महासमुंद: राज्य सरकार के निर्देशानुसार महासमुंद आबकारी विभाग ने जांच चौकी खोली ताकि अवैध शराब तस्करी पर लगाम लगाया लग सके. लेकिन जांच चौकी से अधिकारी ही नदारद हैं. टेमरी स्थित आबकारी जांच चौकी पर गाड़ियों की जांच अधिकारियों के बजाय सिक्योरिटी गार्ड कर रहे हैं. चेकिंग का पूरा काम सिक्योरिटी गार्ड के भरोसे छोड़ दिया गया है. आरोप है कि जांच चौकी से अधिकारी नदारद रहते हैं और उनके बदले सिक्योरिटी गार्ड गाड़ियों की जांच करते हैं.
बता दें की छत्तीसगढ़ और ओडिशा सीमा से लगे ग्राम टेमरी में महासमुंद आबकारी विभाग ने 19 जुलाई को अस्थाई जांच चौकी खोली. जहां अधिकारी के बजाय सिक्योरिटी गार्ड गाड़ियों को जांच करते दिखाई पड़ते हैं. गौरतलब है कि इन सिक्योरिटी गार्डों के पास न तो परिचय पत्र है और न ही इनको आबकारी अधिकारियों के नाम की जानकारी है. इन्हें अपने काम का उद्देश्य ही पता नहीं है.
जानकारी के अनुसार इस जांच चौकी पर 3 आबकारी कर्मियों को तैनात किया गया. लेकिन ये कर्मी सिर्फ 2 घंटे के लिए इस चौकी पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने पहुंचते हैं. वहीं आबकारी के क्षेत्र अधिकारियों का कहना है कि 3 जगहों के प्रभार में होने की वजह से जांच चौकी में ड्यूटी दे पाना संभव नहीं है. अगर ये अधिकारी ड्यूटी देने के लिए समय ही नहीं निकाल पा रहे हैं तो इस जांच चौकी को खोलने का क्या मतलब. सवाल उठता है कि क्या सिर्फ खाना पूर्ति के लिए जांच चौकी खोली गई. इस खबर के संबंध में जिला आबकारी अधिकारी मीडिया को जवाब देने से बचते नजर आए.
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रवैये पर सवालिया निशान
बता दें कि महासमुंद जिला अंतरराज्यीय अवैध शराब तस्करी के लिए बहुचर्चित है. आए दिन यहां लाखों रुपए की शराब जब्ती की कार्रवाई होती रहती है. इसके बावजूद आबकारी अधिकारियों के इस रवैये पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.