महासमुंद: देशभर में फैली करोना महामारी (corona pandemic) की वजह से स्कूल साल भर से बंद हैं. जिसके चलते बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है. इसको लेकर न्यायालय ने आदेश किया है कि स्कूल प्रबंधन केवल ट्यूशन फीस बच्चों से लें. लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद निजी स्कूल प्रबंधन मनमाने ढंग से फीस वसूल रहे हैं. जिससे परेशान पालक संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) से लेकर उच्च अधिकारियों तक मामले की शिकायत कर चुके हैं. लेकिन नतीजा सिफर रहा. वहीं आला अधिकारी शिकायत मिलने के बाद इसे स्वीकार करते हुए लॉकडाउन की दुहाई देते नजर आ रहे हैं.
महासमुंद जिले में कुल 242 निजी स्कूल हैं. जिनमें से 236 सीजी (CGBSE) मान्यता और 5 सीबीएसई (CBSE) बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं. इसके अलावा एक आईसीएसई (Indian Certificate of Secondary Education) मान्यता प्राप्त स्कूल है. जिनमें हजारों बच्चे पढ़ाई करते हैं. साल 2020 के मार्च महीने से कोरोना के कहर की वजह से स्कूल बंद है. जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ऑनलाइन पढ़ाई (online study) करा रहा है.
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अब तक नहीं हुई कार्रवाई
ऑनलाइन पढ़ाई में कुछ छात्र शामिल हो पाते हैं और कुछ शामिल नहीं हो पाते. स्कूल बंद होने के साथ ही प्रदेश में करीब दो बार टोटल लॉकडाउन भी हुआ. जिससे पलकों को फीस देने में दिक्कत आने लगी. ये मामला कोर्ट तक गया. जहां कोर्ट ने आदेश किया कि स्कूल प्रबंधन केवल ट्यूशन फीस ही लेंगे. लेकिन स्कूल प्रबंधन मनमानी फीस वसूलने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है. कुछ लोगों ने डर से फीस जमा कर दी. लेकिन कुछ लोगों ने फीस जमा नहीं की और आस लगाए बैठे हैं कि उन्हें इंसाफ मिलेगा. लेकिन स्कूल प्रबंधन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पालकों पर फीस जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. जिसकी शिकायत पर लोगों ने पालक संघ के बैनर तले जिला शिक्षा अधिकारी से की है. आज महीनों बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
अधिकारी दे रहे रटा रटाया जवाब
पूरे मामले में ETV भारत ने जब जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) से कार्रवाई के संदर्भ में जाना तो वे लॉकडाउन की दुहाई देते नजर आए और वही रटा रटाया जवाब देने लगे कि इस पर कार्रवाई कराएंगे.