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पचपेड़ी ग्राम पंचायत के सरपंच पर राशि गबन का आरोप, एसडीएम से जांच की मांग - अवैध कब्जा

रायगढ़ के सारंगढ़ तहसील से लगे पचपेड़ी गांव में ग्रामीण और पंचों ने सरपंच और सचिव पर गंभीर आरोप लगाया है. ग्रामीणों और पंचों ने सारंगढ़ एसडीएम से इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है.

Pachperi Gram Panchayat
पचपेड़ी ग्राम पंचायत
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Published : Nov 21, 2020, 4:59 PM IST

रायगढ़: कहने को सरपंच ग्राम प्रमुख होता है, लेकिन जब मुखिया पर ही अवैध कब्जा, अवैध मकान निर्माण, सरकारी राशि के गबन के आरोप लगे तो यह चिंतनीय है. हम बात कर रहे हैं सारंगढ़ तहसील से लगे पचपेड़ी गांव की. जहां सरपंच सरोज कुर्रे के खिलाफ ग्रामीण और पंचो ने अवैध निर्माण, 14वें वित्त की राशि के गबन सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

निर्वाचन के समय तथ्य छिपाने का आरोप

ग्रामीणों के मुताबिक अनुविभागीय दंडाधिकारी (SDM) सारंगढ़ को शिकायत में कहा गया है कि पचपेड़ी ग्राम पंचायत की सरपंच सरोज कुर्रे ने अमहा तालाब के मेडपार में अवैध रूप से कब्जा कर घर बनवाया है. उसके बाद लगातार मकान को बड़ा स्वरूप दिया जा रहा है. जबकि निर्वाचन के वक्त प्रोफार्मा में सरपंच के निजी भूमि में मकान और शौचालय के संदर्भ में उल्लेख रहता है. सरपंच सरोज कुर्रे पर आरोप है कि उन्होंने इस तथ्य को छुपाया है.

एसडीएम से जांच की मांग

ग्रामीणों और पंचों का आरोप है कि सरपंच का मकान बेजा कब्जा तो है ही, साथ में उसके घर के सामने सार्वजनिक हैंड पंप को निकालकर अपने घरेलू इस्तेमाल के लिए सायरन वाला बोर पंप डाला गया है. ग्रामीण और पंचों के मना करने पर भी सरपंच मानने को तैयार नहीं है. इससे गांव में माहौल खराब हो गया है. इन सब मामलों को लेकर ग्रामीण और पंचों ने सारंगढ़ एसडीएम से जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है.

पढ़ें: जगदलपुर: अंजुमन इस्लामिया कमेटी का एक और सदस्य गिरफ्तार, करोड़ों रुपये गबन करने का आरोप

मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भी शिकायत

शिकायत के मुताबिक पचपेड़ी में वर्तमान में सरपंच, उपसरपंच और 11 पंच है. मतलब कुल 13 पंचायत पदाधिकारी हैं. इसमें से सरपंच के पक्ष में 4 पंच है, बाकी 7 पंच उपसरपंच के साथ है. इसके बावजूद ग्राम पंचायत की बैठक में सर्व सहमति से पारित प्रस्तावों के आधार सरपंच और सचिव पर राशि आहरण करने का आरोप है, लेकिन उक्त आहरित राशि से ग्राम पंचायत में काम नहीं किया जा रहा है. वर्तमान में 14वें वित्त आयोग मद से PFMS के जरिए राशि भुगतान किया गया है. लेकिन उपरपंच और ग्रामीणों के मुताबिक उक्त राशि से ग्राम पंचायत में कोई काम नहीं करवाया गया है. साथ ही ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के जरिए एसबीएम शौचालय का निर्माण भी नहीं किया जा रहा है. इस कारण से ग्रामीणों ने राशि आहरण पर रोक लगाने की मांग भी की है.

14वें वित्त में गबन का आरोप

ग्रामीणों के मुताबिक पचपेड़ी में मूलभूत और 14वें वित्त की राशि 4 लाख 68 हजार रुपये से ज्यादा थी. जहां सरपंच सचिव की उपस्थिति में प्रस्ताव पास किया गया. जिसमें कोरोना काल के लिए प्रवासी मजदूरों के लिए तमाम व्यवस्था करने का प्रस्ताव पारित किया गया था. इसके बाद सरपंच सचिव की ओर से 2-3 लाख रुपये आहरण कर लिया
गया. जिसमें सिर्फ 4 पंचों को जानकारी दी गई. बाकी के उपसरपंच और 7 पंचों को किसी भी काम की जानकारी नहीं दी गई. पूछने पर राशि नहीं निकालने कि बात
कही जा रही है.

