महासमुंद: देश में जहां कोरोना की दूसरी लहर (coronavirus second wave) ने गांवों को भी अपनी चपेट में लिया है. वहीं छत्तीसगढ़ के महासमुंद (mahasamund) जिले का धामनतोरी (Dhamantori Village) और बकमा गांव (Bakma Village) कोरोना महामारी (corona pandemic) के दौरान में एक आदर्श गांव (model village) साबित हुआ है. यहां प्रशासन, जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों के बेहतर तालमेल से कोरोना की यहां एंट्री नहीं होने दी. कोरोना की पहली लहर से लेकर अब तक धामनतोरी गांव में कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला है. वहीं बकमा में कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल के शुरुआती हफ्ते में कहर बरपाया, लेकिन युद्ध स्तर पर राहत, बचाव और इलाज शुरू किए जाने के बाद यह गांव भी कोरोना से मुक्त हो चुका है.
कोरोना की पहुंच से दूर धामनतोरी गांव
जिले के बागबाहरा ब्लॉक (Bagbahra Block) का धामनतोरी गांव कोरोना से पूरी तरह मुक्त है. कोरोना महामारी के दौर में यह गांव आदर्श साबित हुआ है. 532 जनसंख्या वाले वाले इस गांव में कोरोना की पहली लहर से लेकर अब तक यहां एक भी ग्रामीण कोरोना संक्रमित नहीं हुआ. धामनतोरी में कोरोना से बचाव के लिए दो माह तक तीन में से दो रास्तों को पूरा ब्लॉक कर दिया गया और एक रास्तें पर पहरा लगा कर रजिस्टर में नाम दर्ज किया गया. वहीं बाहरी व्यक्तियों का गांव में प्रवेश सख्त प्रतिबंधित था. अतिआवश्यक होने पर ही लोगों को गांव से बाहर और अंदर आने की अनुमति मिली. वहीं शादी-ब्याह और शोक कार्यक्रमों में यहां बेहद सख्ती बरती गई.
45 + का शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन
धामनतोरी गांव में बाहर से पलायन कर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को लेकर सतर्कता बरती गई. बड़े शहरों से लौटे मजदूरों को गांव के बाहर कॉरंटाइन कराया गया. वहीं उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई. गांव में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और हाथ धोने का पूरे गांव ने सख्ती से पालन किया. सभी परिवारों को वाट्सएप ग्रुप से जोड़कर जानकारियों और दिशा-निर्देशों का संचार आज भी कायम हैं. गांव से चार किलोमीटर दूर खुसरूपाली उप स्वास्थ्य केंद्र की टीम नियमित गांव में दौरा करते हैं. वहीं गांव में एक मितानिन और एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखती हैं. कोरोना को लेकर जागरूकता के लिए जगह-जगह वॉल राइटिंग की कराई गई है. धामनतोरी में गांव में अब तक 146 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया, जिसमें सभी निगेटिव निकले. वहीं 45 प्लस उम्र का यहां 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन हो चुका है.
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बकमा के ग्रामीणों ने कोरोना को हराया
बागबाहरा ब्लॉक के बकमा गांव के ग्रामीणों ने विकराल हुए कोरोना को दमदारी से मात दिया है. 2586 जनसंख्या वाले इस गांव में कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल के शुरुआती हफ्ते में यहां जमकर कहर बरपाया. गांव में देखते ही देखते 95 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके थे, तेजी से बढ़ते कोरोना को देखते हुए यहां ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और प्रशासन का गजब तालमेल दिखा. यहां युद्ध स्तर पर राहत, बचाव और इलाज शुरू किया गया. चौक-चौराहों से लेकर घर-घर जाकर कोविड टेस्ट किया गया. सामान्य पॉजिटिव मरीजों को दवाइयां, होम आइसोलेशन में इलाज किया गया. वहीं गंभीर मरीजों को बागबाहरा और महासमुंद रेफर किया गया. 17 दिनों के लिए गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया.
कोरोना मुक्त हुआ बकमा गांव
सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना जैसी सख्त गाइडलाइन लागू की गई. गर्भवती और छोटे बच्चों वाली माताओं को स्वास्थ्य संबंधित जानकारी और कोरोना से बचाव के लिए घरेलू उपाय बताया गया. बकमा गांव में वैक्सीनेशन के लिए जन-जागरण करने के लिए अभियान चलाया जा गया. अब तक यहां 737 ग्रामीणों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. वहीं 185 ग्रामीणों को दूसरी डोज लगाया जा चुका है. वहीं दूसरे राज्यों से लौटे 59 मजदूरों को गांव के बाहर कॉरेंटाइन कराया गया. वर्तमान में बकमा गांव में एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं है. उपस्वास्थ्य केंद्र बकमा के एक ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता और चार मितानिन कार्यरत हैं. सभी ने गांव को कोरोना को मुक्त कर दिया.