मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: खड़गवां जनपद पंचायत के पोड़ीडीह सरकारी प्राइमरी स्कूल में बच्चे नहीं पहुंच रहे हैं. एक दो नहीं बल्कि 30 बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है. पैरेंट्स का कहना है कि, स्कूल के दो टीचर्स की वजह से वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं.
ये है वजह: दरअसल, खड़गवां जनपद पंचायत के पोड़ीडीह सरकारी प्राइमरी स्कूल में दो शिक्षिकाओं की आपस में बनती नहीं है. इनके आपसी झगड़े के कारण बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं. पैरेंट्स का कहना है कि टीचर्स के बात करने के ढंग से हमें परेशानी है. दो शिक्षिकाएं किसी न किसी बात पर लड़ती-झगड़ती रहती हैं. हाल ही में इस स्कूल के हेड मास्टर का ट्रांसफर भी किया गया था, लेकिन वह वापस इसी स्कूल में आ गईं हैं. पिछले तीन-चार दिनों से हेडमास्टर स्कूल में आ गई हैं. फिर से लड़ाई-झगड़ा शुरू हो गया है. यही कारण है कि अधिकतर परिजन बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं.
एक दूसरे पर आरोप लगा रही शिक्षिकाएं: इस पूरे मामले में दोनों शिक्षिकाएं एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. स्कूल की हेड मास्टर और सहायक शिक्षिका दोनों का हमेशा ही झगड़ा होता रहता है. दोनों के विवाद के कारण बच्चों को स्कूल में दिक्कतें होती है. परिजन भी इससे तंग आ गए हैं और बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. ये दोनों शिक्षिकाएं आपस में तू-तड़ाक कर बातें करती है. स्कूल में दोनों के कारण माहौल खराब होने से बच्चों के परिजन भी परेशान हैं.
"दोनों टीचर्स के झगड़े में बच्चे स्कूल नहीं आ रहे. पिछले 2-3 दिनों से बच्चे स्कूल में नहीं के बराबर हैं.":गांव के सरपंच
बच्चों का भविष्य दांव पर: इस पूरे मामले में गांव के सरपंच ने भी प्रशासन से इसकी शिकायत की है. सरपंच की मानें तो उसने क्षेत्रीय विधायक डॉ. विनय जायसवाल को भी इसकी जानकारी दी है. विधायक ने ही कुछ दिनों के लिए स्कूल की हेड मास्टर को दूसरे स्कूल भेज दिया था. पिछले तीन दिनों से हेडमास्टर वापस स्कूल में आ रही हैं. स्कूल आने के बाद फिर दोनों शिक्षिकाओं में विवाद शुरू हो गया है. मामला काफी अजीबो-गरीब है. हालांकि दोनों टीचर्स की लड़ाई में बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है.