मुंगेली: मानसून की बेरुखी से जिले के किसान बेहद परेशान है. बारिश नहीं होने से ज्यादातर किसानों के खेत सूखे पड़े हैं. हालात इतनी बदतर है कि खेतों में हल तक नहीं चल पा रहा है. ऐसे में समय पर बारिश नहीं होने से किसानों की मुश्किल बढ़ सकती है.
मुंगेली जिला बीते कई सालों से सूखे की मार झेल रहा है. इस साल भी इलाके में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. जिले के ज्यादातर किसान धान की फसल लगाते हैं. धान की फसल को अधिक पानी की जरूरत पड़ती है. लेकिन बारिश नहीं होने के चलते जिले के ज्यादातर किसान अभी अपने खेतों में ठीक तरह से हल तक नहीं चला पाए हैं. जुलाई के दूसरे हफ्ते में आमतौर पर रोपाई का काम पूरा हो जाता है. लेकिन इस साल खेतों में अब तक रोपाई और बोआई नहीं हो पाई हैं.
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ज्यादातर इलाके बारिश नहीं होने से प्रभावित
लोरमी ब्लॉक में सूखे का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है. कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक लोरमी में 15 जुलाई तक पिछले साल 289 मिलीमीटर बारिश हुई थी. इस साल यहां बारिश बीते साल की तुलना में 40% से भी कम है. वहीं अगर पूरे ब्लॉक की बात करें, तो यहां पर खरीफ फसल कर रकबा लगभग 43 हजार हेक्टेयर है. इसमें से अकेले धान का रकबा 38 हजार 490 हेक्टेयर के करीब है.
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पैदावार पर पड़ेगा असर
कृषि अधिकारी मनहरण कुर्रे के मुताबिक खरीफ का फसल मौसम आधारित फसल है. ऐसे में समय पर बारिश नहीं होने से फसल की पैदावार पर इसका असर पड़ेगा.