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स्वच्छ शौचालय रैंकिंग: महासमुंद की टेमरी पंचायत तीसरे नंबर पर, जानिए क्या रही वजह - लेमन ग्रीन ग्राम पंचायत

महासमुंद के टेमरी ग्राम पंचायत को विश्व शौचालय दिवस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरस्कृत किया है. टेमरी गांव को ये इनाम स्वच्छता के लिए दिया गया है.

Temri Gram Panchayat got prize for clean toilets
टेमरी ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय
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Published : Nov 23, 2020, 4:01 PM IST

Updated : Nov 23, 2020, 5:13 PM IST

महासमुंद: शहरों में सामुदायिक शौचालय का होना आम बात है, लेकिन ग्राम पंचायत स्तर पर सामुदायिक शौचालय का सपना देखना अपने आप में बड़ी बात है. ऐसा संभव हो पाया है प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के कारण. महासमुंद जिले के टेमरी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने अपने घरों में तो शौचालय बनाया ही है, साथ ही शादी और अन्य आयोजनों में आने वाले लोग खुले में शौच न करें इसलिए गांव वालों ने सांसद निधि से सामुदायिक शौचालय बनाया है. इतना ही नहीं ग्रामीण इसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं. साथ ही इसका रखरखाव भी कर रहे हैं. इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने विश्व शौचालय दिवस पर टेमरी ग्राम पंचायत को 1 लाख रुपये का इनाम दिया है. इसी के साथ टेमरी गांव प्रदेश में तीसरे स्थान पर रहा. इनाम मिलने से ग्रामीण खासा उत्साहित हैं.

टेमरी ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय

छत्तीसगढ़ और ओडिशा बॉर्डर पर बसा टेमरी ग्राम पंचायत को लेमन ग्रीन के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि यहां के हर घर लेमन ग्रीन कलर से रंगे हुए हैं. इस गांव की आबादी 1 हजार 365 है. यहां करीब 387 परिवार निवास करते हैं और हर घर में शौचालय है. गांव में हर जगह हरियाली है. गांव में जब किसी के घर कोई कार्यक्रम होता है तो, ज्यादा लोगों के आने के कारण लोगों को खुले में शौच करने जाना पड़ता था. इस समस्या से निजात पाने के लिए ग्राम पंचायत के पदाधिकारी और ग्रामीणों ने सामुदायिक शौचालय बनाने का फैसला लिया.

पढ़ें: शौचालय निर्माण में घोटाला: शौच के लिए जंगल जाने को मजबूर ODF घोषित गांव के ये ग्रामीण

इनाम पाकर खुश हुए ग्रामीण

ग्रामीणों ने सांसद से अनुरोध कर सांसद निधि से सामुदायिक शौचालय के लिए 5 लाख रुपये स्वीकृत कराए. इसके बाद ग्रामीणों ने सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया. सामुदायिक शौचालय में 3 पुरुष शौचालय, 3 महिला शौचालय, 2 दिव्यांग शौचालय, 3 पुरुष स्नानघर, 3 महिला स्नानघर आदि का निर्माण कराया गया है. किसी के घर पर कोई कार्यक्रम में जब लोग जुटते हैं तो इसका इस्तेमाल होता है. इसके लिए शुल्क के नाम पर उस परिवार को 1500 रुपये देने होते हैं. जिससे सामुदायिक शौचालय का रखरखाव किया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि राज्य सरकार से इनाम पाकर काफी खुश हुए हैं. साथ ही उनका कहना है कि अन्य गांव वालों को भी पहल करते हुए सामुदायिक शौचालय का निर्माण करना चाहिए.

गांव में 700 पेड़

टेमरी गांव में हमेशा साफ सफाई पर ध्यान दिया जाता है. गांव में हरियाली बनाए रखने के लिए करीब 700 पेड़ लगाए गए हैं. पर्यावरण संरक्षण के लिए शौचालय का इस्तेमाल नहीं करने वाले पर अर्थदंड भी लगाने का प्रावधान है.

महासमुंद: शहरों में सामुदायिक शौचालय का होना आम बात है, लेकिन ग्राम पंचायत स्तर पर सामुदायिक शौचालय का सपना देखना अपने आप में बड़ी बात है. ऐसा संभव हो पाया है प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के कारण. महासमुंद जिले के टेमरी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने अपने घरों में तो शौचालय बनाया ही है, साथ ही शादी और अन्य आयोजनों में आने वाले लोग खुले में शौच न करें इसलिए गांव वालों ने सांसद निधि से सामुदायिक शौचालय बनाया है. इतना ही नहीं ग्रामीण इसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं. साथ ही इसका रखरखाव भी कर रहे हैं. इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने विश्व शौचालय दिवस पर टेमरी ग्राम पंचायत को 1 लाख रुपये का इनाम दिया है. इसी के साथ टेमरी गांव प्रदेश में तीसरे स्थान पर रहा. इनाम मिलने से ग्रामीण खासा उत्साहित हैं.

टेमरी ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय

छत्तीसगढ़ और ओडिशा बॉर्डर पर बसा टेमरी ग्राम पंचायत को लेमन ग्रीन के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि यहां के हर घर लेमन ग्रीन कलर से रंगे हुए हैं. इस गांव की आबादी 1 हजार 365 है. यहां करीब 387 परिवार निवास करते हैं और हर घर में शौचालय है. गांव में हर जगह हरियाली है. गांव में जब किसी के घर कोई कार्यक्रम होता है तो, ज्यादा लोगों के आने के कारण लोगों को खुले में शौच करने जाना पड़ता था. इस समस्या से निजात पाने के लिए ग्राम पंचायत के पदाधिकारी और ग्रामीणों ने सामुदायिक शौचालय बनाने का फैसला लिया.

पढ़ें: शौचालय निर्माण में घोटाला: शौच के लिए जंगल जाने को मजबूर ODF घोषित गांव के ये ग्रामीण

इनाम पाकर खुश हुए ग्रामीण

ग्रामीणों ने सांसद से अनुरोध कर सांसद निधि से सामुदायिक शौचालय के लिए 5 लाख रुपये स्वीकृत कराए. इसके बाद ग्रामीणों ने सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया. सामुदायिक शौचालय में 3 पुरुष शौचालय, 3 महिला शौचालय, 2 दिव्यांग शौचालय, 3 पुरुष स्नानघर, 3 महिला स्नानघर आदि का निर्माण कराया गया है. किसी के घर पर कोई कार्यक्रम में जब लोग जुटते हैं तो इसका इस्तेमाल होता है. इसके लिए शुल्क के नाम पर उस परिवार को 1500 रुपये देने होते हैं. जिससे सामुदायिक शौचालय का रखरखाव किया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि राज्य सरकार से इनाम पाकर काफी खुश हुए हैं. साथ ही उनका कहना है कि अन्य गांव वालों को भी पहल करते हुए सामुदायिक शौचालय का निर्माण करना चाहिए.

गांव में 700 पेड़

टेमरी गांव में हमेशा साफ सफाई पर ध्यान दिया जाता है. गांव में हरियाली बनाए रखने के लिए करीब 700 पेड़ लगाए गए हैं. पर्यावरण संरक्षण के लिए शौचालय का इस्तेमाल नहीं करने वाले पर अर्थदंड भी लगाने का प्रावधान है.

Last Updated : Nov 23, 2020, 5:13 PM IST
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