नारायणपुर: नारायणपुर में सर्व आदिवासी समाज ने ताड़मेटला एनकाउंटर के विरोध में शनिवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. सर्वआदिवासी समाज के सैकड़ों लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए. सभी ने सुकमा के ताड़मेटला एनकाउंटर को फर्जी एनकाउंटर बताया. मामले में आरोपियों को सजा दिलाने की मांग के साथ पीड़ित परिवारों को 1 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की.
बस्तर में अलग-अलग जिलों में हो रहा विरोध: सुकमा ताड़मेटला एनकाउंटर मामले में विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है. पूरे बस्तर संभाग में इसका विरोध हो रहा है. संभाग के अलग-अलग जिलों में लोग खुलकर इस घटना का विरोध कर रहे हैं. ग्रामीण क्षत्रों में लोग इस घटना से खासा नाराज हैं. ग्रामीणों ने ऐसी घटनाओं को रोकने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.आदिवासियों का कहना है कि बस्तर क्षेत्र में फर्जी मुठभेड़ बंद किया जाए. पुलिस आदिवासियों की हत्या कर प्रमोशन लेना बंद करें. आदिवासियों का शोषण बंद कर दोषियों को फांसी की सजा दिलाई जाए. घटना की न्यायिक जांच का मांग की गई है.
ताड़मेटला में निर्दोष आदिवासियों की हत्या की गई है. जिसका एनकाउंटर किया गया, उसे पहले नियम के अनुसार कोर्ट में पेश करना चाहिए था. पहले पकड़ते हो गांव से और फिर जंगल में ले जाकर दूसरे दिन मुठभेड़ में मारा गया बता रहे हो. हम न्याय की मांग करते हैं. परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपया का मुआवजा दिया जाए. -सदाराम ठाकुर, संरक्षक, सर्व आदिवासी समाज
हमारी मांग है कि फर्जी मुठभेड़ बंद हो. अगर गिरफ्तार भी करते हो तो कोर्ट में पेश करना चाहिए. जंगल में ले जाकर आधी रात को मुठभेड़ बताओगे तो ठीक नहीं है. आगामी समय में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा.-मैनूराम कुमेटी, कोषाध्यक, सर्व आदिवासी समाज, नारायणपुर
जानिए पूरा मामला: दरअसल, 5 सितंबर को सुकमा जिले के ताड़मेटला में जवानों ने दो नक्सलियों का एनकाउंटर किया. पुलिस के मुताबिक मारे गए दोनों इनामी नक्सली थे. घटना के बाद नक्सलियों ने एक विज्ञप्ति जारी कर एनकाउंटर को फर्जी करार देते हुए दोनों मृतकों के बारे में कहा कि इनका नक्सली संगठन से कोई लेना-देना नहीं था. नक्सलियों के विज्ञप्ति जारी होने के बाद बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने नक्सलियों को सही साक्ष्य पेश करने की चेतावनी दी. इसके बाद ग्रामीण भी पुलिस के खिलाफ आ गए. एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए विरोध शुरू कर दिया. इस पूरे मामले में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने मजिस्ट्रियल जांच की बात कही है.