रायगढ़ः तमनार विकासखंड के गारे पेलमा सेक्टर स्थित पेलमा गांव में बीते दिनों कोयला सत्याग्रह किया गया. इसमें गांधीजी के नमक कानून तोड़ने की तर्ज पर कोयला कानून तोड़कर गांधी जयंती और कोयला सत्याग्रह मनाया गया. सत्याग्रह में कोयला प्रभावित क्षेत्र के 56 गांव के हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. कृषि भूमि को कोयला खनन के लिए किसी भी कंपनी को नहीं देने का संकल्प लिया.
कृषि भूमि नहीं देने का संकल्प
तमनार ब्लॉक स्थित ग्राम पेलमा में राष्ट्रपिता की जयंती पर 2 अक्टूबर को आठवें कोयला सत्याग्रह का आयोजन किया गया. इसकी शुरुआत गांधी के तस्वीर पर माला पहनाकर की गई. ग्रामीणों ने बताया कि इलाके में कोयले का भंडार मौजूद होने के कारण लगातार नई-नई कंपनियों ने यहां घुसपैठ करना शुरू कर दिया है, जिससे ग्रामीणों को कृषि करने में मुश्किल होने लगी है. इसके विरोध में प्रभावित ग्रामीणों ने विशाल रैली निकाली और कृषि भूमि को गैर कृषि कार्य और खनन के लिए किसी भी कंपनी को नहीं देने का संकल्प लिया है.
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सत्याग्रह में राजपरिवार भी शामिल
ग्रामीणों ने कहा कि देश के विकास के लिए अगर कोयले की जरूरत है, तो सामुदायिक संगठन ही कोयला खोदकर सरकार को देगी और देश के विकास में सहभागिता निभाएगी. सत्याग्रह में ग्रामीणों के साथ रायगढ़ के राजपरिवार के राजा देवेंद्र प्रताप सिंह ने रैली में हिस्सा लिया था. साथ ही ग्रीन मैन रमेश अग्रवाल जनचेतना मंच के राजेश त्रिपाठी, हरिहर पटेल, शिवपाल भगत और कृष्णा साहू ने अपनी सहभागिता निभाई.