रायगढ़ : जिले के वनांचल क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू हो चुका है. सरकार भी तेंदुपत्ता की खरीदी के लिए विशेष जोर दे रही है. इस साल तेंदूपत्ता के रक्षक 72 शिक्षक भी होंगे जो तेंदूपत्ता की देखरेख करेंगे.
दरअसल रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ और बांगुरसिया में कई किस्म के तेंदूपत्ता पाए जाते हैं जिसे सबसे बेहतर माना जाता है. जिले के आदिवासी समाज ने भी तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू कर दिया है. वे तेंदूपत्ता को तोड़कर सरकार के मानक मूल्यों पर उसे बेचते हैं, ताकि अपना गुजर-बसर कर सकें. इस साल कांग्रेस सरकार ने तेंदूपत्ता के समर्थन मूल्य को बढ़ाते हुए 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा के दर से खरीदी करने फैसला लिया है.
तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए 53 समितियां बनाई गई
तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए 53 समितियां बनाई गई हैं, जिसमें 416 फड़ हैं. इन फड़ों में फड़ अभिरक्षक भी बनाए गए हैं. कुल फड़ों में से 185 फड़ ऐसे हैं जिनमें अग्रिम रूप से तेंदूपत्ता बिक्री नहीं हुई है उन फड़ों में सरकार खरीदी करती है. इन फड़ों पर शिक्षक वर्ग 72 शिक्षकों और शेष 113 फड़ पर वन विभाग के लोगों को फड़ अभिरक्षक के रूप में लगाया गया है.
72 शिक्षकों को नियुक्त किया गया
वन विभाग के अधिकारी का कहना है कि, 'इस बार तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई है. इसका कारण शासकीय खरीदी है. इस खरीदी में किसी तरह की चूक न हो इसके लिए 72 शिक्षकों को नियुक्त किया गया है, जबकि वहां पर 113 वन विभाग के अधिकारी भी रहेंगे'.