मुंगेली: लोरमी नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 7 में प्रवासी मजदूरों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. जहां दूसरे राज्यों से आए 80 प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन पर रखा गया है. लेकिन अब यही क्वॉरेंटाइन सेंटर विवाद की वजह भी बनता जा रहा है. वार्डवासियों में नगर पंचायत प्रशासन के खिलाफ नाराजगी देखी जा रही है.
वार्ड पार्षद और वार्ड में रहने वाले लोगों का आरोप है कि नगर प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने पहले जानकारी नहीं दी. इतना ही नहीं नगर पंचायत प्रशासन कोरोना वायरस से बचाव की मुहिम को लेकर कितना लापरवाह है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर के बाहर न तो सूचना लिखी गई है और न ही सेंटर होने की जानकारी दी गई है.
पार्षद ने दिखाई सजगता
मोहल्ले के लोग जानकारी के अभाव में न सिर्फ स्कूल में लगे नल से पानी भरते रहे हैं बल्कि छोटे-छोटे बच्चे स्कूल के अंदर खेल भी रहे थे. स्कूल के क्वॉरेटाइन सेंटर बने होने की जानकारी लगने पर पार्षद किरण राकेश दुबे ने सेंटर के बाहर खड़ी होकर निगरानी करती रहीं, जिससे कोई अंदर धोखे से अंदर न जाए. पार्षद ने फोन पर मामले की शिकायत नगर पंचायत की सीएमओ सवीना अनन्त से की. लेकिन उनका आरोप है कि सीएमओ की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया गया. जिसके बाद पार्षद ने मामले पर एसडीएम कार्यालय पहुंचकर एसडीएम से शिकायत की.
वार्डवासियों में नाराजगी
नगर पंचायत की ओर से क्वॉरेंटाइन सेंटर को लेकर की गई लापरवाही से वार्डवासियों में आक्रोश है. सेंटर के पास रहने वाले वाले सेवानिवृत्त शिक्षक असगर अली के मुताबिक नगर पंचायत प्रशासन की ओर से गंभीर लापरवाही की जा रही है. उन्होंने बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर में न तो नोटिस बोर्ड चस्पा है और न ही जानकारी दी गई है. सेंटर के आसपास बसे कई घरों में हार्ट पेशेंट हैं, जिन्हें परेशानी हो सकती है. उन्होंने कहा कि शहर के बाहर भी कई सरकारी भवन हैं, जिन्हें क्वॉरेटाइन सेंटर बनाया जा सकता था.
एसडीएम ने कही ये बात
लोरमी एसडीएम नवीन भगत ने कहा कि ब्लॉक में अचानक से 10 हजार के लगभग मजदूर आ गए हैं. उन्हें व्यवस्थित करने के लिए कुछ नए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. इस कारण सेंटरों में कुछ इश्यू आया था. लेकिन उसका समाधान किया जा रहा है.