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SPECIAL: खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़, स्टेडियम में ट्रैक से लेकर टॉयलेट तक की समस्या

रायगढ़ के बोइरदादर स्टेडियम में रखरखाव की और आसामाजिक तत्वों के दखल के कारण खिलाड़ियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्पोर्ट्स पिच भी खराब हो रही है. अधिकारियों का कहना है कि स्टेडियम में क्षमता से ज्याद लोग पहुंच रहे है, जिसकी वजह से ऐसे हालात है.

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बदहाली में स्टेडियम
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Published : Nov 15, 2020, 2:03 PM IST

रायगढ़: करोड़ों की लागत से बने रायगढ़ के स्टेडियम में खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण तो मिल रहा है. लेकिन रखरखाव की कमी और आसामाजिक तत्वों के दखल से स्टेडियम बदहाली की दिशा में जा रहा है. यहां पर ट्रेनिंग के लिए रनिंग ट्रेक, बैडमिंटन कोर्ट, जिम, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेलों के लिए मैदान हैं. लेकिन देखरेख के अभाव के कारण ये आज जर्जर होने की कगार पर है.

बदहाली में स्टेडियम

यहां पर खेलने वाले खिलाड़ियों के साथ दूसरी समस्या यह है कि शासन ने उद्योगों से सीएसआर मद के सहारे करोड़ों रुपए तो खर्च करा लिए हैं. लेकिन बच्चों को बेहतर ट्रेनिंग के लिए अब तक कोर्ट उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिसकी वजह से खिलाड़ियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यही कारण है कि ज्यादातर खिलाड़ी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं.

कोच की कमी से जूझ रहे खिलाड़ी

बोइरदादर स्टेडियम में खेलने और सेहत बनाने के लिए कई तरह के खेलों की सुविधाएं हैं. जहां विशेष ध्यान दिया जाए तो रायगढ़ भी खिलाड़ियों के लिए नर्सरी बन सकता है. लेकिन खिलाड़ियों के साथ यहां साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. स्टेडियम में गिनती के भी कोच नहीं है, ना ही बेहतर संसाधन उपलब्ध है. खिलाड़ी अपने तरीके से प्रैक्टिस कर रहे हैं. उसी के सहारे आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. यहां बेहतर जिम, बैडमिंटन कोर्ट, रनिंग ट्रेक, फुटबॉल और वॉलीबॉल के लिए मैदान उपलब्ध है. जहां पूरे शहर के लोग आते हैं और प्रैक्टिस करते हैं. लेकिन उनको सही दिशा निर्देश देने के लिए कोच उपलब्ध नहीं है.

पढ़ें- SPECIAL: खेल से हो रहा खिलवाड़, लगातार कम हो रहे खेल के मैदान, प्रैक्टिस तक के लिए नहीं बची जगह

मैदान के विपरीत होता खेल प्रशिक्षण

बच्चों के ट्रेनिंग के लिए बनाए गए बास्केटबॉल और वॉलीबॉल जैसे पिच में लोग दूसरे खेल भी खेलते है. जिसकी वजह से पिच खराब हो जाती है. ऐसे में ना ये मैदान वॉलीबॉल के लिए सही रहता है और ना अन्य खेल के लिए. इसी तरह रनिंग ट्रैक में भी सुबह लोग मॉर्निंग वॉक के लिए निकल जाते हैं. जिसकी वजह से ट्रैक में प्रैक्टिस करने वाले एथलीट्स को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा फुटबॉल कोर्ट में पुशअप, चिनअप के लिए जगह बना दी गई है. इससे फुटबॉल खिलाड़ियों को दिक्कत होती है.

समय के साथ जर्जर होती गई व्यवस्थाएं

खिलाड़ियों का कहना है कि पहले मैदान अच्छा था, व्यवस्थाएं भी बेहतर थी, लेकिन अब आसामाजिक तत्वों के हस्तक्षेप के बाद मैदान जर्जर हो गया है. जहां प्रैक्टिस करने में काफी दिक्कत होती है. इसके अलावा सुबह जब आते हैं तो वॉशरूम साफ नहीं रहता. पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. मूलभूत सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

पढ़ें-कटघोरा: खेल का मैदान बना शराब पीने का अड्डा, मैदान में पड़ी रहती हैं शराब की बोतलें

स्टेडियम में पहुंच रहे क्षमता से ज्यादा लोग

ETV भारत ने इस विषय में अधिकारियों से बात की, रायगढ़ स्टेडियम के प्रभारी और संरक्षक ने बताया कि शहर में और कई मैदान, जॉगिंग प्लेस है. लेकिन बेहतर व्यवस्था ना होने की वजह से लोग इस स्टेडियम में प्रैक्टिस के लिए पहुंच रहे हैं और क्षमता से ज्यादा पहुंच रहे हैं. यही वजह है कि अब अव्यवस्थाएं बढ़ गई हैं. शासन को पत्राचार किया गया है. साफ-सफाई के लिए नगर निगम को भी कहा गया है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ऑडिटोरियम में मरम्मत कार्य के लिए अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है.

