रायगढ़: आपदा के समय SECL की तीन बड़ी खदानों को जबरन बंद करवाने के आरोप में घरघोड़ा नगर पंचायत उपाध्यक्ष और उसके तीन साथियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.
जानकारी के मुताबिक, उपाध्यक्ष और उसके तीन साथियों ने 2 सूत्रीय मांगों को लेकर बरौद रोड पर 2 दिनों तक चक्काजाम कर दिया था. इसके बाद SECL की तीनों माइंस को बंद कराया गया था. SDM ने कहा कि आपदा के समय कोयले को अति आवश्यक सेवा के तहत रखा गया है. बिजली उत्पादन से सीधा संबंध होने के कारण कोयला उत्पादन और परिवहन रोकना भी अपराध है.
भूमिगत खदान में पदस्थापना से नाराज थे माइंस के कर्मचारी
घरघोड़ा क्षेत्र में SECL और बरौद माइंस के प्रभावितों ने दूसरी जगह पोस्टिंग देने के विरोध में प्रदर्शन किया था. उनकी मांग ओपन खदान में पदस्थापना देने की थी, जबकि SECL ने उन्हें भूमिगत खदान में पदस्थ किया था. कुछ दिनों पहले ग्रामीणों के साथ घरघोड़ा नगर पंचायत उपाध्यक्ष उस्मान बेग और उनके अन्य साथियों ने धरना प्रदर्शन किया था. साथ ही प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा और युवाओं को रोजगार देने की मांग की थी.
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आरोप है कि 15 अक्टूबर को कलेक्टर भीम सिंह के घरघोड़ा दौरे के दौरान प्रदर्शनकारियों ने इस मुद्दे पर बातचीत भी की थी, जिसका निराकरण करने के लिए 15 दिनों की मोहलत मांगी गई थी. इसके बाद ग्रामीण तो चले गए, लेकिन नगर पंचायत उपाध्यक्ष रजनी कांत तिवारी, समीर गोस्वामी और नरिहर दास सहित अन्य लोगों ने बरौद रोड पर चक्काजाम कर दिया. यही नहीं उन्होंने खदानों में प्रवेश कर उत्पादन बंद करा दिया था. इसकी सूचना मिलने के बाद घरघोड़ा एसडीएम अशोक भी मौके पर पहुंचे थे.
SDM के निर्देश पर FIR दर्ज
मौके पर पहुंचे SDM ने प्रदर्शनकारियों को समझाइश दी थी, लेकिन कोई असर नहीं हुआ. इस पर सोमवार को SDM ने संबंधितों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए थे. बुधवार रात को उस्मान बेग, रजनीकांत तिवारी, समीर गोस्वामी और नरिहर दास के खिलाफ IPC के विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.
घरघोड़ा टीआई कृष्णकांत सिंह ने दी जानकारी
वर्तमान में पूरा देश कोरोना जैसी महामारी का सामना कर रहा है. ऐसे में बिजली संयंत्रों का निर्बाध गति से चलना बहुत जरूरी है. SDM ने कहा कि SECL की खदान से ज्यादातर कोयला पॉवर सेक्टर को जाता है. ऐसे में एक ही दिन उत्पादन और परिवहन बंद होने से करोड़ों का नुकसान होता है. उस्मान बेग और उनके साथियों ने खदानों को बंद कर काम को बाधित किया था, जो अपराध है, इसलिए चारों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. घरघोड़ा टीआई कृष्णकांत सिंह ने इसकी पुष्टि की है.