकें. साथ ही शिक्षकों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य मानकों के आधार वाली ग्लब्स मास्क और जरूरत पड़ी तो पीपी किट भी देने की बात कही गई है. इसके अलावा उनको एक और सुविधा दी गई है. पॉजिटिव मरीज से फोन पर ही संपर्क करके उसके कांटेक्ट में आए लोगों के बारे में जानकारी एकत्रित कर सकते हैं. साथ ही लोगों को टेलीफोनिक सूचना भी देने की सहमति स्थानीय प्रशासन ने दे दी है. शिक्षकों ने ETV भारत की टीम को धन्यवाद दिया है.
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कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम का काम शुरू
बीएमओ ने यह भी बताया कि शिक्षकों के 50 लाख की बीमा राशि की जो मांग है वह उच्च स्तरीय कमेटी ही तय करेगी. इसका अधिकार अधिकारियों के पास ही है. बरहाल शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने को तैयार हो गए हैं और कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए बनी टीम अपना काम भी शुरू कर दी है.