फंड नहीं मिलने से हो रही परेशानी

बता दें कि रायगढ़ नगर निगम और स्थानीय प्रशासन के साथ ही ऑडिटोरियम को सीएसआर मद के सहारे कई निजी उद्योगों से फंड लेकर बनाया गया है. यही वजह है कि रखरखाव और मरम्मत में सीएसआर फंड न मिलने की वजह से लेटलतीफी हो रही है.

रायगढ़: करोड़ों की लागत से बने रायगढ़ के स्टेडियम में खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण तो मिल रहा है. लेकिन रखरखाव की कमी और आसामाजिक तत्वों के दखल से स्टेडियम बदहाली की दिशा में जा रहा है. यहां पर ट्रेनिंग के लिए रनिंग ट्रेक, बैडमिंटन कोर्ट, जिम, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेलों के लिए मैदान हैं. लेकिन देखरेख के अभाव के कारण ये आज जर्जर होने की कगार पर है.

बदहाली में स्टेडियम

यहां पर खेलने वाले खिलाड़ियों के साथ दूसरी समस्या यह है कि शासन ने उद्योगों से सीएसआर मद के सहारे करोड़ों रुपए तो खर्च करा लिए हैं. लेकिन बच्चों को बेहतर ट्रेनिंग के लिए अब तक कोर्ट उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिसकी वजह से खिलाड़ियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यही कारण है कि ज्यादातर खिलाड़ी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं.

कोच की कमी से जूझ रहे खिलाड़ी

बोइरदादर स्टेडियम में खेलने और सेहत बनाने के लिए कई तरह के खेलों की सुविधाएं हैं. जहां विशेष ध्यान दिया जाए तो रायगढ़ भी खिलाड़ियों के लिए नर्सरी बन सकता है. लेकिन खिलाड़ियों के साथ यहां साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. स्टेडियम में गिनती के भी कोच नहीं है, ना ही बेहतर संसाधन उपलब्ध है. खिलाड़ी अपने तरीके से प्रैक्टिस कर रहे हैं. उसी के सहारे आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. यहां बेहतर जिम, बैडमिंटन कोर्ट, रनिंग ट्रेक, फुटबॉल और वॉलीबॉल के लिए मैदान उपलब्ध है. जहां पूरे शहर के लोग आते हैं और प्रैक्टिस करते हैं. लेकिन उनको सही दिशा निर्देश देने के लिए कोच उपलब्ध नहीं है.

पढ़ें- SPECIAL: खेल से हो रहा खिलवाड़, लगातार कम हो रहे खेल के मैदान, प्रैक्टिस तक के लिए नहीं बची जगह

मैदान के विपरीत होता खेल प्रशिक्षण

बच्चों के ट्रेनिंग के लिए बनाए गए बास्केटबॉल और वॉलीबॉल जैसे पिच में लोग दूसरे खेल भी खेलते है. जिसकी वजह से पिच खराब हो जाती है. ऐसे में ना ये मैदान वॉलीबॉल के लिए सही रहता है और ना अन्य खेल के लिए. इसी तरह रनिंग ट्रैक में भी सुबह लोग मॉर्निंग वॉक के लिए निकल जाते हैं. जिसकी वजह से ट्रैक में प्रैक्टिस करने वाले एथलीट्स को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा फुटबॉल कोर्ट में पुशअप, चिनअप के लिए जगह बना दी गई है. इससे फुटबॉल खिलाड़ियों को दिक्कत होती है.

समय के साथ जर्जर होती गई व्यवस्थाएं

खिलाड़ियों का कहना है कि पहले मैदान अच्छा था, व्यवस्थाएं भी बेहतर थी, लेकिन अब आसामाजिक तत्वों के हस्तक्षेप के बाद मैदान जर्जर हो गया है. जहां प्रैक्टिस करने में काफी दिक्कत होती है. इसके अलावा सुबह जब आते हैं तो वॉशरूम साफ नहीं रहता. पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. मूलभूत सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

पढ़ें-कटघोरा: खेल का मैदान बना शराब पीने का अड्डा, मैदान में पड़ी रहती हैं शराब की बोतलें

स्टेडियम में पहुंच रहे क्षमता से ज्यादा लोग

ETV भारत ने इस विषय में अधिकारियों से बात की, रायगढ़ स्टेडियम के प्रभारी और संरक्षक ने बताया कि शहर में और कई मैदान, जॉगिंग प्लेस है. लेकिन बेहतर व्यवस्था ना होने की वजह से लोग इस स्टेडियम में प्रैक्टिस के लिए पहुंच रहे हैं और क्षमता से ज्यादा पहुंच रहे हैं. यही वजह है कि अब अव्यवस्थाएं बढ़ गई हैं. शासन को पत्राचार किया गया है. साफ-सफाई के लिए नगर निगम को भी कहा गया है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ऑडिटोरियम में मरम्मत कार्य के लिए अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है.

फंड नहीं मिलने से हो रही परेशानी

बता दें कि रायगढ़ नगर निगम और स्थानीय प्रशासन के साथ ही ऑडिटोरियम को सीएसआर मद के सहारे कई निजी उद्योगों से फंड लेकर बनाया गया है. यही वजह है कि रखरखाव और मरम्मत में सीएसआर फंड न मिलने की वजह से लेटलतीफी हो रही है.

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