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मुंगेली: सहकारी बैंक का खजाना खाली, धान खरीदी की बोनस के लिए भटक रहे किसान

लोरमी इलाके के किसान सहकारी बैंकों की मनमानी से बेहद परेशान हैं. अन्नदाता, धान के बोनस की रकम के लिए रोजाना बैंक के चक्कर काटने को मजबूर हैं. शाखा प्रबंधक ने जानकारी दी है कि बैंक में फिलहाल कैश नहीं है जिससे उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है.

farmers of Mungeli and Lormi facing problems
धान खरीदी की बोनस के लिए भटक रहे किसान
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Published : Sep 27, 2020, 4:55 PM IST

Updated : Sep 27, 2020, 7:02 PM IST

मुंगेली: लोरमी इलाके के किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. धान के बोनस के लिए किसान लगातार बैंक के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. फिर भी उन्हें बोनस की राशि नहीं मिल पा रही है. इसके लिए कोरोना काल में किसानों को सहकारी बैंक के सामने रोजाना सुबह से लंबी कतार लगानी पड़ती है. बैंक में पैसे न होने की बात भी सामने आ रही है. प्रबंधक ने कहा है कि फिलहाल बैंक में पैसे नहीं हैं.

धान खरीदी की बोनस के लिए भटक रहे किसान

पढ़ें: WORLD RIVER DAY: कोरबा की जीवन रेखा कहलाती है हसदेव नदी, यहां स्थित है छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा डैम

किसानों ने बैंक कर्मियों पर आरोप लगाया है कि बैंक के कर्मचारी जानबूझकर उन्हें पैसों के लिए घुमा रहे हैं. किसान सहकारी बैंकों की मनमानी से बेहद परेशान हैं. उनका कहना है कि बैंक के कर्मचारियों ने जैसे उन्हें अपना खिलौना बना लिया हो. किसान एक तरफ जहां बेमौसम बारिश से परेशान हैं तो वहीं दूसरी तरफ वह कोरोना की मार भी झेल रहे हैं. लेकिन बैंक कर्मचारी और प्रबंधन मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं. उन्होंने सरकार पर भी आरोप लगाए हैं कि सहकारी बैंक के सामने किसान पैसों की उम्मीद में बैठे हैं , और राज्य सरकार किसानों के हित के लिए लड़ने की बात कहती है. कृषि बिल का विरोध करती है.

पढ़ें: पर्यटन के क्षेत्र में स्थानीय लोगों को रोजगार देना सरकार का लक्ष्य: ताम्रध्वज साहू

किसानों के लगाए गए आरोपों पर सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक गोकरन चतुर्वेदी ने बताया कि बैंक के पास फिलहाल पैसे नहीं हैं. लॉकडाउन के कारण कामकाज प्रभावित है. हेड ऑफिस से कैश नहीं आया है. इस बात की सूचना बैंक की तरफ से किसानों को दे दी गई है.

मुंगेली: लोरमी इलाके के किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. धान के बोनस के लिए किसान लगातार बैंक के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. फिर भी उन्हें बोनस की राशि नहीं मिल पा रही है. इसके लिए कोरोना काल में किसानों को सहकारी बैंक के सामने रोजाना सुबह से लंबी कतार लगानी पड़ती है. बैंक में पैसे न होने की बात भी सामने आ रही है. प्रबंधक ने कहा है कि फिलहाल बैंक में पैसे नहीं हैं.

धान खरीदी की बोनस के लिए भटक रहे किसान

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किसानों ने बैंक कर्मियों पर आरोप लगाया है कि बैंक के कर्मचारी जानबूझकर उन्हें पैसों के लिए घुमा रहे हैं. किसान सहकारी बैंकों की मनमानी से बेहद परेशान हैं. उनका कहना है कि बैंक के कर्मचारियों ने जैसे उन्हें अपना खिलौना बना लिया हो. किसान एक तरफ जहां बेमौसम बारिश से परेशान हैं तो वहीं दूसरी तरफ वह कोरोना की मार भी झेल रहे हैं. लेकिन बैंक कर्मचारी और प्रबंधन मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं. उन्होंने सरकार पर भी आरोप लगाए हैं कि सहकारी बैंक के सामने किसान पैसों की उम्मीद में बैठे हैं , और राज्य सरकार किसानों के हित के लिए लड़ने की बात कहती है. कृषि बिल का विरोध करती है.

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किसानों के लगाए गए आरोपों पर सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक गोकरन चतुर्वेदी ने बताया कि बैंक के पास फिलहाल पैसे नहीं हैं. लॉकडाउन के कारण कामकाज प्रभावित है. हेड ऑफिस से कैश नहीं आया है. इस बात की सूचना बैंक की तरफ से किसानों को दे दी गई है.

Last Updated : Sep 27, 2020, 7:02 PM IST
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