रायगढ़: नगर निगम चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने जमीनी कार्यकर्ताओं को तलाशना शुरू कर दिया है. चुनाव के लिए एक ओर जहां भाजपा केंद्र की योजनाओं के नाम पर मैदान में उतने की तैयारी कर रही है. वहीं कांग्रेस अपने 10 महीने के कार्यकाल की सफलता गिनवाने में लगी हुई है. दोनों ही पार्टियां प्रत्याशियों की तलाश में जुटी हुई हैं.
2014 के निकाय चुनाव को भाजपा और कांग्रेस दोनों ही भूल नहीं पाए हैं क्योंकि निर्दलीय प्रत्याशी संजय चौहान उर्फ मधुबाई किन्नर भाजपा-कांग्रेस को हराते हुए जीत हासिल कर महापौर बनी थीं और दोनों पार्टियों को मुंह की खानी पड़ी थी.
एक-दूसरे पर इल्जाम लगाने में लगी पार्टियां
48 वार्ड वाले रायगढ़ नगर निगम के लोगों का मिजाज दोनों ही पार्टियों से रूठा हुआ था, अब इस बार किसे जनादेश मिलता है, यह देखना होगा. फिलहाल भाजपा और कांग्रेस इस बार जीत का दंभ भर रही हैं और अपनी-अपनी सरकार की उपलब्धि बताकर एक दूसरे पर इल्जाम लगा रही हैं.
दोनों ही पार्टियों के पास महापौर को लेकर प्रत्याशियों की लंबी लिस्ट है, लेकिन प्रत्याशी का नाम सार्वजनिक करने के लिए मंथन का दौर चल रहा है. दोनों ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि संगठन के फैसले के अनुसार ही पार्टी निगम क्षेत्र में अपने उम्मीदवार प्रस्तुत करेंगे. बता दें इस बार रायगढ़ नगर निगम महापौर अनुसूचित जाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित है इससे पहले अनुसूचित जाति स्वतंत्र था.