मुंगेलीः लोरमी ब्लॉक के ग्राम पंचायत डिंडोल में हुए लाखों रुपये के फर्जीवाड़े की जांच शुरू हो गई है. कलेक्टर के निर्देश के बाद यह जांच शुरू हुई है. कुछ दिन पहले उपसरपंच और 14 पंचो ने मिलकर योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी. जिसकी जांच के लिए एक टीम बानाई गई है. मामले की जांच के लिए जिला पंचायत की ओर से 4 सदस्यीय टीम जांच करने डिंडोल पंचायत पहुंची. लेकिन जांच टीम के सामने सरपंच रामनिवास राठौर, सचिव और रोजगार सहायक तीनों ही उपस्थित नहीं हुए.
उपसरपंच और पंचों ने लगाए आरोप
पंचायत डिंडोल में हो रहे भ्रष्ट्राचार की शिकायत उपसरपंच और पंचों ने कलेक्टर से की है. इनका आरोप है कि मनरेगा में फर्जी मस्टररोल के जरिए राशि आहरण, 14वें वित्त की राशि में अनियमितता की जा रही है. साथ ही पंचों के फर्जी हस्ताक्षर कर राशि का ट्रांसफर किया जा रहा है. इसके अलावा शासकीय योजनाओं और निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार जैसे कई शिकायत सामने आए हैं.
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जिला पंचायत ने गठित की जांच टीम
डिंडोल पंचायत में हुए कथित फर्जीवाड़े की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने जांच के निर्देश दिए हैं. जिला पंचायत ने प्रशासन को जांच की जिम्मेदारी दी है. मामले की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी है. लेकिन जिस तरह से सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक जांच टीम को सहयोग नहीं कर रहे हैं, इससे भ्रष्टाचार की आशंका बढ़ती जा रही है.
जांच टीम ने दी जानकारी
मामले में जांच करने पहुंचे सहायक परियोजना अधिकारी विनायक गुप्ता ने बताया कि उपसरपंच और अन्य ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार की शिकायत की है. उन्होंने पंचयात में जो भी विकास कार्य किए गए हैं, उसमें फर्जी मजदूरी, हाजरी सहित अन्य अनियमितता बरतने की शिकायत की है. इसकी जांच के दौरान पंचायत के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक मौके से नदारद थे. फिलहाल जांच नहीं हो पाई है. जल्द ही जांच कर इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा.