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Politics On Farmers Death: किसान की मौत पर सियासत, प्रशासन की रिपोर्ट सच्ची या सुसाइड नोट बता रहे हकीकत !

Politics On Farmers Death प्रशासनिक लापरवाही कई मामलों में किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं. खेती किसानी करके परिवार चलाने वाले किसानों को कदम कदम पर जूझना पड़ता है. जरा सी चूक किसानों की फसल के साथ ही उनके सपने भी बर्बाद कर देती है. ऐसा ही कुछ महासमुंद के कन्हैया लाल सिन्हा के साथ भी हुआ. वो ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाए और मौत को गले लगा लिया. अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है.

Politics On Farmers Death
किसान की मौत पर सियासत
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Published : Jul 28, 2023, 10:11 PM IST

किसान की मौत पर सियासत

महासमुंद: बागबाहरा विकास खंड के ग्राम पंचायत छुईया में किसान कन्हैया लाल सिन्हा ने 27 जुलाई को सुसाइड कर लिया. जेब से मिले सुसाइड नोट में कन्हैया लाल ने लो वोल्टेड के साथ ही सरकारी मदद न मिलने को अपने इस कदम का जिम्मेदार ठहराया. घटना के दूसरे दिन प्रशासन कुछ और ही कहानी लेकर सामने आया. सहकारी बैंक में कर्ज की बात को नकारते हुए कन्हैया की ओर से 4 साल में सवा चार लाख का धान बेचने का दावा किया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि जब कन्हैया लाल सिन्हा को फायदा हुआ तो फिर उन्होंने सुसाइड क्यों किया. इन्हीं सवालों को लेकर भाजपा ने शुक्रवार को भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और एसडीएम दफ्तार का घेराव किया.

किसान की मौत के लिए भूपेश बघेल सरकार जिम्मेदार-भाजपा: किसान कन्हैयालाल सिन्हा के सुसाइड को लेकर जिले में सियासत भी तेज हो गई है. किसान की मौत के लिए भाजपा भूपेश बघेल को जिम्मेदार बता रही है. खल्लारी विधानसभा के भाजपा कार्यकर्ताओं ने रैली निकाल कर एसडीएम कार्यालय का घेराव किया. भूपेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. इसमें मृतक किसान के आश्रितों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने के साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की गई है.

भूपेश बघेल की सरकार झूठी सरकार है. यह सरकार कहती है कि उसने एक एक किसानों का कर्ज माफ किया है. जबकि राष्ट्रीकृत बैंक के जितने भी किसान हैं, उनका कर्ज माफ नहीं हुआ है. यह सरकार कहती है कि हम फसल का उचित मूल्य दे रहे हैं, किसानों को बिजली दे रहे हैं. जबकि इन सारी चीजों की पोल कन्हैया लाल सिन्हा की आत्महत्या ने खोलकर रख दिया है. -डॉ विमल चोपड़ा, पूर्व विधायक व भाजपा नेता

किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस ने भी किया पटलवार: किसान कन्हैया लाल सिन्हा की आत्महत्या मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने दुख जताया है. मामले की जांच चलने की भी जानकारी दी. साथ ही किसानों के मुद्दे को लेकर पूर्ववर्ती रमन सिंह सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार को भी आड़े हाथों लिया. घटना को लेकर भाजपा पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोल लगाया.

15 साल के रमन सरकार में हजारों किसानों ने आत्महत्या की. 9 साल से केंद्र में मोदी सरकार है. 3 कृषि बिल को लेकर 700 किसानों की मौत हुई. 14 माह किसान आंदोलन के बाद भाजपा ने माफी मांग कर इस आंदोलन को समाप्त कराया. जो घटना हुई है इसकी जांच की जा रही है. भाजपा इस मामले को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रही है. किसान कर्ज में था या नहीं जांच के बाद ही सारी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी. -धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

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किसान ने सुसाइड नोट में लिखी ये बातें: 'मैं एक छोटा सा किसान हूं. खेती किसानी में पिछले 8-9 वर्षों से कभी पानी, कभी कीट प्रकोप से नुकसान हो रहा है. मुझे हर साल घाटा हो रहा है. इस वर्ष रबी सीजन में चार एकड़ फसल लो वोल्टेज के कारण फसल बर्बाद हो गई है. मुझे एक भी पैसा नही मिला और न ही शासन से कोई मदद मिली. पैसे की काफी तकलीफ हो रही है. मुझे न तो बीमा का लाभ मिला और न ही दो लाख की छूट मिली. अत: मेरे पास कोई और चारा नहीं बचा. मेरे चारों ओर अंधकार हो गया है.'

