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महासमुंद: पटवारी ने घटाया किसानों का रकबा, परेशान हो रहे अन्नदाता - mahasamund news update

पटवारी की ओर से धान खरीदी के लिए हुए पंजीयन में रकबा कम करने से किसान परेशान हो रहे हैं. किसान पंजीयन में सुधार करवाने के लिए महीनों से शासकीय कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं.

farmers facing problem
किसान परेशान
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Published : Jan 30, 2020, 5:33 PM IST

Updated : Jan 30, 2020, 8:33 PM IST

महासमुंद: समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन में हुई गलती के कारण किसान महीनों से शासकीय कार्यालय के चक्कर लगाने के लिए मजबूर हैं. वहीं आला अधिकारी जल्द पंजीयन सुधरवाने की बात कह रहे हैं.

जिले में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 1 लाख 34 हजार 247 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है. 1 लाख 10 हजार 887 किसानों ने 51 लाख 19 हजार 144 क्विंटल धान बेचा है. पंजीयन के समय किसानों के रकबे को पटवारी ने घटाकर अंकित कर दिया, जिसके कारण किसान अपना सारा धान नहीं बेच पा रहे हैं.

किसान परेशान

किसानों का रकबा घटाया
बसना के ग्राम बड़ेटेमरी के किसान नारायण प्रसाद 3.280 हेक्टेयर में धान की खेती करते हैं. साल 2011 से इस रकबे पर धान बेचते आ रहे हैं. इस साल पटवारी ने रकबा घटाकर 1.22 हेक्टेयर कर दिया है और उसे इसी रकबे का टोकन दिया जा रहा था.

काट रहे शासकीय कार्यालय के चक्कर
सरायपाली के ग्राम बीरकोल के किसान सुभाष पटेल के पास 1.81 हेक्टेयर कृषि भूमि है. इस साल पंजीयन के समय रकबा घटाकर 46 हेक्टेयर कर दिया गया. पंजीयन सुधरवाने के लिए दोन किसान 2 महीनों से शासकीय कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. किसानों की शिकायत का अभी तक निराकरण नहीं हुआ है.

पढ़े:आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में टोकन सिस्टम जरूरत नहीं: महेश गागड़ा

लोन चुकाने में हो रही परेशानी
बता दें कि दोनों किसानों ने सोसाइटी से लाखों रुपए का कर्ज लिया है, जिसे धान बेचकर चुकाना है, लेकिन इस साल रकबा कम होने के कारण पूरा धान नहीं बेच सकेंगे, जिससे उनका लोन चुकता नहीं हो पाएगा.

महासमुंद: समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन में हुई गलती के कारण किसान महीनों से शासकीय कार्यालय के चक्कर लगाने के लिए मजबूर हैं. वहीं आला अधिकारी जल्द पंजीयन सुधरवाने की बात कह रहे हैं.

जिले में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 1 लाख 34 हजार 247 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है. 1 लाख 10 हजार 887 किसानों ने 51 लाख 19 हजार 144 क्विंटल धान बेचा है. पंजीयन के समय किसानों के रकबे को पटवारी ने घटाकर अंकित कर दिया, जिसके कारण किसान अपना सारा धान नहीं बेच पा रहे हैं.

किसान परेशान

किसानों का रकबा घटाया
बसना के ग्राम बड़ेटेमरी के किसान नारायण प्रसाद 3.280 हेक्टेयर में धान की खेती करते हैं. साल 2011 से इस रकबे पर धान बेचते आ रहे हैं. इस साल पटवारी ने रकबा घटाकर 1.22 हेक्टेयर कर दिया है और उसे इसी रकबे का टोकन दिया जा रहा था.

काट रहे शासकीय कार्यालय के चक्कर
सरायपाली के ग्राम बीरकोल के किसान सुभाष पटेल के पास 1.81 हेक्टेयर कृषि भूमि है. इस साल पंजीयन के समय रकबा घटाकर 46 हेक्टेयर कर दिया गया. पंजीयन सुधरवाने के लिए दोन किसान 2 महीनों से शासकीय कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. किसानों की शिकायत का अभी तक निराकरण नहीं हुआ है.

