महासमुंद : जिले के 81 समितियों के जरिए 127 धान खरीदी केंद्रों में किसानों के धान पहुंच रहे हैं. वहीं पिछले 2 दिनों से खराब मौसम को देखते हुए खरीदी केंद्रों में कवर के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. किसानों के लाए हुए धान खुले में रखे हुए हैं, ऐसे में अगर बारिश हो जाए तो पूरी फसल पानी में बर्बाद हो जाएगी.
किसानों की साल भर की मेहनत धान खरीदी केंद्रों में पहुंच रही है. जिले में खरीदी के लिए कुल 127 केंद्र बनाए गए हैं. जहां पूरे जिले के किसान खरीदी के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन इन केंद्रों में खराब मौसम से बचने के लिए सिर्फ छोटी- छोटी पॉलिथिन का ही उपयोग किया जा रहा है, जिससे फसल पूरी तरह से ढक भी नहीं पा रहे हैं. जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिरकोनी सोसाइटी में धान खुले में रखे हुए हैं. जहां कवर और कैप का कोई इंतजाम नहीं किया गया है.
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जिम्मेदारों ने दिया ये जवाब
वहीं इसे लेकर अधिकारियों का कहना है कि 'फंड की कमी की वजह से कवर का उपयोग नहीं किया जा रहा है और फसल इतनी सूख चुकी है कि इसके भींगने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. कैप और कवर की मांग डीएओ से की गई थी लेकिन उन्होंने हर केंद्र में इसका इंतजाम नहीं कर पाने की बात कही है'.
किसानों का धान असुरक्षित
सोसाइटी में अब तक लगभग 24 हजार 887 क्विंटल धान खुले में रखा हुआ है. गुरुवार को कुल एक हजार 310 क्विंटल धान खरीदी की गई, वहीं शुक्रवार की खरीदी के लिए कुल एक हजार 335 क्विंटल धान के टोकन कट चुके है. अब ऐसे में बरसात हुई तो इन फसलों को ढकने के पर्याप्त इंतजाम केंद्र में नहीं है, लिहाजा किसानों की मेहनत पूरी तहर से बर्बाद होती नजर आ रही है.