रायगढ़: कोरोना न सिर्फ लोगों को शारीरिक-मानसिक रूप से इफेक्ट कर रहा है बल्कि लोगों की जेब पर भी अच्छा-खासा असर डाल रहा है. सफाई, सुरक्षा, और पोषण के लिए लोगों को पहले से कहीं ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं.
कोरोना ने बिगाड़ा बजट
हर महीने घर के खर्च के लिए बनाया जाने वाला बजट काफी बढ़ गया है. मास्क, सैनिटाइजर और हैंडवॉश की खरीदी भी एकस्ट्रा करनी पड़ रही है. इसके अलावा कोरोना काल में लोग पहले से कहीं ज्यादा पोषणयुक्त भोजन करने लगे है. इम्युनिटी बूस्टर, काढ़ा, ड्राई फ्रूट्स आदि की खरीदी अतिरिक्त बोझ साबित हो रही है.
मध्यम वर्गीय पर ज्यादा इफेक्ट
कोरोना महामारी से पूरा दुनिया जूझ रही है, लेकिन इससे सबसे ज्यादा प्रभावित मध्यम और गरीब वर्ग हो रहा है. पहले जहां हर महीने के खर्च के बाद लोगों की कुछ सेविंग्स हो जाती थी तो वहीं अब खर्च चलाने के लिए सेविंग्स भी खर्च करना पड़ रहा हैं.
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ETV भारत ने जाना हाल
ETV भारत ने मध्यम वर्गीय कई परिवारों, गृहणियों से बात की तो उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण काफी महंगाई बढ़ गई है, हालात ये है कि आलू-प्याज खरीदने के लिए भी 2 से 3 गुना ज्यादा पैसे देने पड़ रहे है. इसके अलावा दाल-तेल के भाव भी काफी बढ़ गए है. हाउस वाइफ्स ने बताया कि सभी सामानों की कीमतें आसमान छू रही है, तो इनके बीच कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा के अतिरिक्त सामान जैसे मास्क, सैनिटाइजर, साबुन की खरीदी भी जरूरी हो गई है. लोगों ने चर्चा में बताया कि अब उनकी सैलरी भी काट कर दी जा रही है ऐसे में जिंदगी चलाना अब मुश्किल होता जा रहा है.
कोरोना और लॉकडाउन में राशन की कीमतों में वृद्धि
इधर दुकानदारों ने ETV भारत से बताया कि कोरोना और लॉकडाउन में राशन की कीमतों में इजाफा हुआ है, हालांकि उनका कहना है कि कुछ सामानों में गिरावट भी हुई है, मास्क, सैनिटाइजर और एंटीबैक्टीरियल साबुन के साथ मसाले लोगों पर एकस्ट्रा बोझ डाल रहे हैं.
हरी सब्जियों की भी बढ़ी कीमतें
कोरोना की वजह से बाजारों में हरी सब्जियों की कीमत आसमान पर हैं. लोगों को साग खरीदने के लिए भी ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं. मध्यम वर्गीय परिवार न सब्जियां खरीद पा रहा है न ही सूखा राशन खरीद पा रहा है लेकिन मजबूरी ये है कि शरीर के स्वास्थ्य के लिए लोगों को ज्यादा पैसे देकर भी रसद खरीदना पड़ रहा है.
रायगढ़ में कोरोना
जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या 12 हजार से ज्यादा हो गई है. मौत का आंकड़ा भी 100 के पार हो चुका है. रोजाना 300 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हो रही है. जिससे लोग ज्यादा सतर्क हो गए है, और बाजार से इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा, ड्राई फ्रूट्स, सैनिटाइजर मास्क एंटीबैक्टीरियल साबुन खरीद कर घरों में ला रहे हैं जिससे उनके जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है.