रायगढ़: पीएम आवास योजना उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिनके सिर पर छत नहीं है और इस योजना की मदद से उन्हें रहने के लिए एक घर मिल रहा है. लेकिन रायगढ़ जिले में पीएम आवास योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. यहां के शहरी क्षेत्र में लगभग 1100 पीएम आवास बने हैं, जिनको निराश्रित लोगों को देना है, लेकिन अब तक ये घर हितग्राहियों को बांटे नहीं गए हैं. जिससे गरीबों के लिए बनाए गए इन घरों को असामाजिक तत्व क्षतिग्रस्त कर रहे हैं.
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असामाजिक तत्वों ने मकानों को किया क्षतिग्रस्त
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री आवास योजना. इस महत्वाकांक्षी योजना का मुख्य उद्देश्य निराश्रित और बेघर लोगों को घर देना है. पूर्व की कांग्रेस शासित केंद्र सरकार इस योजना को इंदिरा आवास के नाम से संचालित करती थी. सरकार बदलने के साथ ही योजना का नाम बदला और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को घर मिलने लगे. रायगढ़ जिले के शहरी क्षेत्र में लगभग 1100 पीएम आवास बने हैं, जिनको निराश्रित लोगों को देना है, लेकिन अब तक लाभार्थियों को घर नहीं मिल पाया है, जबकि गरीबों के लिए बने ये आश्रय बदमाशों ने क्षतिग्रस्त कर दिए गए हैं.
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बीजेपी हुई हमलावर
रायगढ़ जिले के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों को मकान देने के लिए सर्वे सूची के आधार पर नाम तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव उसके बाद नगरीय निकाय चुनाव और अब कोरोना महामारी के कारण ये काम अटका पड़ा है. लिहाजा लोगों को घर नहीं मिल पा रहे हैं. अब विपक्ष इसे लेकर वर्तमान प्रदेश सरकार और स्थानीय नगरीय निकाय प्रशासन को घेरने की तैयारी में है. भाजपा नेता दिबेश सोलंकी का आरोप है कि राज्य सरकार गरीबों के लिए घर तो नहीं बनवा पा रही है, लेकिन जो घर बन चुके हैं उनकी भी देखरेख करने में असमर्थ है.
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राज्य और केंद्र के बीच समन्वय की कमी
राज्य सरकार केंद्र की भाजपा सरकार के साथ समन्वय साबित करने में पूरी तरह से फेल हो रही है. नगर निगम के सभापति जयंत ठेठवार का कहना है कि लाभार्थियों के नाम की सूची केंद्र और राज्य सरकार को भेज दी गई है. अंतिम निर्णय के लिए कलेक्टर के पास फाइल भी पहुंच चुकी है और जल्द ही हितग्राहियों को उनका घर मिल जाएगा. ठेठवार ने कहा कि हालांकि इन मकानों को प्रवासी मजदूरों को किराए पर भी देने की तैयारी चल रही है, जिसे लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हो पाया है.
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मकानों की पूरी जिम्मेदारी ठेकेदारों की
भवन और उनमें हुए नुकसान को लेकर नगर निगम कमिश्नर आशुतोष पांडे का कहना है कि अभी घर ठेकेदार से हैंडओवर नहीं लिया गया है. लिहाजा मकानों की जिम्मेदारी ठेकेदार के ऊपर है. उन्होंने कहा कि जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई संबंधित ठेकेदार से होगी, उसके बाद ही घरों को टेकओवर किया जाएगा. जल्द ही लाभान्वित हितग्राहियों को पीएम आवास आवंटित कर दिए जाएंगे. कमिश्नर का कहना है कि लगभग 600 पीएम आवास आवंटित हो चुके हैं और लगभग 500 अभी पेंडिंग हैं. ऐसे में उन लोगों के नाम तैयार किए जा रहे हैं, जो वाकई हितग्राही हैं और उनको घर की आवश्यकता है.