जानिए क्या कहती है प्रशासन की रिपोर्ट: बागबाहरा एसडीएम सृष्टि चंद्राकर ने मामले की जांच की. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक किसान कन्हैया लाल सिन्हा के नाम 4.5 एकड़ और उनके बेटे भागीरथी के नान 1.5 एकड़ खेती की जमीन है. 2021-22 मे 50 क्विंटल और 22-23 मे 64 क्विंटल धान सोसायटी में बेचा. बोनस का लाभ भी उठाया. मृतक कन्हैय्यालाल सिन्हा ने बीते चार सालों में 226 क्विंटल धान 4 लाख 34 हजार 952 रुपये समर्थन मूल्य पर बेचा. किसान पर सहकारी बैंक का कोई कर्ज नहीं था. उनके पुत्र के नाम पर मात्र 7747 रुपये का कर्ज था जो अब माफ हो गया है. राजीव गांधी किसान योजना के तहत उन्हें लाभांश भी मिलता था. कन्हैया लाल को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी प्राप्त हुआ है.

मृतक किसान ने एक्सिस बैक से 4 लाख रुपये का लोन लिया है लेकिन मृतक ने यह लोन अपने कृषि कार्य के लिए बल्कि घरेलु काम के लिए लिया था, जिसकी जांच अभी जारी है. लोगों की मांगें उच्चाधिकारियों तक पहुंचा दी जाएंगी. -सृष्टि चन्द्राकर, एसडीएम बागबाहरा

मृतक के पास सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसका परीक्षण किया जायेगा. जो तथ्य निकल कर सामने आएगा, उस पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. -आकाश राव, एडिशनल एसपी

प्रशासन की रिपोर्ट को लेकर सवाल खड़ा होता है कि जब किसान कन्हैया लाल सिन्हा बराबर धान बेचते थे, योजनाओं का लाभ लेते थे तो फिर सुसाइड किया ही क्यों. सुसाइड नोट में लो वोल्टेज से लेकर बीमा और योजनाओं का लाभ न मिलने की बात क्यों लिखी. सुसाइड नोट सच बोल रहे या प्रशासन की रिपोर्ट सच्ची है, यह तो जांच पूरी होने के बाद ही मालूम चल पाएगा. तब तक चुनावी साल में मामले के लेकर सियासत होती रहेगी.

किसान की मौत पर सियासत

महासमुंद: बागबाहरा विकास खंड के ग्राम पंचायत छुईया में किसान कन्हैया लाल सिन्हा ने 27 जुलाई को सुसाइड कर लिया. जेब से मिले सुसाइड नोट में कन्हैया लाल ने लो वोल्टेड के साथ ही सरकारी मदद न मिलने को अपने इस कदम का जिम्मेदार ठहराया. घटना के दूसरे दिन प्रशासन कुछ और ही कहानी लेकर सामने आया. सहकारी बैंक में कर्ज की बात को नकारते हुए कन्हैया की ओर से 4 साल में सवा चार लाख का धान बेचने का दावा किया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि जब कन्हैया लाल सिन्हा को फायदा हुआ तो फिर उन्होंने सुसाइड क्यों किया. इन्हीं सवालों को लेकर भाजपा ने शुक्रवार को भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और एसडीएम दफ्तार का घेराव किया.

किसान की मौत के लिए भूपेश बघेल सरकार जिम्मेदार-भाजपा: किसान कन्हैयालाल सिन्हा के सुसाइड को लेकर जिले में सियासत भी तेज हो गई है. किसान की मौत के लिए भाजपा भूपेश बघेल को जिम्मेदार बता रही है. खल्लारी विधानसभा के भाजपा कार्यकर्ताओं ने रैली निकाल कर एसडीएम कार्यालय का घेराव किया. भूपेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. इसमें मृतक किसान के आश्रितों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने के साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की गई है.

भूपेश बघेल की सरकार झूठी सरकार है. यह सरकार कहती है कि उसने एक एक किसानों का कर्ज माफ किया है. जबकि राष्ट्रीकृत बैंक के जितने भी किसान हैं, उनका कर्ज माफ नहीं हुआ है. यह सरकार कहती है कि हम फसल का उचित मूल्य दे रहे हैं, किसानों को बिजली दे रहे हैं. जबकि इन सारी चीजों की पोल कन्हैया लाल सिन्हा की आत्महत्या ने खोलकर रख दिया है. -डॉ विमल चोपड़ा, पूर्व विधायक व भाजपा नेता

किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस ने भी किया पटलवार: किसान कन्हैया लाल सिन्हा की आत्महत्या मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने दुख जताया है. मामले की जांच चलने की भी जानकारी दी. साथ ही किसानों के मुद्दे को लेकर पूर्ववर्ती रमन सिंह सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार को भी आड़े हाथों लिया. घटना को लेकर भाजपा पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोल लगाया.

