रायगढ़: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में नेताओं के बीच जमकर सियासी जंग देखने को मिल रही है. बीजेपी और कांग्रेस के बड़े नेता लगातार छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे हैं. इस बार शनिवार को केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली रायगढ़ पहुंचे. यहां उन्होंने साहू समाज के बहाने बघेल सरकार पर अटैक किया और ओबीसी वाला दांव खेल दिया.
केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली का बघेल सरकार पर आरोप: केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली ने कांग्रेस पर झूठा वादा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि "छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के साहू समाज से झूठा वादा किया. साहू समाज का वोट हासिल करने के बाद उन्होंने वादे को पूरा नहीं किया". साहू समाज के बहाने रामेश्वर तेली ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू पर भी निशाना साधा. बीजेपी सांसद भुवनेश्वर कलिता जो पहले कांग्रेस के नेता थे. बाद में बीजेपी में शामिल हुए. उनके बयान के आधार पर रामेश्वर तेली ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए.
"भुवनेश्वर कलिता जी, जो छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ के लिए कांग्रेस प्रभारी थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रचार किया था कि ताम्रध्वज साहू को सीएम बनाया जाएगा. लेकिन चुनाव जीतने के बाद, भूपेश बघेल को सीएम बनाया गया. कांग्रेस ने इस तरह के झूठे वादे करके हमारे समुदाय के वोट हासिल किए. कलिता ने उस वक्त ताम्रध्वज साहू के सामने यह कहा था कि कांग्रेस ने राज्य में साहू समुदाय को धोखा दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो वादे करती है. लेकिन उन्हें पूरा करने में विफल रहती है": रामेश्वर तेली, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री
केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने खुद को बताया छत्तीसगढ़िया: रामेश्वर तेली असम के डिब्रूगढ़ से बीजेपी के सांसद हैं. वह मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं. रामेश्वर तेली ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि" वह साहू समुदाय से हैं और उनके परिवार की जड़ें छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से जुड़ी हुई है. ऐसा कहा जाता है कि लगभग 200 साल पहले, हमारा परिवार आजीविका की तलाश में इस क्षेत्र से असम चला गया था. हम अब असमिया बन गए हैं. असम लघु भारत है. मैं छत्तीसगढ़ी सहित 8 से 9 भाषाएं बोल सकता हूं" .
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छत्तीसगढ़ की राजनीति में साहू समाज की भूमिका : छत्तीसगढ़ की राजनीति में साहू समाज की अहम भूमिका है. वह किंगमेकर माने जाते हैं. साहू समाज की राज्य में 14 फीसदी आबादी है.साहू समाज छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर मैदानी इलाकों में बसे हुए हैं. वे मुख्य रूप से किसान हैं, जबकि समाज के लोग व्यापारी भी हैं. 2018 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने साहू समुदाय से आने वाले 14 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जिनमें से 13 हार गए. साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस को साहू समाज का व्यापक समर्थन मिला था. यही वजह है कि अब साहू समाज को केंद्र में रखकर छत्तीसगढ़ में राजनीति हो रही है. यही वजह है कि बीजेपी ने बीते साल अरुण साव को छत्तीसगढ़ बीजेपी का अध्यक्ष नियुक्ति किया. इस बार बीजेपी ने जो उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है. उसमें 21 में से चार उम्मीदवार साहू समाज के हैं.
सोर्स: पीटीआई