मुंगेली: पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने घटना की जानकारी देते हुए बताया "यह घटना 17 जनवरी को हुई, जब 41 वर्षीय आरोपी बच्ची को स्कूल बस से वापस घर छोड़ रहा था. इस दौरान आरोपी कंडक्टर ने बच्ची का यौन उत्पीड़न किया. घर पहुंचने के बाद बच्ची ने अपने निजी अंगों में दर्द की शिकायत मां से की. जिसके बाद मां, बच्ची को डॉक्टर के पास लेकर गई. बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद परिजनों ने पुलिस से संपर्क किया.
बच्ची से दुष्कर्म का आरोपी कंडक्टर गिरफ्तार: सिंह ने आगे बताया "मामला दर्ज होने के दो घंटे के भीतर आरोपी को पकड़ लिया गया. टीचर्स और बस ड्राइवर का बयान दर्ज किया गया है. उनका कहना है कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं थी. आरोपी पर पॉक्सो एक्ट के तहत दुष्कर्म और अन्य अपराधों का केस दर्ज किया गया है. "
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क्या है पॉक्सो एक्ट: पॉक्सो कानून यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012 हिंदी में इसे लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012 कहा जाता है. इस कानून के लगने पर तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान है. इस मामले की सुनवाई भी अन्य मामलों की अपेक्षा काफी जल्दी होती है. न्यायालय एक निश्चित समय में फैसला सुनाता है. पॉक्सो में आरोपी के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान है. दोषी पाए जाने पर 7 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा सुनाई जाती है.
पॉक्सो से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पहुंचने वाले बच्चों के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में सुनवाई की जाती है. बच्चों की मनोदशा, उनकी उम्र और पढ़ाई के अनुसार उनसे सवाल जवाब किया जाता है. यदि बच्चा कुछ बताने की स्थिति में नहीं है तो ऐसी स्थिति में बच्चे की मां सुनवाई के दौरान न्यायालय में बच्चे की बात रखने के लिए उपस्थित रहती है. पॉक्सो से संबंधित मामलों में सुनवाई के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि बच्चों के मन पर इसका विपरीत प्रभाव ना पड़े.