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आठ गांवों का एक ही सहारा, लेकिन वो सड़क भी बन गई दलदल

नारायणपुर जिले के ओरछा रोड में 8 गांव को जोड़ने वाली छोटे राजपुर की सड़क कीचड़ में तब्दील हो गई है.

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Published : Sep 26, 2019, 1:35 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 3:28 PM IST

सड़क दलदल में हुआ तब्दील

नारायणपुर: ओरछा रोड में छोटे राजपुर की सड़क पहले ही बारिश में पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो गई है. ग्रामीणों की मांग पर सरकार ने इस सड़क का निर्माण कराया था, लेकिन अब इस सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं.

आठ गांवों का एक ही सहारा, लेकिन वो सड़क भी बन गई दलदल

मामला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर ओरछा मार्ग पर स्थित ग्राम पंचायत राजपुर के आश्रित गांव छोटे राजपुर का है, जहां 2018 में सरपंच एमपी बाय समरथ और सचिव हेमंत कचनाम ने केंद्रीय विशेष सहायता मदरसे से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर तक सड़क का निर्माण कराया था, इसमें सचिव सरपंच ने सड़क निर्माण के लिए लगभग 25 से 30 मजदूरों से काम करवाया था.

मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया
सड़क निर्माण में लगे ट्रैक्टर जेसीबी मालिकों को लगभग 6 लाख का भुगतान तो किया गया, लेकिन सड़क निर्माण में लगे मजदूरों को एक साल बीतने के बावजूद भी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया. इस संबंध में जब सरपंच से बात की गई तो सरपंच ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए 2018 में विशेष केंद्रीय मत से 19 लाख रुपए की स्वीकृति हुई थी. इस कार्य को प्रारंभ करने से पहले, पहली किस्त के रूप में 8 लाख ग्राम पंचायत को दिया गया था. इसमें से लगभग 6 लाख रुपए ट्रैक्टर और जेसीबी मालिकों को भुगतान किया गया, लेकिन मजदूरों को भुगतान नहीं मिलने से ग्रामीणों में काफी रोष है.

सड़क कीचड़ में हुई तब्दील
वहीं ग्रामीणों की मानें तो सरपंच द्वारा सड़क का घटिया निर्माण किया गया. इस सड़क पर पहले मिट्टी और मुरूम जरूर डाला गया, लेकिन इसके ऊपर रोलर नहीं चलाया गया बारिश में सड़क से मिट्टी और मुरूम बहने के कारण सड़क कीचड़ में तब्दील हो गई है. कई गांव जाने का एक ही मात्र रास्ता है जैसे गिरगई झारा बेरमा, ईद, ईदनार, नेल सहित लगभग 8 गांव को जोड़ने वाली सड़क दलदल में तब्दील हो गयी है.

नारायणपुर: ओरछा रोड में छोटे राजपुर की सड़क पहले ही बारिश में पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो गई है. ग्रामीणों की मांग पर सरकार ने इस सड़क का निर्माण कराया था, लेकिन अब इस सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं.

आठ गांवों का एक ही सहारा, लेकिन वो सड़क भी बन गई दलदल

मामला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर ओरछा मार्ग पर स्थित ग्राम पंचायत राजपुर के आश्रित गांव छोटे राजपुर का है, जहां 2018 में सरपंच एमपी बाय समरथ और सचिव हेमंत कचनाम ने केंद्रीय विशेष सहायता मदरसे से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर तक सड़क का निर्माण कराया था, इसमें सचिव सरपंच ने सड़क निर्माण के लिए लगभग 25 से 30 मजदूरों से काम करवाया था.

मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया
सड़क निर्माण में लगे ट्रैक्टर जेसीबी मालिकों को लगभग 6 लाख का भुगतान तो किया गया, लेकिन सड़क निर्माण में लगे मजदूरों को एक साल बीतने के बावजूद भी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया. इस संबंध में जब सरपंच से बात की गई तो सरपंच ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए 2018 में विशेष केंद्रीय मत से 19 लाख रुपए की स्वीकृति हुई थी. इस कार्य को प्रारंभ करने से पहले, पहली किस्त के रूप में 8 लाख ग्राम पंचायत को दिया गया था. इसमें से लगभग 6 लाख रुपए ट्रैक्टर और जेसीबी मालिकों को भुगतान किया गया, लेकिन मजदूरों को भुगतान नहीं मिलने से ग्रामीणों में काफी रोष है.

सड़क कीचड़ में हुई तब्दील
वहीं ग्रामीणों की मानें तो सरपंच द्वारा सड़क का घटिया निर्माण किया गया. इस सड़क पर पहले मिट्टी और मुरूम जरूर डाला गया, लेकिन इसके ऊपर रोलर नहीं चलाया गया बारिश में सड़क से मिट्टी और मुरूम बहने के कारण सड़क कीचड़ में तब्दील हो गई है. कई गांव जाने का एक ही मात्र रास्ता है जैसे गिरगई झारा बेरमा, ईद, ईदनार, नेल सहित लगभग 8 गांव को जोड़ने वाली सड़क दलदल में तब्दील हो गयी है.

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एंकर नारायणपुर के ओरछा रोड में छोटे राजपुर की सड़क पहली ही बारिश में पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो गई ग्रामीणों ने सरकार से लंबे समय से सड़क के लिए मांग की हुई थी जिसके बाद शासन ने सड़क बनाने के लिए आदेश कर दिया सड़क बनाया तो गया पर दलदल जैसे कीचड़ से भरा सड़क बनाया, इससे ग्रामीणों को मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए कीचड़ से लथपथ सड़क में आवागमन कर परेशानियों का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है वही राजपुर की सड़क कीचड़ में तब्दील हो गई है सड़क इतनी ज्यादा कीचड़ है एक वयस्क आदमी के घुटने के बराबर फंस जाता है पैर लेकिन 1 साल बीतने के बावजूद मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है वहीं सड़क निर्माण कार्य में लगे ट्रैक्टर मालिकों को भुगतान के लिए पंचायत भवन में चक्कर काटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर ओरछा मार्ग में स्थित ग्राम पंचायत राजपुर के आश्रित ग्राम छोटे राजपुर में 2018 में सरपंच एमपी बाय समरथ और सचिव हेमंत कचनाम ने केंद्रीय विशेष सहायता मदरसे लगभग डेढ़ किलोमीटर सड़क का निर्माण कराया गया था इसमें सचिव सरपंच ने सड़क निर्माण के लिए लगभग 25 से 30 मजदूरों से काम करवाया था वहीं सड़क निर्माण में करीब 8 ट्रैक्टर और एक जेसीबी से कार्य कराया गया सड़क निर्माण में लगे ट्रैक्टर जेसीबी मालिकों को लगभग ₹600000 का भुगतान तो किया गया लेकिन सड़क निर्माण में लगे मजदूरों को 1 साल बीत ने के बावजूद भी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया इस संबंध में जब सरपंच से बात की गई तो सरपंच ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए 2018 मैं विशेष केंद्रीय मत से 19 लाख रुपया किस सुकृति हुई थी इस कार्य को प्रारंभ से पूर्व पहल पहली किस्त के रूप में ₹800000 ग्राम पंचायत को दिया गया था इसमें से लगभग ₹600000 ट्रैक्टर और जेसीबी मालिकों को भुगतान किया गया लेकिन मजदूरों को भुगतान नहीं मिलने से ग्रामीणों में काफी रोष है वहीं ग्रामीणों की मानें तो सरपंच द्वारा सड़क का घटिया निर्माण किया गया इस सड़क में पहले मिट्टी और मुरूम जरूर डाला गया लेकिन इसके ऊपर रोलर नहीं चलाया गया बारिश में सड़क से मिट्टी और मुरूम पहने की कारण सड़क कीचड़ में तब्दील हो गई है इस सड़क से कई गांव जाने का एक ही मात्रा रास्ता है जैसे गिरगई झारा बेरमा ईद ईदनार नेल सहित लगभग 8 गांव को जोड़ने वाला सड़क दलदल में तब्दील हो गया हैBody:cg_nyp_01_badhaal_sadak_CG10020Conclusion:cg_nyp_01_badhaal_sadak_CG10020
Last Updated : Sep 26, 2019, 3:28 PM IST
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