महासमुंद : कृषि कानून को लेकर भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इसी कड़ी में महासमुंद लोकसभा के भाजपा सांसद चुन्नीलाल साहू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि कानून के फायदे बताए. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर पहले समर्थन और बाद में विरोध करने का आरोप भी लगाया है. सांसद चुन्नीलाल साहू ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी कृषि संशोधन बिल को लेकर राजनीति कर रही है.
भाजपा सांसद चुन्नीलाल साहू ने ये भी कहा कि कांग्रेस कृषि कानून का विरोध कर किसानों के विकास को प्रभावित करेगी. कांग्रेस का कल्याण योजनाओं में दोहरी राजनीति कर रही है. चुन्नीलाल साहू ने यह भी कहा कि यह कानून पूरी तरह से किसान के हित में है. पहले किसान अपनी उपज में से जितना धान है, उसका आधा ही समर्थन मूल्य में दे पाता था और बाकी धान का रेट बहुत कम रेट में जाता है.
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'कांग्रेस समझ नहीं पाई'
उन्होंने कहा कि इस कानून के आने के बाद बचे धान को किसान अन्य जगह जाकर ज्यादा रेट में बेच सकेंगे. वहीं खेती समूह में फूड एंड प्रोसेसिंग पर भी काम कर सकता है. एग्रीमेंट का मतलब छत्तीसगढ़ी में रेघा कहते हैं. किसान कभी भी इस अनुबंध को तोड़ सकता है, पर जिस कंपनी के तरफ से ये अनुबंध खत्म होगा तो वह डेढ़ गुना पैसा किसान को 30 दिन में एसडीएम के माध्यम से देना पड़ेगा. ऐसी विभिन्न सारी बातें हैं जिसे कांग्रेस समझ नहीं पाई है.
पीसीसी चीफ मोहन मरकाम की एकटुक
बता दें कि पीसीसी चीफ मोहन मरकान ने ETV भारत से खास बातचीत में कृषि कानून का विरोध किया था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर उसमें कृषि विधेयक को लेकर नया कानून बना सकती है. इसको लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है. मोहन मरकाम ने प्रदेश के बीजेपी नेताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में काफी अंतर है. पूर्व में प्रदेश के किसानों को धान का समर्थन मूल्य 2100 रुपए देने की बात करते थे. जो सरकार ने दिया भी नहीं और जब हमारी कांग्रेस की सरकार किसानों को 2500 रुपए धान का समर्थन मूल्य दे रही है तो, उसमें केंद्र की बीजेपी सरकार अड़ंगा लगा रही है. बीजेपी किसान विरोधी है.