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World Environment Day: अबूझमाड़ में पहली बार मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस - पर्यावरण दिवस

आज औद्योगीकरण के इस दौर में पर्यावरण को भारी नुक्सान पहुंचाया जा रहा है. लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है. लोगों को पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 5 जून को दुनियाभर में "विश्व पर्यावरण दिवस" मनाया जाता है. लेकिन अबूझमाड़ के नक्सल प्रभावित तोयामेटा गांव में पहली बार पर्यावरण दिवस मनाया गया.

World Environment Day
विश्व पर्यावरण दिवस
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Published : Jun 5, 2023, 8:22 PM IST

विश्व पर्यावरण दिवस

नारायणपुर: 5 जून को दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. लेकिन अबूझमाड़ के नक्सल प्रभावित तोयामेटा गांव में पहली बार पर्यावरण दिवस मनाया गया. ग्रमीणों ने आज पर्यावरण दिवस के मौक पर पेड़ पौधे लगाए. इस मौके पर जल जंगल जमीन और प्रकृति को बचाने संकल्प लेकर लोगों को जागरूक किया गया.

पहली बार मना पर्यावरण दिवस: नारायणपुर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर तोयामेटा गांव में पहली बार अबूझमाड़ के सैकड़ों ग्रामीणों ने पर्यावरण दिवस को भव्य रूप मनाया. कुछ दशकों से हमारा पर्यावरण में प्रदूषित तेजी से बढ़ रहा है. जिससे इस पर रहने वाले जीव-जंतु, जलवायु समेत सभी चीजें प्रदूषित हो रही है. जिससे सबके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. इसकी आभास अब अबूझमाड़ के लोगों को भी होने लगा है. जिसके लिए लोगों ने बड़े रूप से पर्यावरण दिवस मनाया.

ग्रामीणों ने कहा भूपेश सरकर पेड़ लगाए: अबूझमाड़ के ग्रामीण प्रदीप ने बताया की "आज विश्व भर में पर्यावरण दिवस मना रहा है. नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में खदान भरी संख्या में है. इसके खुलने से पेड़ पौधों कटेंगे. इससे प्रकृति को नुकसान होगा. पेड़-पौधे ही अगर नहीं रहेंगे, तो हम या हमारी आने वाली पीढ़ी कैसे रहेगी. इसी संदर्भ में अबूझमाड़ के ग्राम तोयमेटा में हजारों ग्रामीणों ने वृक्षारोपण किया और यह संदेश देते हुए भूपेश सरकार से पेड़ पौधे लगाने अपील की."

डांस ग्रुप ने पर्यावरण बचाने किया जागरूक: डांस ग्रुप के सदस्य मंगलू ने बताया कि "आज विश्व भर में पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. सरकार पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है. हम गीत और नृत्य के माध्यम से प्राकृतिक पर्यावरण को बचाने जल जंगल जमीन को बचाने जागरूक कर रहे हैं. पेड़ पौधे और पानी को अभी संरक्षित रखते हैं, तो आने वाली पीढ़ी के लिए भी काम आएगा."

नहीं चाहिए चौड़ी सड़क: अबूझमाड़ के ग्रामीण मोहन ने बताया कि "रोड चौड़ीकरण और नए पुलिस कैंप के खुलने से भारी मात्रा में पेड़ पौधों को काटा जाएगा. जिससे पर्यावरण नष्ट होगा. हमें अधिक चौड़ीकरण सड़क की आवश्यकता नहीं है. वर्तमान में जितनी चौड़ीकरण सड़क है, वह पर्याप्त है."

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साप्ताहिक बाजार स्थल आकाबेडा में आदिवासी डांस ग्रुप के विश्व पर्यावरण दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें युवक एवं युवतियों ने हिंदी, गोंडी और क्षेत्रीय भाषाओं में गीत गाकर नृत्य किए गए. वहीं जल, जंगल, जमीन को बचाने लोगों को जागरूक किया गया.

विश्व पर्यावरण दिवस

नारायणपुर: 5 जून को दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. लेकिन अबूझमाड़ के नक्सल प्रभावित तोयामेटा गांव में पहली बार पर्यावरण दिवस मनाया गया. ग्रमीणों ने आज पर्यावरण दिवस के मौक पर पेड़ पौधे लगाए. इस मौके पर जल जंगल जमीन और प्रकृति को बचाने संकल्प लेकर लोगों को जागरूक किया गया.

पहली बार मना पर्यावरण दिवस: नारायणपुर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर तोयामेटा गांव में पहली बार अबूझमाड़ के सैकड़ों ग्रामीणों ने पर्यावरण दिवस को भव्य रूप मनाया. कुछ दशकों से हमारा पर्यावरण में प्रदूषित तेजी से बढ़ रहा है. जिससे इस पर रहने वाले जीव-जंतु, जलवायु समेत सभी चीजें प्रदूषित हो रही है. जिससे सबके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. इसकी आभास अब अबूझमाड़ के लोगों को भी होने लगा है. जिसके लिए लोगों ने बड़े रूप से पर्यावरण दिवस मनाया.

ग्रामीणों ने कहा भूपेश सरकर पेड़ लगाए: अबूझमाड़ के ग्रामीण प्रदीप ने बताया की "आज विश्व भर में पर्यावरण दिवस मना रहा है. नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में खदान भरी संख्या में है. इसके खुलने से पेड़ पौधों कटेंगे. इससे प्रकृति को नुकसान होगा. पेड़-पौधे ही अगर नहीं रहेंगे, तो हम या हमारी आने वाली पीढ़ी कैसे रहेगी. इसी संदर्भ में अबूझमाड़ के ग्राम तोयमेटा में हजारों ग्रामीणों ने वृक्षारोपण किया और यह संदेश देते हुए भूपेश सरकार से पेड़ पौधे लगाने अपील की."

डांस ग्रुप ने पर्यावरण बचाने किया जागरूक: डांस ग्रुप के सदस्य मंगलू ने बताया कि "आज विश्व भर में पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. सरकार पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है. हम गीत और नृत्य के माध्यम से प्राकृतिक पर्यावरण को बचाने जल जंगल जमीन को बचाने जागरूक कर रहे हैं. पेड़ पौधे और पानी को अभी संरक्षित रखते हैं, तो आने वाली पीढ़ी के लिए भी काम आएगा."

नहीं चाहिए चौड़ी सड़क: अबूझमाड़ के ग्रामीण मोहन ने बताया कि "रोड चौड़ीकरण और नए पुलिस कैंप के खुलने से भारी मात्रा में पेड़ पौधों को काटा जाएगा. जिससे पर्यावरण नष्ट होगा. हमें अधिक चौड़ीकरण सड़क की आवश्यकता नहीं है. वर्तमान में जितनी चौड़ीकरण सड़क है, वह पर्याप्त है."

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साप्ताहिक बाजार स्थल आकाबेडा में आदिवासी डांस ग्रुप के विश्व पर्यावरण दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें युवक एवं युवतियों ने हिंदी, गोंडी और क्षेत्रीय भाषाओं में गीत गाकर नृत्य किए गए. वहीं जल, जंगल, जमीन को बचाने लोगों को जागरूक किया गया.

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