रायगढ़: कहने को सरपंच ग्राम प्रमुख होता है, लेकिन जब मुखिया पर ही अवैध कब्जा, अवैध मकान निर्माण, सरकारी राशि के गबन के आरोप लगे तो यह चिंतनीय है. हम बात कर रहे हैं सारंगढ़ तहसील से लगे पचपेड़ी गांव की. जहां सरपंच सरोज कुर्रे के खिलाफ ग्रामीण और पंचो ने अवैध निर्माण, 14वें वित्त की राशि के गबन सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

निर्वाचन के समय तथ्य छिपाने का आरोप

ग्रामीणों के मुताबिक अनुविभागीय दंडाधिकारी (SDM) सारंगढ़ को शिकायत में कहा गया है कि पचपेड़ी ग्राम पंचायत की सरपंच सरोज कुर्रे ने अमहा तालाब के मेडपार में अवैध रूप से कब्जा कर घर बनवाया है. उसके बाद लगातार मकान को बड़ा स्वरूप दिया जा रहा है. जबकि निर्वाचन के वक्त प्रोफार्मा में सरपंच के निजी भूमि में मकान और शौचालय के संदर्भ में उल्लेख रहता है. सरपंच सरोज कुर्रे पर आरोप है कि उन्होंने इस तथ्य को छुपाया है.

एसडीएम से जांच की मांग

ग्रामीणों और पंचों का आरोप है कि सरपंच का मकान बेजा कब्जा तो है ही, साथ में उसके घर के सामने सार्वजनिक हैंड पंप को निकालकर अपने घरेलू इस्तेमाल के लिए सायरन वाला बोर पंप डाला गया है. ग्रामीण और पंचों के मना करने पर भी सरपंच मानने को तैयार नहीं है. इससे गांव में माहौल खराब हो गया है. इन सब मामलों को लेकर ग्रामीण और पंचों ने सारंगढ़ एसडीएम से जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है.

पढ़ें: जगदलपुर: अंजुमन इस्लामिया कमेटी का एक और सदस्य गिरफ्तार, करोड़ों रुपये गबन करने का आरोप

मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भी शिकायत

शिकायत के मुताबिक पचपेड़ी में वर्तमान में सरपंच, उपसरपंच और 11 पंच है. मतलब कुल 13 पंचायत पदाधिकारी हैं. इसमें से सरपंच के पक्ष में 4 पंच है, बाकी 7 पंच उपसरपंच के साथ है. इसके बावजूद ग्राम पंचायत की बैठक में सर्व सहमति से पारित प्रस्तावों के आधार सरपंच और सचिव पर राशि आहरण करने का आरोप है, लेकिन उक्त आहरित राशि से ग्राम पंचायत में काम नहीं किया जा रहा है. वर्तमान में 14वें वित्त आयोग मद से PFMS के जरिए राशि भुगतान किया गया है. लेकिन उपरपंच और ग्रामीणों के मुताबिक उक्त राशि से ग्राम पंचायत में कोई काम नहीं करवाया गया है. साथ ही ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के जरिए एसबीएम शौचालय का निर्माण भी नहीं किया जा रहा है. इस कारण से ग्रामीणों ने राशि आहरण पर रोक लगाने की मांग भी की है.

14वें वित्त में गबन का आरोप

ग्रामीणों के मुताबिक पचपेड़ी में मूलभूत और 14वें वित्त की राशि 4 लाख 68 हजार रुपये से ज्यादा थी. जहां सरपंच सचिव की उपस्थिति में प्रस्ताव पास किया गया. जिसमें कोरोना काल के लिए प्रवासी मजदूरों के लिए तमाम व्यवस्था करने का प्रस्ताव पारित किया गया था. इसके बाद सरपंच सचिव की ओर से 2-3 लाख रुपये आहरण कर लिया
गया. जिसमें सिर्फ 4 पंचों को जानकारी दी गई. बाकी के उपसरपंच और 7 पंचों को किसी भी काम की जानकारी नहीं दी गई. पूछने पर राशि नहीं निकालने कि बात
कही जा रही है.

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