महासमुंद : सिरपुर में सोमवार की रात एक बार फिर दंतेल हाथियों का कहर देखने को मिला. हाथियों ने वास्को डा के पट्टी नंबर-1 में दो युवकों को मौत के घाट उतार दिया. हाथी के हमले में मरने वाले युवकों के नाम बीसाहू ध्रुव और गोविंद पटेल बताए जा रहे हैं.
दोनों युवक गांव के अंतिम छोर मौजूद पंचायत भवन के पास खेत में धान की रखवाली करने गए थे और नींद करने पर वहीं सो गए थे. इसी दौरान हाथियों ने उनपर हमला कर दिया.
23 हाथियों के मौजूद होने की खबर
बता दें कि बांकुड़ा सिरपुर क्षेत्र में शामिल है, जहां गांव के आसपास अभी भी जंगलों में 23 हाथियों के दल की होने की सूचना है. सोमवार को भी दल से अलग होकर दंतेल हाथी बांकुड़ा और गुरु डी के आसपास खेतों और राहों में भटक रहे थे. जिसे लेकर गजराज वाहन और हंसी मित्र दलों ने गांव में मुनादी भी कराई गई थी.
धान की खूशबू से पहुंचे हाथी: वन विभाग
वन विभाग यह भी अंदाजा लगा रहा है कि दोनों युवकों ने शराब पी रखी होगी और वहीं धान के बोरे में सो गए. हाथी धान की खुशबू सूंघते हुए जब वहां पहुंचे तो, खेत में युवकों लेटा देखकर भड़क गए और उनपर हमला बोल दिया.
25 हजार रुपये का दिया मुआवजा
वन विभाग की टीम और तुमगांव पुलिस मौके पर पहुंची और देर रात ही दोनों युवकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है. विभाग ने मृतक परिवार को प्राथमिक तौर पर 25 हजार रुपये का मुआवजा दिया है. इसके साथ ही वन विभाग ने मामले की जांच के बाद बची हुई मुआवजा राशि देने की बात कही है.
फसलों को पहुंचा रहे नुकसान
गौरतलब है कि कुछ महीने से बाहर नयापारा अभयारण्य की तरफ गए हाथी एक बार फिर सिरपुर क्षेत्र में लौट आए हैं और कुकराडीह, लहंगर, खड़सा में डेरा डाल रखा है. जहां रोजाना यह हाथी किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, तो कभी लोगों से सामना होने पर उन्हें मौत के घाट उतार रहे हैं.
पांच साल में 18 लोगों की ली जान
सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो महासमुंद जिले में बीते 5 सालों में हाथियों ने अब तक 18 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है और हाथी के हमले में 12 लोग घायल हुए हैं. इसके साथ ही हाथियों ने 52 गांव के 7964 किसानों के सैकड़ों हेक्टेयर की फसल को बर्बाद किया है, तो वहीं हाथियों ने 94 ग्रामीणों के मकानों को भी नष्ट किया है, जिसमें वन विभाग करोड़ों रुपए का मुआवजा बांट चुका है.