महासमुंद: दिल्ली निर्भया गैंगरेप केस के बाद केंद्र सरकार की ओर से हिंसा से पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे रखने और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिले में सखी सेंटर की स्थापना की गई थी. जो कि अब सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रहा है.
सुविधाओं के अभाव में सखी सेंटर
बता दें कि सखी सेंटर में बेड तो है, लेकिन उस पर बिछाने के लिए चादर-तकिया नहीं है. वहीं सखी सेंटर को 24 घंटे खुला रखने के नाम से संचालित किया गया था. लेकिन सखी सेंटर को महज 12 घंटे ही संचालित किया जा रहा है. वहीं सखी सेंटर में सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम भी नहीं हैं.
स्वास्थ्य विभाग की कैंटीन के भरोसे सखी सेंटर
स्वास्थ्य विभाग के भवन में संचालित सखी सेंटर की हालत ऐसी हो गई है कि, सेंटर में ना तो खाना पकाने के लिए कोई कर्मचारी है और ना ही बर्तनों का इंतजाम. पीड़िता के आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कैंटीन से भोजन का इंतजाम किया जाता है.
पीड़ित महिलाओं की समस्या दूर करने की गई थी सखी सेंटर की स्थापना
बता दें कि महासमुंद जिले में सखी सेंटर की स्थापना 2017 में की गई थी. तब से लेकर आज तक सखी सेंटर में 359 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनमें से 273 प्रकरणों का निवारण किया जा चुका है. वहीं 86 प्रकरण अब तक लंबित हैं. 5 बेड वाले सखी सेंटर में दो साल में शासन ने 58 लाख 66 हजार 218 रुपए आवंटित किए थे, जिसमें से 40 लाख 43 हजार 188 रुपये खर्च किए गए हैं. जबकि 18 लाख 23 हज़ार 23 रुपये अभी खर्च करने के लिए बचे हुए हैं.
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सुविधा उपलब्ध कराने की बात कह रहे अधिकारी
जिसके बाद भी सखी सेंटर में सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई हैं, जहां सखी सेंटर को केंद्र शासन सुविधाओं का अभाव बता रही है वहीं आला अधिकारी जल्द से जल्द सारी सुविधा पूरा कराने की बात कर रहे हैं.