महासमुंद: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने से पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वादा किया था कि सरकार बनने पर उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें कलेक्ट्रेट दर पर मानदेय दिया जाएगा. लेकिन कांग्रेस सरकार के चार साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मांगे पूरी नहीं की है.
ये हैं कार्यकर्ताओं की मांग: छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के संयुक्त मंच से आंगनबाड़ी जिला अध्यक्ष सुलेखा शर्मा और उपाध्यक्ष सुधा रात्रे ने बताया कि छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की 6 प्रमुख मांगें हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करने किया जाए, राज्य सरकार अपने जन घोषणा पत्र में घोषित नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन और कलेक्टर दर पर वेतन तत्काल दिए जाए, आंगनबाड़ी सहायिकाओं के रिक्त पद पर शत प्रतिशत और कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर शतप्रतिशत पदोन्नति दी जाए, इसके साथ ही विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन की जाए.
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इन मागों को लेकर हैं कार्यकर्ता कर रहे प्रदर्शन: आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी स्कूलों में प्रायमरी शिक्षक का दर्जा और वेतन दिया जाए, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकत्तों के बराबर समान काम का समान वेतन और कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद पर समाहित किया जाए, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 लाख रुपये और सहायिकाओं को 3 लाख रुपये रिटायरमेंट के बाद एक मुश्त राशि दिए जाने एवम मासिक पेंशन, ग्रेच्यूटी और समूह बीमा योजना लागू करने की मांग और अंतिम प्रदेश स्तर में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाय और पोषण ट्रैक और अन्य कार्य के लिये जब तक मोबाईल, नेट चार्ज नहीं दिया जाता, तब तक मोबाईल पर कार्य का दबाव ना बनाने की मांग की गई है.