15 साल के रमन सरकार में हजारों किसानों ने आत्महत्या की. 9 साल से केंद्र में मोदी सरकार है. 3 कृषि बिल को लेकर 700 किसानों की मौत हुई. 14 माह किसान आंदोलन के बाद भाजपा ने माफी मांग कर इस आंदोलन को समाप्त कराया. जो घटना हुई है इसकी जांच की जा रही है. भाजपा इस मामले को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रही है. किसान कर्ज में था या नहीं जांच के बाद ही सारी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी. -धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

Dhamtari News : घर का नाम सीएम भूपेश के नाम, कर्ज माफी के बाद पूरी की भाई की इच्छा
दुर्ग: किसान ने की आत्महत्या, कृषि मंत्री ने दिया जांच का आश्वास
किसान सुसाइड केस: पत्नी ने शासन प्रशासन से मुआवजे के रूप में मांगे एक करोड़ रुपये

किसान ने सुसाइड नोट में लिखी ये बातें: 'मैं एक छोटा सा किसान हूं. खेती किसानी में पिछले 8-9 वर्षों से कभी पानी, कभी कीट प्रकोप से नुकसान हो रहा है. मुझे हर साल घाटा हो रहा है. इस वर्ष रबी सीजन में चार एकड़ फसल लो वोल्टेज के कारण फसल बर्बाद हो गई है. मुझे एक भी पैसा नही मिला और न ही शासन से कोई मदद मिली. पैसे की काफी तकलीफ हो रही है. मुझे न तो बीमा का लाभ मिला और न ही दो लाख की छूट मिली. अत: मेरे पास कोई और चारा नहीं बचा. मेरे चारों ओर अंधकार हो गया है.'

जानिए क्या कहती है प्रशासन की रिपोर्ट: बागबाहरा एसडीएम सृष्टि चंद्राकर ने मामले की जांच की. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक किसान कन्हैया लाल सिन्हा के नाम 4.5 एकड़ और उनके बेटे भागीरथी के नान 1.5 एकड़ खेती की जमीन है. 2021-22 मे 50 क्विंटल और 22-23 मे 64 क्विंटल धान सोसायटी में बेचा. बोनस का लाभ भी उठाया. मृतक कन्हैय्यालाल सिन्हा ने बीते चार सालों में 226 क्विंटल धान 4 लाख 34 हजार 952 रुपये समर्थन मूल्य पर बेचा. किसान पर सहकारी बैंक का कोई कर्ज नहीं था. उनके पुत्र के नाम पर मात्र 7747 रुपये का कर्ज था जो अब माफ हो गया है. राजीव गांधी किसान योजना के तहत उन्हें लाभांश भी मिलता था. कन्हैया लाल को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी प्राप्त हुआ है.

मृतक किसान ने एक्सिस बैक से 4 लाख रुपये का लोन लिया है लेकिन मृतक ने यह लोन अपने कृषि कार्य के लिए बल्कि घरेलु काम के लिए लिया था, जिसकी जांच अभी जारी है. लोगों की मांगें उच्चाधिकारियों तक पहुंचा दी जाएंगी. -सृष्टि चन्द्राकर, एसडीएम बागबाहरा

मृतक के पास सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसका परीक्षण किया जायेगा. जो तथ्य निकल कर सामने आएगा, उस पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. -आकाश राव, एडिशनल एसपी

प्रशासन की रिपोर्ट को लेकर सवाल खड़ा होता है कि जब किसान कन्हैया लाल सिन्हा बराबर धान बेचते थे, योजनाओं का लाभ लेते थे तो फिर सुसाइड किया ही क्यों. सुसाइड नोट में लो वोल्टेज से लेकर बीमा और योजनाओं का लाभ न मिलने की बात क्यों लिखी. सुसाइड नोट सच बोल रहे या प्रशासन की रिपोर्ट सच्ची है, यह तो जांच पूरी होने के बाद ही मालूम चल पाएगा. तब तक चुनावी साल में मामले के लेकर सियासत होती रहेगी.

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