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महासमुंद :फसलों की सुरक्षा का नहीं किया कोई पुख्ता इंतजाम - खरीदी केंद्रों में किसानों के धान

जिले के धान खरीदी केंद्रों में फसल को बारिश से सुरक्षित रखने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं . खरीद केंद्रों में फसलों की सुरक्षा महज एक पॉलिथिन के भरोसे है.

crops in mahasmund
धान खरीदी
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Published : Dec 26, 2019, 8:11 PM IST

Updated : Dec 26, 2019, 8:24 PM IST

महासमुंद : जिले के 81 समितियों के जरिए 127 धान खरीदी केंद्रों में किसानों के धान पहुंच रहे हैं. वहीं पिछले 2 दिनों से खराब मौसम को देखते हुए खरीदी केंद्रों में कवर के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. किसानों के लाए हुए धान खुले में रखे हुए हैं, ऐसे में अगर बारिश हो जाए तो पूरी फसल पानी में बर्बाद हो जाएगी.

फसलों की सुरक्षा


किसानों की साल भर की मेहनत धान खरीदी केंद्रों में पहुंच रही है. जिले में खरीदी के लिए कुल 127 केंद्र बनाए गए हैं. जहां पूरे जिले के किसान खरीदी के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन इन केंद्रों में खराब मौसम से बचने के लिए सिर्फ छोटी- छोटी पॉलिथिन का ही उपयोग किया जा रहा है, जिससे फसल पूरी तरह से ढक भी नहीं पा रहे हैं. जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिरकोनी सोसाइटी में धान खुले में रखे हुए हैं. जहां कवर और कैप का कोई इंतजाम नहीं किया गया है.

पढ़ें: मौसम के करवट लेते ही ठिठुरा मुंगेली, चारों ओर छाया घना कोहरा

जिम्मेदारों ने दिया ये जवाब

वहीं इसे लेकर अधिकारियों का कहना है कि 'फंड की कमी की वजह से कवर का उपयोग नहीं किया जा रहा है और फसल इतनी सूख चुकी है कि इसके भींगने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. कैप और कवर की मांग डीएओ से की गई थी लेकिन उन्होंने हर केंद्र में इसका इंतजाम नहीं कर पाने की बात कही है'.

किसानों का धान असुरक्षित
सोसाइटी में अब तक लगभग 24 हजार 887 क्विंटल धान खुले में रखा हुआ है. गुरुवार को कुल एक हजार 310 क्विंटल धान खरीदी की गई, वहीं शुक्रवार की खरीदी के लिए कुल एक हजार 335 क्विंटल धान के टोकन कट चुके है. अब ऐसे में बरसात हुई तो इन फसलों को ढकने के पर्याप्त इंतजाम केंद्र में नहीं है, लिहाजा किसानों की मेहनत पूरी तहर से बर्बाद होती नजर आ रही है.

महासमुंद : जिले के 81 समितियों के जरिए 127 धान खरीदी केंद्रों में किसानों के धान पहुंच रहे हैं. वहीं पिछले 2 दिनों से खराब मौसम को देखते हुए खरीदी केंद्रों में कवर के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. किसानों के लाए हुए धान खुले में रखे हुए हैं, ऐसे में अगर बारिश हो जाए तो पूरी फसल पानी में बर्बाद हो जाएगी.

फसलों की सुरक्षा


किसानों की साल भर की मेहनत धान खरीदी केंद्रों में पहुंच रही है. जिले में खरीदी के लिए कुल 127 केंद्र बनाए गए हैं. जहां पूरे जिले के किसान खरीदी के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन इन केंद्रों में खराब मौसम से बचने के लिए सिर्फ छोटी- छोटी पॉलिथिन का ही उपयोग किया जा रहा है, जिससे फसल पूरी तरह से ढक भी नहीं पा रहे हैं. जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिरकोनी सोसाइटी में धान खुले में रखे हुए हैं. जहां कवर और कैप का कोई इंतजाम नहीं किया गया है.

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जिम्मेदारों ने दिया ये जवाब

वहीं इसे लेकर अधिकारियों का कहना है कि 'फंड की कमी की वजह से कवर का उपयोग नहीं किया जा रहा है और फसल इतनी सूख चुकी है कि इसके भींगने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. कैप और कवर की मांग डीएओ से की गई थी लेकिन उन्होंने हर केंद्र में इसका इंतजाम नहीं कर पाने की बात कही है'.

किसानों का धान असुरक्षित
सोसाइटी में अब तक लगभग 24 हजार 887 क्विंटल धान खुले में रखा हुआ है. गुरुवार को कुल एक हजार 310 क्विंटल धान खरीदी की गई, वहीं शुक्रवार की खरीदी के लिए कुल एक हजार 335 क्विंटल धान के टोकन कट चुके है. अब ऐसे में बरसात हुई तो इन फसलों को ढकने के पर्याप्त इंतजाम केंद्र में नहीं है, लिहाजा किसानों की मेहनत पूरी तहर से बर्बाद होती नजर आ रही है.

Intro:एंकर - महासमुंद जिले के 81 समितियों के माध्यम से जिले के 127 धान खरीदी केंद्रों में किसानों की मेहनत की कमाई धीरे धीरे पहुंच रही है धान जैसे तैसे सोसाइटी में पहुंच गया पिछले 2 दिनों से खराब मौसम के चलते पूरे जिले के 127 धान केंद्रों की बात की जाए तो कहीं भी केप कवर नही हैं उस धान को सुरक्षित रखने की कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है महासमुंद बिरकोनी सोसाइटी की बात करें जो महज जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर है जहां पर हमने देखा कि बरसात में किसानों की मेहनत की कमाई के धान खुले में पड़े हैं धान को ढकने के नाम पर सिर्फ लीपापोती की जा रही है छोटी-छोटी पॉलिथीनो में उसे थोड़ा बहुत ढाक दिया जा रहा है।





Body:जब इस बारे में हमने वहां के अधिकारियों से बात की और सोसाइटी प्रभारी से बात की तो उसका कहना है हमारे पास फंड नहीं है और इतना धान सूख जाएगा इसके गीले होने से कुछ भी नहीं होगा धान सोसायटीयो में व्यापक व्यवस्था ना होने के कारण लगभग 24887. 20 क्विंटल धान अभी सोसाइटी में खुले में पड़ा है और आज 1310 क्विंटलधान की खरीदी की गई है और कल जो टोकन कटे हैं वह 1335 .60 है यदि पानी गिरा और इन्हें ढकने की व्यवस्था नहीं बन पाई तो कल से धान खरीदी बंद भी हो सकती है अधिकारियों का कहना है कि यह सोसाइटी ऐसी भी डिफाल्टर है फंड ना होने के कारण हम केप कवर नहीं खरीद पा रहे हैं हमने डीएमओ से केप कवर की मांग भी की है पर उनका कहना है मैं एक सोसाइटी को कैसे दे पाऊंगा गौरतलब है कि सोसाइटी और प्रशासन किसानों की मेहनत की कमाई को और शासन के पैसे को पूरी तरह चूना लगा रही है।


Conclusion:one2one - समिति प्रबंधक बिरकोनी

हकीमुद्दीन नासिर रिपोटर इटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़
Last Updated : Dec 26, 2019, 8:24 PM IST
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