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लोन चुकाने में हो रही परेशानी
बता दें कि दोनों किसानों ने सोसाइटी से लाखों रुपए का कर्ज लिया है, जिसे धान बेचकर चुकाना है, लेकिन इस साल रकबा कम होने के कारण पूरा धान नहीं बेच सकेंगे, जिससे उनका लोन चुकता नहीं हो पाएगा.

Intro:एंकर- समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए किसानों का हुए पंजीयन में त्रुटि के कारण किसान महीनों से शासकीय कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर है ताजा मामला महासमुंद जिले के बसना सरायपाली ब्लॉक में सामने आया है जहां पंजीयन के समय पटवारी के द्वारा किसान का रकबा घटा कर भर देने से किसान अपनी आधी फसल भी नहीं बेच पा रहे हैं जिसे
सुधरवाने के लिए किसान 2 महीनों से शासकीय कार्यालय के चक्कर काट रहे पर निराकरण आज तक नहीं हुआ जहां किसान आधे से कम रकबा होने के कारण अपना लोन नहीं पटा पाएंगे जिसकी चिंता उन्हें सता रही है वही आला अधिकारी रटा रटाया राग अलापते हुए जल्द सुधरवाने की बात कह रहे हैं।


Body:वीओ 1 - महासमुंद जिले में समर्थन मूल्य परधान बेचने के लिए 1 लाख 34 हज़ार 247 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है और 1 दिसम्बर से लेकर आज तक 1 लाख 10 हज़ार 887 किसानों ने 51 लाख 19 हज़ार 144 क्विंटल धान बेचा है पंजीयन के समय किसानों के रकबा को पटवारी के द्वारा घटाकर अंकित कर देने के कारण किसान अपना सारा धान नहीं भेज पा रहे हैं पहला मामला बसना के ग्राम बड़ेटेमरी का है जहां के किसान नारायण प्रसाद 3 दशमलव 280 हेक्टेयर में धान की खेती करते हैं और वर्ष 2011 से इसी रकबे पर धान बेचते आ रहे हैं इस वर्ष पटवारी ने उनका रकबा घटा कर 1 दशमलव 22 हेक्टेयर कर दिया और जब नारायण प्रसाद टोकन लेने गए तो उन्हें इसी रख बे का टोकन दिया जा रहा था लेकिन किसान ने टोकन नहीं लिया इसके बाद उसे सुधरवाने के लिए 2 महीनों से शासकीय कार्यालय के चक्कर लगा रहे पर किसान के शिकायत का अभी तक निराकरण नहीं हो पाया एक दूसरा मामला सरायपाली के ग्राम बीरकोल का है जहां के किसान सुभाष पटेल के पास 1 दशमलव 81 हेक्टेयर कृषि भूमि है और पूरे में धान की फसल लेते हैं पर इस वर्ष पंजीयन के समय उनका रकबा घटाकर दशमलव 46 हेक्टेयर कर दिया गया जिसे सुधर वाने के लिए सुभाष पटेल पिछले दो माह से शासकीय कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं आपको बता दें कि दोनों किसानों ने सोसाइटी से लाखों रुपए का कर्ज लिये है जिसे वे धान बेचकर पटा देते थे पर इस वर्ष रखबा कम हो जाने के कारण उतना भी धान नहीं बेच पायेगे जिससे उनका लोन समाप्त हो सके यही चिंता इन किसानों को सता रही है।


Conclusion:वीओ 2 - इस पूरे मामले में आला अधिकारी रटा रटाया राग अलापते हुए जल्द सुधारने की बात कह रहे हैं गौरतलब है कि धान खरीदी के लिए मात्र 15 दिन शेष हैं और 23 हजार 360 किसानों ने अभी तक धान नहीं भेजा है और लगभग सैकड़ों किसानों के रकबे में त्रुटि होने के कारण किसान धान नहीं बेच पा रहे हैं जो प्रशासनिक कार्यप्रणाली को दर्शाता है।

बाइट 1 - नारायण प्रसाद पीड़ित किसान पहचान नीले कलर का जैकेट।

बाइट 2 - सुभाष पटेल पीड़ित किसान का पुत्र पहचान कत्थे कलर का जैकेट और बैग लटकाया हुआ।

बाइट 3 - अजय यादव खाद्य अधिकारी महासमुंद पहचान चश्मा लगाया हुआ और नीले कलर का शर्ट पहना हुआ।

हकीमुद्दीन नासिर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़
Last Updated : Jan 30, 2020, 8:33 PM IST
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